कुकर्म की खबर न छपे, इसलिए पुजारी ने दैनिक जागरण के पत्रकार को मरवाया
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, सीतापुर. सीतापुर में दैनिक जागरण (dainik jagran) के पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की हत्या मंदिर के पुजारी ने कुकर्म की खबर दबाने के लिए कराई थी। पुजारी ने 4 लाख में दो शूटर हायर किए थे। हत्या करने के बाद पुजारी ने होटल में पार्टी की थी।
पत्रकार हत्याकांड का पुलिस ने 33 दिन बाद गुरुवार को खुलासा किया। इसमें पांच लोग शामिल थे। मुख्य आरोपी कारेदेव बाबा मंदिर के पुजारी को उनके दो परिचितों के साथ गिरफ्तार किया गया है। गोली मारने वाले दोनों शूटरों की तलाश जारी है। उन्हें पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच की तीन टीमों के अलावा STF की सात टीमें लगातार लगी हैं।
पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की 8 मार्च को दोपहर करीब तीन बजे गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हेमपुर ओवरब्रिज पर शूटर घात लगाए बैठे थे।
पुजारी बोला- पत्रकार ने मांगे थे 20 लाख रुपए
आरोपी पुजारी शिवानन्द बाबा ने पुलिस को बताया मंदिर में आने जाने के दौरान पत्रकार राघवेंद्र से हमारी दोस्ती हुई। करीब दो महीने पहले राघवेंद्र बाजपेई ने हमें आपत्तिजनक हालत में देखकर फोटो खींच ली थी। पत्रकार ने इस चीज को दबाने के लिए 20 लाख रुपए की मांग की थी।
हमने कुछ पैसे देकर मामले को खत्म करने की बात कही तो वह नहीं माने। जिसके बाद हमने अपने मंदिर में आने वाले साथी असलम गाजी और निर्मल सिंह के साथ शूटरों को 4 लाख की सुपारी दी।
अब विस्तार से जानिए मामला...
पुलिस की शुरुआती जांच धान खरीद में घोटाले की खबरों पर टिकी थी। पत्रकार राघवेंद्र ने धान खरीद में गड़बड़ी को छापा था। कर्मचारियों पर एक्शन भी हुए थे। पुलिस ने 4 हजार से अधिक नंबरों को सर्विलांस रखा। 100 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ की गई।
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ये राघवेंद्र बाजपेई हैं। जिनकी गोली मारकर हत्या की गई। दैनिक जागरण में महोली तहसील के पत्रकार थे। |
पता चला कि दैनिक जागरण पत्रकार राघवेन्द्र बाजपेयी महोली कस्बे में अपने परिवार के साथ रहते थे। उनका कारेदेव मंदिर पर आना-जाना था। पिछले 5-6 महीनों से राघवेंद्र का मंदिर पर आना- जाना काफी बढ़ गया था। मंदिर के मुख्य पुजारी रमाकांत मिश्रा हैं, वे महोली के कारीपाकर के रहने वाले हैं। इसी मंदिर में शिवानंद बाबा नाम का व्यक्ति भी 5 साल से रह रहा था। उसका असली नाम विकास राठौर उर्फ विकास मिश्रा है। वह रामकोट के अहाता कप्तान का रहने वाला है।
पुलिस ने CCTV खंगाले। फुटेज में दो लोग कारेदेव बाबा मंदिर और राघवेंद्र के घर के आसपास और महोली कस्बे में संदिग्ध रूप से घूमते नजर आए। इन पर शक पुख्ता होते ही गहनता से जांच की गई। पुलिस ने शूटरों के स्केच भी बनवाए।
पूछताछ के लिए शिवानंद बाबा, उनके करीबी निर्मल सिंह और असलम गाजी को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की गई।
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ये है शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर। मंदिर का पुजारी है। एक दिन मंदिर के अंदर बच्चे से कुकर्म कर रहा था। |
सामने आया कि राघवेंद्र के हाथ शिवानंद बाबा के कुछ ऐसे राज लग गए थे। जिससे उसकी काफी बदनामी होती। इसका जिक्र शिवानंद ने अपने करीबी निर्मल सिंह से किया। निर्मल सिंह ने असलम गाजी की मदद से दो शूटरों को राघवेंद्र की सुपारी दी। इसके बाद रेकी कर शूटरों ने राघवेंद्र की हत्या कर दी।
पत्रकार ने नाबालिग बच्चे के साथ संबंध बनाते देखा
शिवानंद बाबा मुख्य पुजारी रमाकांत मिश्रा की मदद करता था। वह तंत्र-मंत्र भी करता है। राघवेंद्र की शिवानंद बाबा से दोस्ती थी। शिवानंद मंदिर आने वाले एक नाबालिग बच्चे के साथ कई महीने कुकर्म कर रहा था। उसके क्षेत्र के कई व्यक्तियों से भी समलैंगिक संबंध थे।
