जस्टिस वर्मा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में हड़ताल, स्ट्राइक से बढ़ेगा हंगामा
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के यहां कई करोड़ रुपए कैश मिले, उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर किया गया। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में हंगामा बढ़ता ही जा रहा है। बार एसोसिएशन इस मामले पर लगातार कड़ा रुख अपनाए है। सोमवार को बार इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने जरनल हाउस बुलाकर विरोध जताया।
जनरल हाउस में जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग लाने की मांग का प्रस्ताव पारित किया गया। साथ ही जज के खिलाफ ईडी, सीबीआई जांच कराने का प्रस्ताव पास किया गया। प्रस्ताव को चीफ जस्टिस आफ इंडिया को भेजा जा रहा है।
इसी बीच जस्टिस वर्मा के इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर की सूचना मिलने के बाद बार एसोसिएशन ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। बैठ के बाद विरोध में ऐलान कर दिया कि वह जस्टिस वर्मा के इलाहाबाद ट्रांसफर के विरोध में हाईकोर्ट के वकील अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे।
बार की इमरजेंसी मीटिंग के बाद हाईकोई के वकीलों ने हड़ताल का समर्थन किया है। अब मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट मेंं हड़ताल होने से कामकाज ठप रहेगा। ऐसे में तमाम केसों की सुनवाई लटक जाएगी। वादाकारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
जस्टिस यशंवत वर्मा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने जनरल हाउस बुलाकर महाभियोग प्रस्ताव पारिर कर मांग किया कि उनके खिलाफ महाभियाेग लाया जाए। साथ ही ईडी, सीबीआई से जांच कराई जाए। इस मामले पर बार एसेासिएशन ने एक दिन की हड़ताल कर अपना रुख साफ कर दिया। सोमवार को इस मामले पर जमकर हंगामा चला।
अब जस्टिस यशवंत वर्मा का स्थानांतरण इलाहाबाद हाईकोर्ट किए जाने की सूचना मिलने के बाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी है। देर शाम हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष अनिल तिवारी के आवास पर पदाधिकारियों की बैठक में निर्णय लिया गया कि सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम द्वारा स्थानांतरण का निर्णय जब तक वापस नहीं लिया जाता है, तब तक यहां के अधिवक्ता न्यायिक कार्य नहीं करेंगे।
दिल्ली में जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास से करोड़ों रुपये मिलने के मामले में इससे पूर्व इलाहाबाद हाईकोर्ट बार ने सोमवार को आहूत आम सभा की बैठक में सर्व सम्मति से प्रस्ताव पास किया कि जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से करोड़ों रुपये मिलने के मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए।
मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए और जांच पूरी होने तक उनका किसी भी दूसरे हाइकोर्ट में स्थानांतरण न किया जाए। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश उनके खिलाफ महाभियोग लाने की सिफारिश भी करे। जजों की नियुक्ति में भाई भतीजावाद खत्म करने की मांग भी आम सभा में उठाई गई। मांग की गई कि जजों के परिवारों और रिश्तेदारों से जितने जज हैं, उनका स्थानांतरण दूसरे हाइकोर्ट में किया जाए। वकीलों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिक्त जजों के पदों को भी भरने की मांग की। आम सभा ने सोमवार को लंच के बाद न्यायिक कार्य से विरत रहने का प्रस्ताव पास किया।
बता दें कि दो दिन पूर्व ही जस्टिस वर्मा के आवास से करोड़ों की नकदी मिलने और उनका स्थानांतरण वापस इलाहाबाद हाईकोर्ट किए जाने की सूचना के बाद से यहां अधिवक्ता आंदोलित हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वर्मा के स्थानांतरण की तब पुष्टि नहीं की थी लेकिन हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इसका शुरू से विरोध कर रहा है। अध्यक्ष अनिल तिवारी ने पहले ही कह दिया था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट कोई कचरे का डब्बा नहीं है। भ्रष्टाचार के आरोपी जज को यहां स्वीकार नहीं किया जाएगा। सोमवार को आम सभा की बैठक के बाद अधिवक्ता आधे दिन की हड़ताल पर चले गए थे। शाम को जस्टिस वर्मा के स्थानांतरण की पुष्टि होने के बाद ही पुनः बैठक कर अनिश्चिकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी गई।
सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने दिल्ली हाईकोर्ट में जज जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट में उनके मूल हाईकोर्ट को वापस भेजने की संस्तुति की है। सुप्रीम कोर्ट ने कोलेजियम की मीटिंग में अपने पूर्व हुई 20 मार्च की बैठक पर मुहर लगाते हुए जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट में वापस उनके मूल हाईकोर्ट में तबादला करने की केन्द्र सरकार को संस्तुति भेजी है।
इधर इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट में भेजने का विरोध कर रहा है तथा दिल्ली में उनके बंगले में मिली प्रचुर मात्रा में नोटों की गड्डी को लेकर कार्रवाई की मांग कर रहा है। यहां के वकीलों का कहना है कि जस्टिस वर्मा को लेकर घटी घटना शर्मनाक है और इससे यहां की छवि धूमिल हुई है। आज हाईकोर्ट में अपराह्न से यहां के वकीलों ने कार्य बहिष्कार किया।