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बनारस में 5 वर्षीय मासूम से रेप का आरोपी गिरफ्तार, बड़े पापा कह कर बुलाती थी बच्ची

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी के लालपुर पांडेयपुर थाना क्षेत्र में 5 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म करने का आरोपी विनोद लाकड़ा बुधवार रात पुलिस के हत्थे चढ़ गया। वह पीड़िता के पिता का दोस्त है। आरोपी को एसओजी की टीम ने सर्विलांस सेल की मदद से गिरफ्तार किया।

वारदात के बाद वह झारखंड की ओर भाग निकला था और तब से अलग-अलग ठिकानों पर छिप रहा था। पुलिस ने उसकी पत्नी समेत परिजनों से पूछताछ के बाद संभावित लोकेशन खंगाली और दबिश देकर दबोच लिया।

एसीपी कैंट विदुष सक्सेना ने बताया आरोपी की गिरफ्तारी कर ली गई है। लालपुर थाने में पुलिस पूछताछ कर रही है। आज उसका मेडिकल कराने के बाद जेल भेजा जाएगा। बता दें कि आरोपी की बरामदगी के लिए तीन टीमें गठित हुई थी।

पहले बताते हैं पूरा घटनाक्रम...
लालपुर पांडेयपुर थाना क्षेत्र में एक क्रिश्चियन परिवार रहता है। बच्ची के पिता ने बताया- BLW क्षेत्र के निवासी विनोद (40) से उसकी दोस्ती थी। वह सेंट जान्स मड़ौली में माली के पद पर कार्यरत है। उसका मेरे घर पर आना जाना था। मेरी बेटी उसे बड़े पापा कहती थी।

12 अप्रैल की शाम को वह मेरे घर आया था। उस समय बेटी घर पर अकेली थी। मैं और मेरी पत्नी कब्रिस्तान में साफ-सफाई का काम कर रहे थे। वह बेटी को बहाने से कब्रिस्तान में बने कमरे में ले गया। वहां उसके साथ रेप किया। वारदात के समय वह बेटी का मुंह दबाए था, जिससे उसकी आवाज कोई सुन न पाए।

जब हम मौके पर पहुंचे तो बेटी कुछ भी बोल नहीं पा रही थी। केवल रो रही थी। उसकी हालत बहुत खराब थी। अभी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। जब वह बदहवास हो गई, तब उसे छोड़कर भाग गया।

कब्रिस्तान में ही उसके माता-पिता काम कर रहे थे, लेकिन उन्हें वारदात की भनक तक नहीं लगी। पिता जब कब्रिस्तान से 20 मीटर दूर अपने घर पहुंचे तो बेटी गायब थी। बच्ची के खून निकल रहा था, उसे अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया।

बच्ची की मां ने बताया- कि बेटी विनोद के साथ बाहर खेल रही है। जब बाहर निकली तो कोई नहीं था। विनोद को फोन भी लगाया, लेकिन उसका फोन ऑफ था। मैं परेशान हो गई, तभी घर के बाहर बंधा पालतू डॉगी भौंकने लगा।
घटना के बाद डॉगी ने लापता मासूम को ढूंढ निकाला था।
जंजीर तोड़ने की कोशिश करने लगा। मुझे लगा कि उसे भूख लगी है। मैंने उसे दूध-रोटी खाने को दिया और जंजीर को खोल दिया। मेरे जंजीर खोलते ही डॉगी तेजी से कब्रिस्तान की ओर भागा। कब्रिस्तान के एक कोने पर पहुंचकर तेज-तेज से भौंकने लगा।

10 मिनट बाद में लौटकर आया और मुझे खींचकर ले जाने लगा। जब मैं वहां पहुंची तो देखा बेटी बदहवास पड़ी थी। मैंने बच्ची को तुरंत गोद में उठा लिया, उसे घर ले आई। बेटी मुझे लिपटकर रोने लगी। बच्ची ने कहा- बड़े पापा बहुत बैड हैं।
 
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