जेल में मुस्कान सिलाई सीखेगी, साहिल उगाएगा सब्जी, दोनों को काम सौंपे गए
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, मेरठ. मेरठ जिला जेल में मुस्कान और साहिल को 10 दिन हो चुके हैं। जेल मैन्युअल के हिसाब से उन्हें शनिवार को काम अलॉट कर दिए गए। मुस्कान ने जेल सिलाई-कढ़ाई सीखने की इच्छा जाहिर की है। अब जेल के अंदर उसको कपड़े सिलने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
वहीं साहिल ने कहा- मुझे खेती करनी है। उसको सब्जी और फल उगाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इस दौरान वह जेल के अंदर और आस-पास बंदियों के लिए बने खेतों पर काम करेगा। वह जो भी सब्जी उगाएगा, उसका इस्तेमाल बंदियों के लिए बनने वाले खाने में किया जाएगा।
जिला जेल मेरठ के वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने कहा- 10 दिन पूरे होने के बाद बंदी को काम अलॉट किया जाता है। 1 अप्रैल से दोनों अपने-अपने इंट्रेस्ट के हिसाब से जेल के अंदर काम करना शुरू कर देंगे। यही नियम भी है।
अधीक्षक ने बताया- जेल में बंदियों को 3 तरह के काम दिए जाते हैं। पहला- स्किल्ड, दूसरा- नॉन स्किल्ड और तीसरा- ट्रेनिंग। साहिल एक नॉन स्किल्ड वर्कर है। उसने सब्जी उगाने का काम मांगा है। उसको काम सिखाया जाएगा। इसलिए उसको 50 रुपए रोज के हिसाब से मेहनताना दिया जाएगा।
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ये तस्वीर सौरभ की है, जिसकी 3 मार्च को हत्या की गई थी। |
जब वह खेत पर जाएगा, तभी पता चलेगा कि किसानी कर भी सकता है या नहीं। अगर वो खेती नहीं कर पाएगा, तो उसे कुछ और काम दिया जाएगा। या फिर किसी और काम की ट्रेनिंग दी जाएगी। वहीं, मुस्कान ट्रेनिंग चुनी है। इसके लिए जेल मैन्युअल में सैलरी देने की व्यवस्था नहीं है। जब वह काम सीख जाएगी और कपड़े सिलने लगेगी, तब उसको सैलरी दी जा सकती है।
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मेरठ में सौरभ की हत्या इसी घर में की गई थी। |
10 दिन का वक्त पूरा होने के बाद बंदी को बैरक अलॉट होती हैं। साहिल और मुस्कान ने शनिवार को एक बार फिर कहा कि हमें एक साथ एक बैरक में रखा जाए। दोनों ने कहा कि हमने शिमला के मंदिर में शादी की है। इसलिए हम पति-पत्नी हैं। लेकिन, जेल प्रशासन उनकी बातों से इत्तफाक नहीं रख रहा है। दोनों को अलग-अलग बैरकें दी हैं।
साहिल को 18A नंबर की बैरक में 60 बंदियों के साथ रखा गया है। वहीं मुस्कान को भी नया बैरक 12B अलॉट हुआ है। इस बैरक में वह 30 महिला बंदियों के साथ रहेगी। यहां जेल प्रशासन दोनों की सुरक्षा को लेकर अलर्ट है। बंदियों को साहिल और मुस्कान से कम बातचीत करने के लिए कहा गया है।
मेरठ जेल में बंद सौरभ हत्याकांड के आरोपी मुस्कान और साहिल से सरकारी वकील ने 28 मार्च को मुलाकात की थी। एडवोकेट रेखा जैन और उनके पैनल के 3 वकील शुक्रवार शाम जेल पहुंचे थे। साहिल और मुस्कान से अलग-अलग बैरक में केस के बारे में जानकारी ली थी।
मुस्कान ने वकील से कहा- जेल में मेरी और साहिल की मुलाकात करवा दीजिए। फिर हमें जमानत दिलवा दें, जिससे बाहर आकर हम साथ रह सकें।
इस पर वकील ने पूछा- क्या तुम दोनों ने कोर्ट मैरिज की है? शादी का सबूत पेश कर सकती हो? तभी जेल मैन्युअल के मुताबिक, 15 दिन में एक बार पति-पत्नी की मुलाकात कराई जा सकती है। इस पर मुस्कान शादी का सबूत नहीं पेश कर सकी। एडवोकेट ने FIR की कॉपी और केस समरी की रिपोर्ट भी ली थी।
मुस्कान और साहिल का केस सीनियर एडवोकेट रेखा जैन को सौंपा गया है। उनको एडवोकेट नासिर अहमद, अंबर सहारण और चंद्रिका कौशिक असिस्ट करेंगे। ये दोनों रेखा जैन के पैनल में शामिल हैं।
मुस्कान और साहिल ने मेरठ जेल के वरिष्ठ अधीक्षक डॉ. वीरेश राज शर्मा से सरकारी वकील की मांग की थी। मुस्कान ने कहा था कि मेरे घर वाले मुझसे नाराज हैं। वो मेरा केस नहीं लड़ेंगे। इसलिए मुझे केस लड़ने के लिए एक सरकारी वकील चाहिए।
कौन हैं रेखा जैन?
अधिवक्ता रेखा जैन चीफ लीगल एडवोकेट डिफेंस काउंसिल हैं। वह 10 साल से ज्यादा समय से प्रैक्टिस कर रही हैं। पिछले 2 साल से चीफ लीगल एडवोकेट डिफेंस काउंसिल के पद पर कार्यरत हैं। चीफ लीगल एडवोकेट डिफेंस काउंसिल पद के लिए 10 साल से ज्यादा की प्रैक्टिस होना जरूरी है।