ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे को बाढ़ से बचाने के लिए बन रहे 26 माइनर ब्रिज, पढ़िए पूरी डिटेल
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, बलिया. बलिया जिले में निर्माणाधीन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को गंगा की बाढ़ से सुरक्षित रखने के लिए 5 किलोमीटर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 26 माइनर ब्रिज बनाए जा रहे हैं। इन ब्रिजों के निर्माण से बाढ़ का पानी एक्सप्रेसवे से टकराए बिना निकल जाएगा, जिससे सड़क को कोई नुकसान नहीं होगा।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के परियोजना प्रबंधक एसपी पाठक ने बताया कि प्रथम चरण का निर्माण अक्टूबर 2025 तक पूरा कर जनता के लिए खोल दिया जाएगा।बलिया जनपद गंगा, सरयू और टोंस नदियों से घिरा है, जहां हर साल बाढ़ भारी तबाही मचाती है। अकेले राष्ट्रीय राजमार्ग-31 को बचाने के लिए प्रतिवर्ष 50 करोड़ रुपये खर्च होते हैं और अब तक सैकड़ों करोड़ रुपये कटाव-रोधी कार्यों पर खर्च किए जा चुके हैं। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का 5 किलोमीटर हिस्सा भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से होकर गुजरता है, जिसकी सुरक्षा के लिए माइनर ब्रिज बनाए जा रहे हैं।
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का विवरण
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे बलिया के हृदयपुर गांव (बिहार सीमा) से शुरू होकर गाजीपुर के जंगीपुर तक जाएगा। इसकी कुल लंबाई 115 किलोमीटर है, जिसमें बक्सर के लिए 17 किलोमीटर का एक स्पर शामिल है। स्पर सहित परियोजना की कुल लंबाई 132 किलोमीटर होगी, जिसमें बलिया में 82 किलोमीटर का हिस्सा है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 5500 करोड़ रुपये है, जिसमें 2700 करोड़ रुपये सड़क निर्माण और 2800 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण पर खर्च होंगे।
माइनर ब्रिज छोटे पुल होते हैं, जो नदियों या जलमार्गों को पार करने के लिए बनाए जाते हैं। ये ब्रिज बाढ़ के पानी के बहाव को नियंत्रित करते हैं, जिससे एक्सप्रेसवे को नुकसान नहीं होता। 5 किलोमीटर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 26 माइनर ब्रिज बनाकर एक्सप्रेस-वे को सुरक्षित किया जा रहा है।
प्रथम चरण अक्टूबर तक पूरा
एनएचएआई के मुताबिक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के प्रथम चरण का निर्माण अक्टूबर 2025 तक पूरा हो जाएगा। यह परियोजना क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल बलिया को बिहार और गाजीपुर से जोड़ेगा, बल्कि बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से भी सड़क को सुरक्षित रखेगा।
एसपी पाठक, परियोजना प्रबंधक, एनएचएआई ने कहा कि माइनर ब्रिजों के निर्माण से एक्सप्रेस-वे बाढ़ से पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। हमारा लक्ष्य अक्टूबर तक प्रथम चरण को जनता के लिए खोलना है।