बनारस में RPF ने ग्रामीणों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, महिला का सिर फूटा, 5 जवान घायल हुए
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी के मंडुवाडीह में रेलवे पुलिस ने ग्रामीणों पर जमकर लाठियां बरसाईं। ग्रामीण BLW (बनारस रेल कारखाना) की तरफ खुलने वाले रास्ते को बंद करने पर हंगामा करने लगे। आरपीएफ के जवानों ने ग्रामीणों को समझाने का काफी प्रयास किया। तभी कुछ महिलाओं ने पथराव शुरू कर दिया।
आरपीएफ ने भी जवाबी कार्रवाई की। लोगों को गांव तक दौड़ाकर लाठियां मारीं। इसमें कई लोगों के साथ 5 सिपाही भी घायल हो गए। आरपीएफ ने एक नामजद समेत 45- 50 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया है। तीन लोगों को हिरासत में भी लिया है। घटना उत्तरी ककरमत्ता इलाके की है।
सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देते हुए BLW प्रशासन ने उत्तरी ककरमत्ता का वो रास्ता बंद करवा दिया, जो बरेका (बनारस रेल कारखाना) की ओर जाता है। शनिवार को प्रवेश मार्ग पर जेसीबी की मदद से लगभग 15 फीट गहरा गड्ढा खुदवाया गया। इसके बाद ग्रामीणों की बरेका परिसर में आवाजाही बंद हो गई। इसी को लेकर गांव वाले विरोध करने लगे।
रविवार को आरपीएफ और सिविल पुलिस की मौजूदगी में 15 फीट ऊंची और लंबी दीवार का निर्माण शुरू किया। तभी महिलाओं समेत 30 से ज्यादा लोग विरोध में उतर आए। आरपीएफ और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।
पथराव के बीच आरपीएफ और सिविल पुलिस के 5 जवान घायल हो गए। इसके बाद आरपीएफ ने ग्रामीणों को खदेड़ लिया और गांव में घुस गए। कई विरोध करने वालों पर लाठी बरसाई। मौके से तीन युवकों को हिरासत में ले लिया।
हालात को देखते हुए मौके पर अतिरिक्त फोर्स लगा दी गई है। निर्माणाधीन दीवार की सुरक्षा के लिए भी अलग से फोर्स तैनात की गई है। उत्तरी ककरमत्ता गांव में सिविल पुलिस का पहरा भी बैठा दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विश्राम करते हैं, वह बरेका परिसर में ठहरते हैं। पीएम की सुरक्षा को लेकर एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) बरेका परिसर में उत्तरी ककरमत्ता की ओर खुलने वाले रास्ते को लेकर कई बार आपत्ति जता चुकी है।
एसपीजी की आपत्ति के बाद बरेका प्रशासन ने कई बार रास्ता बंद करने की कोशिश की। मगर हर बार ग्रामीणों के विरोध के चलते दीवार खड़ी नहीं हो पाती थी। जिसके बाद इस बार पूरी प्लानिंग से यहां दीवार खड़ी कर रास्ता बंद करना था।