Today Breaking News

कबूतरबाजी गिरोह का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, विदेश भेजने का झांसा दे 130 युवकों से 80 लाख रुपये ठगा

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. पुलिस ने बीती देर रात जंगल कौड़िया से कबूतरबाजी के एक बड़े गिरोह के मास्टरमाइंड को धर दबोचा। 10 हजार के इनामी अभयनाथ मौर्य उर्फ सौरभ पांडे को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपित ने विदेश भेजने का झांसा देकर करीब 130 लोगों से 80 लाख रुपये की ठगे थे। दोपहर बाद आरोपित को न्यायालय में पेश किया जहां से जेल भेज दिया गया।
एसपी उत्तरी जितेंद्र कुमार ने बताया कि इस गिरोह ने “शीतल ट्रेनिंग एंड ट्रेड स्टेट सेंटर” नाम से जंगल कौड़िया में आफिस खोल रखा था, जिसमें लोगों को पासपोर्ट, वीजा और फ्लाइट टिकट दिलाने का लालच देकर पैसे ऐंठे जाते थे। पुलिस जांच में सामने आया कि यह पूरा मामला एक सुनियोजित कबूतरबाजी का जाल था, जिसमें कई मासूम बेरोजगारों के सपनों को रौंदा गया। पीड़ितों को 17 और 18 अप्रैल 2024 की तारीख़ों के लिए हवाई यात्रा के टिकट दिए गए थे। लेकिन जब ये लोग एयरपोर्ट पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि टिकट रद है और वीजा भी फर्जी है।

इसके बाद 42 पीड़ितों ने एकजुट होकर पीपीगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई।जांच में यह भी पता चला कि इस गिरोह का सरगना गगहा के हरिखोरा गांव में रहने वाला अभयनाथ मौर्य है इसे लोग सौरभ पांडेय नाम से जानते थे। इसके आलवा गगहा के चंदन (निकेतन नाम से सक्रिय) और खोराबार के निकेतन त्रिपाठी भी शामिल थे।

जालसाज रुपये को दो बैंक खातों में जमा कराते थे। पीड़ितों का आरोप था कि हर व्यक्ति से करीब 65 हजार रुपये वसूले गए थे। इस मामले आरोपित बनाए गए निकेतन त्रिपाठी और एक अन्य व्यक्ति को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है।

गुजरात में शराब का धंधा भी करता था आरोपित :
ठगी के अलावा अभियुक्त अभयनाथ मौर्य के खिलाफ गुजरात में अवैध शराब के कारोबार में लिप्त होने के भी सबूत मिले हैं। यही वजह थी कि उस पर पहले से 10 हजार रुपये का इनाम घोषित था। मुखबिर की सूचना पर चौकी प्रभारी विकास मिश्रा, उपनिरीक्षक सौरभ यादव और सिपाही विश्लेंद्र यादव की टीम ने शुक्रवार रात उसे जंगल कौड़िया से गिरफ्तार कर लिया।

कैसे बचें ऐसी ठगी से?
एजेंट का लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन नंबर अनिवार्य रूप से जांचें।
जिस कंपनी या संस्थान से आप डील कर रहे हैं,उसका फिजिकल आफिस जाकर जांच करें कि वह असली है या नहीं।
सभी वादों और लेन-देन का लिखित दस्तावेज बनवाएं।नकद भुगतान से बचें, भुगतान सिर्फ ट्रैक योग्य माध्यमों से करें।
फर्जी वीजा से बचने के लिए संबंधित दूतावास या आधिकारिक वेबसाइट से वीजा की पुष्टि करें।
अगर कोई भी व्यवहार या दस्तावेज संदेहास्पद लगे तो तुरंत नजदीकी थाने या ईगल सेल में शिकायत दर्ज कराएं।
 
 '