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अब गांवों से भी चलेंगी रोडवेज बसें, ड्राइवर-कंडक्टरों की होगी भर्ती; देखिए सभी रूट की लिस्ट

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश के 28 हजार गांवों को जोड़ने के लिए 1 हजार 540 रूट तए किए गए हैं। इनमें 1 हजार 130 पुराने रूट हैं, 410 नए रूट जोड़े गए हैं। इस पर पहली बार परिवहन विभाग की बसें चलेंगी। 374 रूट का परमिट भी जारी हो चुका है। होली बाद इन मार्गों पर बसें चलने लगेंगी। बाकी रूटों पर परमिट देने की प्रक्रिया चल रही है।
यूपी परिवहन निगम की ओर से 1 हजार 213 मार्गों पर 1 हजार 277 अनुबंधित बसें चलाई जाएंगी। बाकी रूट पर निगम खुद की बस चलाएगा। इसके लिए बस ड्राइवर और कंडक्टर की भर्तियां भी होंगी।

प्रदेश में कौन-कौन से 374 मार्ग पर बसों की सेवा मिलेगी? इन बसों के चलने से आम लोगों को कितना फायदा मिलेगा? बसों का किराया कितना होगा? प्रदेश के सभी 1 लाख गांवों को कब तक बस सुविधा से जोड़ दिया जाएगा? पढ़िए यह रिपोर्ट…
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम प्रदेश को 20 संभागों में बांटकर बसें चलाता है। प्रदेश में करीब 1 लाख गांव हैं। अभी तक 22 हजार 931 गांव ही बस मार्ग से जुड़ पाए हैं। परिवहन निगम ने 410 नए मार्गों को इस तरह से निर्धारित किया है, जिससे 5 हजार 180 और गांव बस सेवा से जुड़ जाएंगे। इस तरह 28 हजार 111 गांव 1 हजार 540 मार्ग बस सेवा से जुड़ जाएंगे।

महाकुंभ से खाली हुई 3 हजार बसों को ग्रामीण रूट पर चलाएंगे
यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) वर्तमान में 12,325 बसों का संचालन कर रहा है। 9,373 बसें UPSRTC के स्वामित्व में हैं। जबकि 2,952 निजी तौर पर अनुबंधित हैं। ये बसें ग्रामीण क्षेत्रों को ब्लॉक, तहसील और जिलों से जोड़ती हैं।

महाकुंभ को देखते हुए यूपी सरकार ने 2023-24 और 2024-25 के बीच 6,138 बसें खरीदी थीं। इसमें से 3000 बसें कुंभ मेले के लिए आवंटित की गई थीं। इनमें 270 इलेक्ट्रिक और 20 डबल डेकर बसें शामिल हैं। महाकुंभ खत्म होने के बाद इन बसों को अब ग्रामीण मार्गों पर चलाने की तैयारी है।

परिवहन निगम के जीएम अंकुर विकास बताते हैं- 2,397 अनुबंधित बसों के लिए भी टेंडर निकाला गया है। इनमें इलेक्ट्रिक बसें भी शामिल हैं। अनुबंधित बसों में 28 और 32 सीट वाली छोटी बसें भी हैं। इससे संकरे रास्ते वाले ग्रामीण मार्गों पर आसानी से चलाई जा सकें।

प्रदेश में नए ग्रामीण रूटों पर बसें चलाने का फायदा युवाओं को रोजगार के तौर पर भी मिलेगा। विधानसभा में बजट सत्र के दौरान विधायक विनोद चतुर्वेदी के सवाल पर परिवहन मंत्री ने यह बात खुद स्वीकार की। उन्होंने कहा कि ड्राइवरों और कंडक्टरों की कमी के कारण जनवरी 2025 में 700 बसें बंद रहीं। इससे करीब 8 लाख रुपए की आय का नुकसान हुआ। इन बसों को चलाने के लिए ड्राइवरों-कंडक्टरों की संविदा के आधार पर भर्ती करने की प्रक्रिया चल रही है।

बड़ी सवाल- प्रदेश के बाकी 70 हजार गांव कब तक बस सेवा से जुड़ेंगे?
परिवहन मंत्री दयाशंकर ने विधानसभा बजट सत्र में एक प्रश्न के जवाब में दावा किया था कि अगले मानसून सत्र तक बाकी बचे 70 हजार गांवों को भी बस सेवा से जोड़ देंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री ग्राम जोड़ो योजना शुरू की गई है। इस बजट में इसके लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपए दिए हैं। इससे 120 इलेक्ट्रिक बसें खरीदी जाएंगी। इनमें 20 डबल डेकर बसें हैं। इन बसों का संचालन लखनऊ से बाराबंकी, उन्नाव, बछरावां के बीच होगा। जबकि 100 इलेक्ट्रिक बसों को प्रदेश के 24 मार्गों पर चलाया जाएगा। ये ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े मार्ग होंगे।

