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अफजाल अंसारी बोले- हिम्मत है तो बर्क को गिरफ्तार करके दिखाओ

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. यूपी सरकार जिस तरह से कार्रवाई कर रही, उससे लगता है कि जियाउर्रहमान बर्क की गिरफ्तारी हो सकती है। मुझे लगता है कि गिरफ्तारी के लिए हर वक्त तैयार रहना चाहिए। कुछ लोग तानाशाही तरीके से व्यवस्था चलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जनता उन्हें नाकाम कर देगी।
बर्क बहुत साहसी हैं। उन्होंने कोई ऐसा पाप नहीं किया, जिससे उन्हें डरना पड़े। अगर हिम्मत है, तो उन्हें गिरफ्तार करके दिखाओ। बताइए, जनता के चुने लाखों लोगों पर ये कौन-सा आरोप है? कोई बताओ, हत्या का आरोप है या डकैती का?'

यह बात गाजीपुर में सांसद अफजाल अंसारी ने बुधवार को सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के समर्थन में कही। बर्क से मंगलवार को संभल हिंसा को लेकर थाने में पूछताछ की गई थी।

पढ़िए अफजाल अंसारी के बड़े बयान...
1- जनता को सरकार की नीयत पर शक मीडिया से बातचीत के दौरान अफजाल अंसारी ने मुर्शिदाबाद दंगे को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा- देश में जहां भी दंगे-झगड़े हो रहे हैं, कोई भी सभ्य समाज या व्यक्ति इसकी अपील नहीं करता। हम कह रहे हैं कि देश की जनता सशंकित है। उसे हमारी नीयत पर शक है। हम कहते कुछ हैं और करते कुछ और हैं। इसलिए उद्देश्य पर भी शक हो रहा है।

क्या हम ये कह रहे हैं कि हमें अल्पसंख्यक और पिछड़े लोगों के प्रति बहुत दर्द है? हम उन्हें उनके अधिकार देना चाहते हैं। जबकि हम देश के बहुसंख्यक पिछड़े वर्ग के अधिकारों को छीन रहे हैं। हमने आरक्षण को खत्म कर दिया, इसलिए लोगों को शक हो रहा है।

2- यतीमखाना की जमीन पर बनी है मुंबई की सबसे ऊंची इमारत मुंबई में अंबानी के एंटीलिया को लेकर भी अफजाल अंसारी ने निशाना साधा। अफजाल ने कहा- मैंने वक्फ बोर्ड को लेकर संसद में भी सवाल पूछा था। मुंबई की सबसे ऊंची इमारत, जिसे देश भर के लोग जानते हैं, 'यतीमखाना' नाम की जमीन पर बनी है। अब वह खतरे में है। अगर वक्फ बोर्ड के पास इसके अधिकार हैं, तो कल यह इमारत भी खतरे में पड़ सकती है।

3- वक्फ की संपत्ति किसी हाकिम के बाप की नहीं अफजाल ने कहा- संसद में जो सवाल उठाए जाते हैं, वे यही दिखाते हैं कि लोग पहले से ही इन मुद्दों को लेकर विचलित हैं। लोगों को चिंता है कि क्या हम वक्फ संपत्तियों की रक्षा करेंगे। अगर हां, तो आपने लाल किले को संरक्षण के नाम पर डालमिया को क्यों सौंपा? क्या यह नहीं दिखाता कि लोग हमारे इरादों पर शक करें। वक्फ की संपत्ति किसी हाकिम के बाप की नहीं है। यह एक ट्रस्ट की संपत्ति है, जिसे किसी दानी ने समाज के हित के लिए दिया है।

वक्फ एक अमानत है। एक ऐसा ट्रस्ट है, जिसमें 99 फीसदी लोग अब इस दुनिया में नहीं हैं। तो फिर उस ट्रस्ट का मालिक कोई और कैसे हो सकता है? अगर आप उसमें बेईमानी करते हैं, तो यह आपके ईमान पर सवाल उठाता है। पारदर्शिता होनी चाहिए। लेकिन, अगर ईमानदारी के नाम पर कोई व्यक्ति उस अमानत को हथिया ले, तो यह गलत है।

4- बेकार पड़ी जमीनों को इस्तेमाल किया जाए उन्होंने कहा- सरकार कह रही है कि हम मदरसे, ईदगाह या किसी धार्मिक स्थल को नहीं छुएंगे। लेकिन वक्फ की जो जमीनें बेकार पड़ी हैं, उनका उपयोग किया जाएगा। हम उन्हें बेचकर मुस्लिम पिछड़े वर्ग और महिलाओं के कल्याण के लिए खर्च करेंगे।

लेकिन लोग संदेह में हैं। क्योंकि इस देश में दो ही चीजें बिकती हैं, एक वो ऊंची इमारत जो मुंबई में चमक रही है। दूसरी वह व्यवस्था, जो उसे बेचने जा रही है। अब सवाल यह है कि वह बेचेगा कौन और खरीदेगा कौन?
 
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