फरवरी महीने में राघवेंद्र बाजपेयी ने विकास को नाबालिग बच्चे के साथ संबंध बनाते हुए देख लिया था। शिवानंद को डर था कि राघवेंद्र कहीं उसका ये कुकृत्य जगजाहिर न कर दें। अगर उसने उसका राज खोल दिया तो मंदिर से बाहर कर दिया जाएगा। समाज में भी बड़ी बदनामी होगी।
शिवानंद ने राघवेंद्र को अपने रास्ते से हटाने का फैसला किया। उसने दो अपराधियों निर्मल सिंह और असलम गाजी से संपर्क किया। 4 लाख की सुपारी देकर पत्रकार राघवेंद्र की हत्या करने को कहा। निर्मल और असलम ने शिवानंद को भरोसा दिया था कि वे राघवेंद्र को एक महीने के अंदर मार देंगे।
इसके बाद शिवानंद दैनिक जागरण पत्रकार राघवेंद्र के साथ और नजदीकी बढ़ाने लगा, ताकि किसी को उस पर शक न हो। 6 मार्च की शाम को राघवेंद्र, शिवानंद, रमाकांत अपने कुछ अन्य साथियों के साथ खीरी में रासलीला का एक कार्यक्रम देखने गए। जहां पर शिवानंद की मुलाकात कोमल मिश्रा नाम के व्यक्ति से हुई, जो रासलीला में कलाकार था। शिवानंद वहां कोमल से भी संबंध बनाने का प्रयास करने लगा।
हत्या के बाद की पार्टी
8 मार्च को शिवानंद ने दैनिक जागरण पत्रकार राघवेंद्र को बहाने से मंदिर पास बुलाया। दोपहर 3 बजे रास्ते में घात लगाए बैठे शूटरों ने राघवेंद्र की हत्या कर दी।
हत्या के बाद शिवानंद बाबा ने दोपहर 3.40 बजे कोमल को फोन किया। दोनों मिले और शॉपिंग की। सीतापुर के राजस्थानी होटल में शाम के समय खाना खाया। फिर राजस्थानी होटल में ही एक कमरा बुक कराकर साथ में रात में रुके। जहां शिवानंद ने कोमल के साथ अप्राकृतिक संबंध बनाए गए। कमरे में 6 बीयर पी और भांग भी खाई।
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8 मार्च को महोली कस्बे में दो लोग बाइक से संदिग्ध रूप से घूमते नजर आए थे। |
दैनिक जागरण पत्रकार ने मामले को दबाने के लिए 20 लाख की मांग की थी
पुलिस का दावा है कि शिवानंद बाबा ने पूछताछ में बताया कि दैनिक जागरण पत्रकार ने उसे दबाने के लिए 20 लाख की डिमांड की थी। हत्या में अभी दो लोग फरार हैं। उनकी तलाश की जा रही है।
10 दिनों तक की थी रेकी
पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्रा ने बताया- शूटरों ने मोबाइल फोन का इस्तेमाल ना करते हुए करीब 10 दिनों तक पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की रेकी की थी। उसके बाद दिनदहाड़े वारदात को अंजाम दिया था।
एएसपी डॉ प्रवीण रंजन सिंह के नेतृत्व में कुल 12 टीमों ने अपनी जांच कर रही थी। 33 दिनों में चार हजार से अधिक नंबरों को बीटीएस की मदद से रडार पर लिया गया। वहीं, सौ से अधिक संदिग्धों से पूछताछ की गई।
पत्रकार की पत्नी को पुलिस पर भरोसा नहीं
दैनिक जागरण के पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की पत्नी रश्मि ने पुलिस के खुलासे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, पुलिस ने जो खुलासा किया है, उस पर हमें विश्वास नहीं है। पहले हमारे पति को कुकर्मी बताया गया, और अब 34 दिन बाद पुलिस कह रही है कि इन्होंने (राघवेंद्र ने) बाबा को कुकर्म करते हुए देखा था। ऐसे में हम यह समझ नहीं पा रहे हैं कि पुलिस सही क्या बता रही है और गलत क्या। पुलिस कह रही है कि ये (हमारे पति) 20 लाख रुपए मांग रहे थे। हम मुख्यमंत्री जी के पास जाएंगे और उनसे इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करेंगे।
अब जानिए पूरा मामला
घटना इमलिया सुल्तानपुर थाना क्षेत्र में हुई थी। पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई महोली कस्बे के रहने वाले थे। वे एक राष्ट्रीय अखबार में महोली तहसील के पत्रकार थे।
पुलिस के मुताबिक, लखनऊ-दिल्ली नेशनल हाईवे पर हेमपुर रेलवे क्रासिंग के पास बने ओवर ब्रिज पर बाइक सवार हमलावरों ने राघवेंद्र पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। तीन गोली उनके कंधे और सीने में लगी। वारदात को अंजाम देने के बाद हमलावर बाइक से फरार हो गए।
फायरिंग से मौके पर अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने घायल राघवेंद्र को जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।