प्रदेश के हर रीजन में एक-एक चार्जिंग स्टेशन बनेगा
50 करोड़ की लागत से परिवहन निगम प्रदेश के सभी 20 रीजन में एक-एक चार्जिंग स्टेशन बनाने जा रहा है। इसमें लखनऊ रीजन में बाराबंकी डिपो, मुरादाबाद में पीतल नंबर वर्कशॉप, बरेली में ओल्ड बस स्टेशन, इटावा में फर्रुखाबाद बस स्टैंड, मेरठ में बड़ौत डिपो, प्रयागराज में प्रयाग डिपो, चित्रकूट धाम में राठ डिपो, आजमगढ़ में डॉ अंबेडकर डिपो, वाराणसी में काशी डिपो, गोरखपुर में राप्तीनगर वर्कशॉप, हरदोई में हरदोई डिपो, अलीगढ़ में गांधी नगर पार्क बस स्टेशन, सहारनपुर में खतौली डिपो, कानपुर में आजाद नगर डिपो, अयोध्या में अयोध्या डिपो, आगरा में आगरा फोर्ट डिपो, गाजियाबाद में साहिबाबाद बस स्टेशन, नोएडा में नोएडा डिपो, झांसी में झांसी डिपो, देवीपाटन में गोंडा डिपो में चार्जिंग स्टेशन बनेंगे। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने विधानसभा में एक प्रश्न के जवाब में बताया था कि अगले चरण में वह हर जिले में एक चार्जिंग स्टेशन बना देंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाली बसों के चार्जिंग की समस्या नहीं होगी।

उत्तर प्रदेश सरकार पर्यावरण के अनुकूल सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए 2 शहरों के बीच इलेक्ट्रिक इंटरसिटी बस सेवाओं की शुरुआत कर रही है। हाल ही में आगरा फोर्ट डिपो में पहली इलेक्ट्रिक बस शामिल की गई, जिसकी कीमत 1.40 करोड़ है। इन बसों का संचालन इसी महीने से शुरू करने की प्लानिंग है। इन्हें आगरा से नोएडा, बरसाना, बुलंदशहर, बदायूं, फर्रुखाबाद जैसे शहरों के बीच चलाया जाएगा।

परिवहन निगम ने अनुबंध के तहत 4,950 इलेक्ट्रिक बसों के लिए टेंडर जारी किए हैं। आधुनिक सुविधाओं से लैस इन बसों को प्रदेश के 569 रूट पर चलाने की तैयारी है। टेंडर की प्रक्रिया मार्च तक पूरी हो जाएगी। टेंडर में देश के कई दिग्गज उद्योगपतियों ने दिलचस्पी दिखाई है। इसकी वजह यूपी में टूरिस्टों की बढ़ती संख्या है।

अब पढ़िए क्षेत्रवार वो ग्रामीण मार्ग, जहां होली बाद चलेगी बस
गांवों की रोड कनेक्टिविटी ब्लॉक, तहसील और जिला मुख्यालय से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम जोड़ों योजना के तहत 410 नए मार्ग की पहचान की गई है। इनमें से 408 के लिए विभाग ने परमिट का आवेदन किया था। 401 ग्रामीण मार्गों पर परिवहन निगम खुद की बसें चलाएगा।

वहीं, वाराणसी जिले में 7 मार्गों पर अनुबंधित बसें चलाई जाएंगी। 374 का परमिट जारी हो चुका है। 34 मार्गों पर आपत्तियों के चलते परमिट जारी नहीं हो पाया है। परिवहन निगम हर रूट पर एक बस का संचालन करेगा।

अलीगढ़ क्षेत्र में 32 नए ग्रामीण मार्गों पर चलेंगी बसें-
सहारनपुर क्षेत्र में 11 तो लखनऊ क्षेत्र में 13 नए ग्रामीण मार्गों पर चलेंगी बसें-
गाजियाबाद क्षेत्र में 33 नए ग्रामीण नए ग्रामीण मार्गों पर चलेंगी बसें-
कानपुर क्षेत्र में 18 नए ग्रामीण नए ग्रामीण मार्गों पर चलेंगी बसें-
बरेली क्षेत्र में 46 नए ग्रामीण नए ग्रामीण मार्गों पर चलेंगी बसें-
आजमगढ़ में 2, प्रयागराज क्षेत्र में 17 और चित्रकूट धाम क्षेत्र में 39 नए ग्रामीण मार्गों पर चलेंगी बसें-
गोरखपुर क्षेत्र में 17, वाराणसी क्षेत्र में 25 और झांसी क्षेत्र में 16 नए ग्रामीण मार्गों पर चलेंगी बसें-
मुरादाबाद क्षेत्र में 39 नए ग्रामीण मार्गों पर चलेंगी बसें-
देवीपाटन क्षेत्र में 41 तो वाराणसी में 7 (अनुबंधित) नए ग्रामीण मार्गों पर चलेंगी बसें-
 
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