मस्जिद में जानवर का सिर रखकर पिता और भाई को फंसाना था, नजरुद्दीन बोला- मुझे प्रॉपर्टी में हिस्सा नहीं दिया
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, आगरा. मैं अपने पिता और भाइयों को फंसाना चाहता था। ये लोग पूरी संपत्ति पर कब्जा करके बैठे हैं। कारोबार करते हैं और मुझे खर्चे के लिए पिता से रुपए मांगने पड़ते हैं। मैं जानता था कि मस्जिद में जानवर का सिर मस्जिद में रखना अपराध होता है। बवाल हो जाता है। मेरे पिता और भाई फंस जाएं, इसलिए बैग में जानवर के कटे सिर के साथ पिता का पैन कार्ड भी छोड़ आया था।
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सीसीटीवी में आरोपी बैग के साथ कैद हुआ था, जिसे पुलिस ने चार घंटे में अरेस्ट कर लिया था। |
यह कबूलनामा आगरा के नजरुद्दीन का है। नजरुद्दीन ने पुलिस को बताया कि मुझे किसी ने ऐसा करने के लिए नहीं कहा था। पुलिस अभी आरोपी की कहानी पर यकीन नहीं कर रही है।
पुलिस का तर्क है कि अगर वह अपने घरवालों को फंसाना चाहता था तो जुमे का दिन ही क्यों चुना? पुलिस हिरासत में लेकर आरोपी नजरुद्दीन से पूछताछ कर रही है। जुमे की नमाज के बाद हंगामा करने वालों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।
पढ़िए पूरा मामला
आगरा की शाही जामा मस्जिद में शुक्रवार सुबह बैग में जानवर का कटा सिर रखा था। सुबह जब लोग नमाज के लिए पहुंचे तो उनकी नजर बैग पर पड़ी। जानकारी मिलते ही सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग मस्जिद में पहुंच गए।
जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने इसकी सूचना पुलिस को दी। बैग मस्जिद के हाल के एक कोने में रखा था। पुलिस ने वहां से बैग हटाया। इसके बाद मस्जिद धुलवाई गई और दोपहर में जुमे की नमाज पढ़ी गई।
नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग सड़क पर उतरकर हंगामा करने लगे। पुलिस ने उन्हें समझाने का प्रयास किया। मगर वह नहीं माने। हंगामा बढ़ते देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर सभी को खदेड़ा। मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है।
इससे पहले सुबह ही पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे खंगाले। उसमें एक आरोपी मस्जिद में बैग रखते नजर आया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को 4 घंटे में अरेस्ट कर लिया। आरोपी की पहचान नजरुद्दीन निवासी टीला नंदराम मंटोला के रूप में हुई।
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जानवर का कटा सिर हटाने के बाद जामा मस्जिद की धुलाई की गई। |
लोग बोले- नजरुद्दीन पैसों के लिए कुछ भी कर सकता है
पुलिस पूछताछ में आरोपी नजरुद्दीन ने बताया कि मैं अपने भाइयों और पिता को फंसाना चाहता था। पिता का जूते का कारोबार है। भाइयों के पास कपड़े की दुकानें हैं। मेरे पास कोई काम नहीं।
आरोपी की बात में कितनी सच्चाई है, यह जानने के लिए पुलिस नजरुद्दीन की कॉलोनी में पहुंची। लोगों ने बताया कि आरोपी का परिवार मूलत: काजीपाड़ा का निवासी है। वर्तमान में काजीपाड़ा वाले घर में एक भाई रहता है। परिवार के अन्य सदस्य शाहगंज के कोलिहाई इलाके में रहते हैं।
पिता का जूते का कारखाना अच्छा चलता है। नजरुद्दीन का पहले मानसिक चिकित्सक से इलाज चला है। वह रुपए के लिए कुछ भी कर सकता है। उसके पिता ने उसके लिए पानी का प्लांट खुलवाया था, लेकिन उसने प्लांट बंद कर दिया। अब उसे किराए की रकम से कुछ खर्चा दिया जाता है। वह पैसे के लिए परेशान रहता है। इधर-उधर भटकता रहता है।
इन सवालों के जवाब तलाश रही पुलिस
आरोपी नजरुद्दीन पुलिस हिरासत में है। पुलिस यह मानकर चल रही है कि माहौल बिगाड़ने के लिए ऐसा किया गया। पुलिस कुछ सवालों को लेकर उससे आरोपी से पूछताछ कर रही है।
पहला सवाल यह है कि अगर परिवार से बदला लेना था तो जुमे का दिन ही क्यों चुना?
दूसरा सवाल, इंतजामिया कमेटी को लेकर दो गुटों में तकरार चल रही है, कहीं इस तकरार की वजह से ये साजिश तो नहीं रची गई।
हंगामा करने वालों पर दर्ज होगा मुकदमा
डीसीपी सिटी सोनम कुमार का कहना है कि अभी तो ऐसा लग रहा है कि माहौल बिगाड़ने के लिए ऐसा किया गया। आरोपी के बारे में छानबीन की जा रही है। आरोपी ने जो भी बताया है, उसे क्रॉस चेक किया जा रहा है।
वह जिस स्कूटर से आया था, वह उसके पिता का है। बैग में पैन कार्ड मिला था। पुलिस आरोपी के पिता और भाइयों से भी पूछताछ करेगी।