दलित युवक की हत्या कर शव जलाया, पुलिस को 2 घंटे नहीं उठाने दी बॉडी; विपक्ष ने बोला हमला
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. प्रयागराज में रविवार को एक दलित युवक की हत्या कर शव जला दिया गया। गांव के बाहर बगीचे में उसकी अधजली लाश मिली। परिवार वालों ने गांव के ही 7 लोगों पर जिंदा जलाकर हत्या करने का आरोप लगाया है।
पुलिस ने सभी के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस मुख्य आरोपी की तलाश में दबिश दे रही है। मामला करछना थाना क्षेत्र का है।
वहीं, मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर युवक के घरवालों ने 2 घंटे तक शव नहीं उठने दिया। पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद लोगों को समझा कर शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।
दलित युवक की हत्या का मामला सामने आते ही बसपा प्रमुख मायावती ने X पर पोस्ट कर शोक जताया। उन्होंने लिखा- सामंती लोगों ने एक दलित की हत्या कर दी।
वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- सत्ता का अपने लोगों को दिया अवांछित प्रश्रय और अहंकार अब सरेआम हत्यारे तक करवा रहा है।
युवक को घर से गेहूं की मड़ाई की बात कहकर ले गए थे इसौटा गांव में रहने वाले दलित अशोक कुमार का बेटा 30 साल का बेटा देवी शंकर मजदूरी करता था। उसके 3 बच्चे हैं। एक बेटी काजल और दो बेटे सूरज, आकाश हैं। पत्नी की मौत हो चुकी है। वह मां-बाप का अकेला बेटा था।
देवी शंकर शनिवार शाम को घर से निकला था। रात भर जब वह घर नहीं लौटा, तो सुबह घर वालों ने देवी शंकर की तलाश शुरू की। इस बीच गांव वालों से पता चला कि एक युवक का अधजला शव बगीचे में पड़ा है। परिजन वहां पहुंचे, तो रोने-चिल्लाने लगे।
ग्रामीणों ने रात में बगीचे में आग जलती देखी थी गांव वालों ने पुलिस को बताया कि शनिवार रात करीब 2 बजे बगीचे में आग लगी थी। रात होने की वजह से वहां कोई देखने नहीं गया। सुबह जब हम लोग पहुंचे, तो वहां युवक की जली हुई लाश पड़ी थी।
पिता अशोक कुमार ने बताया- बेटे देवी शंकर को गांव के ही 4 युवक बुलाकर ले गए थे। उससे कहा गया था कि गेहूं की मड़ाई का काम करना है। हमने बेटे को उनके साथ जाते देखा था। देर रात तक जब बेटा नहीं लौटा तो हमें लगा मड़ाई में समय लग रहा होगा। इसलिए मैं सो गया।
सुबह-सुबह गांव वालों का शोर सुनाई दिया, तो मैं मौके पर पहुंचा। वहां देखा कि मेरे बेटे की लाश अधजली पड़ी थी। उसे जिंदा जलाकर मार दिया गया। जो लोग उसे लेकर गए थे, उन्होंने ही उसे जलाकर मार दिया है। पिता का कहना है कि छुट्टन सिंह और उसके साथियों के साथ देवी शंकर का रुपए का लेन-देन चल रहा था। इसी को लेकर पहले भी झगड़ा हुआ था।
घर वालों की ओर से गांव के ही छुट्टन सिंह, मोहित गुप्ता, अजय सिंह, मनोज सिंह, सोनू सिंह, शेखर सिंह के खिलाफ नामजद शिकायत दी गई है। सभी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस सभी से पूछताछ कर रही है।
भतीजे राहुल ने बताया कि शाम को कुछ लोग आए और चाचा को लेकर गए थे। उन लोगों ने कहा था कि गेहूं काटने का काम है। वहां पर क्या हुआ, कुछ पता नहीं चला।
2 घंटे तक नहीं उठाने दी डेडबॉडी हत्या की सूचना के बाद जब पुलिस गांव पहुंची, तो लोगों ने शव नहीं उठने दिया। पुलिस के सामने डेडबॉडी रखकर प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान करीब 1 घंटे तक पुलिस ग्रामीणों को समझाती रही।
इसी बीच कुछ लोगों ने मुख्य आरोपी छुट्टन सिंह के घर पर भी धावा बोल दिया। हालांकि पुलिस ने लोगों को समझाकर शांत किया। पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। अब मुख्य आरोपी छुट्टन सिंह की तलाश है।
एसीपी करछना वरुण कुमार ने बताया- रात में देवी शंकर को काम के बहाने गांव के 4 युवक लेकर गए थे। सुबह उसकी लाश मिली। परिजनों का कहना है कि जहां काम पर गया, उन्हीं लोगों ने हत्या कर दी। शव देखने से ऐसा लगता है कि हत्या करने के बाद जलाया गया है।
जिंदा जलाने की बात साफ नहीं हो पा रही है। परिवार वालों का आरोप है कि उसे जिंदा जला दिया गया। अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से साफ हो सकेगा कि उसे किस तरह मारा गया है। 6 लोगों को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है।
मायावती ने लिखा- सामंती तत्वों ने दलित की हत्या कर दी
इस हत्याकांड को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने दुख जताया। उन्होंने सोशल मीडिया X पर लिखा कि सामंती तत्वों ने एक दलित कर दी। यह घटना अति-दुखद और चिंतनीय है। प्रदेश में बेलगाम हो रहे ऐसे आपराधिक, असमाजिक और सामंती तत्वों के खिलाफ सरकार जरूर सख्त कार्रवाई करके कानून के राज को कायम करें।
साथ ही, संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के अनादर की घटनाओं को भी सरकार पूरी गंभीरता से ले। समाज में तनाव और हिंसा पैदा करने वाले ऐसे गुनहगारों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करे। जिससे ऐसी घटनाओं की पुनरावृति रुक सके।
अखिलेश बोले- यह सत्ता के अहंकार का नतीजा
अखिलेश यादव ने भी X पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा- प्रयागराज में एक प्रभुत्ववादी द्वारा दलित समाज के एक युवक को जिंदा जलाकर मारने का जघन्य अपराध हुआ है। इसने साबित कर दिया है कि सत्ता का अपने लोगों को दिया अवांछित प्रश्रय और अहंकार अब सरेआम हत्याएं तक करवा रहा है।
बाबा साहेब की जयंती के पहले ऐसी घटना को अंजाम देकर कुछ शक्तिशाली लोग अपनी ताकत का जो संदेश समाज को देना चाहते हैं, वो लोग एक बीमार सोच से ग्रसित नकारात्मक और अत्याचारी लोग हैं। देखते हैं इन दबंग आपराधिक तत्वों के घर पर बुलडोजर भेजने का नैतिक बल और ऊर्जा किसी में शेष बची है। या फिर वो अपराधियों के सामने सरेंडर करके, ठंडे पड़ गए हैं। अगर ‘निंदनीय’ से भी निम्नतर कोई शब्द हो सकता है, तो उसे इस कुकृत्य की निंदा के लिए इस्तेमाल करना चाहिए।