सुहागरात पर दूल्हा-दुल्हन की मौत, पत्नी बेड पर, पति फंदे पर लटका मिला
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, अयोध्या. अयोध्या में सुहागरात पर पति-पत्नी की लाश मिली। पहले इसे सुसाइड समझा जा रहा था। लेकिन, ये सुसाइड नहीं हत्या है। पति ने पहले पत्नी की गला दबाकर हत्या की। इसके बाद खुद फांसी लगा ली।
ये खुलासा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हुआ है। अभी तक की जांच में माना जा रहा है कि पति के मोबाइल पर एक मैसेज आया। जो पत्नी के पास्ट के रिलेशन को लेकर था। इसी को लेकर दोनों में विवाद हुआ।
CO सिटी शैलेंद्र सिंह ने बताया- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दुल्हन शिवानी की मौत रात 3 बजे के आस-पास की है। इसके करीब एक घंटे बाद प्रदीप की मौत हुई है। प्रदीप का मोबाइल कमरे से बरामद किया गया है। जिसपर घटना की रात 11.45 बजे एक मैसेज आया था।
ऐसा कहा जा रहा है कि इस मैसेज में पत्नी के पास्ट को लेकर कुछ लिखा था। इसी बात को लेकर पति-पत्नी में विवाद हुआ। मामला इतना बढ़ गया कि प्रदीन ने शिवानी की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके एक घंटे बाद पंखे से फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया।
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बड़ी बहन अनीता ने बताया कि मेरे भाई ने पता नहीं क्यों ऐसा कदम उठाया। |
बड़ी बहन अनीता ने बताया- शादी को लेकर छोटा भाई प्रदीप बहुत खुश था। 6 महीने से शादी की तैयारियों में जुटा था। हम लोग भी बहुत खुश थे, वह जो कहता था, उसे मान लेते थे। क्योंकि हमारा भाई बहुत सीधा था।
रात करीब 11 बजे वह अपने कमरे में गया। इसके बाद सुबह 6 बजे हमने दरवाजा खटखटाया। उसने दरवाजा नहीं खोला। हमने सोचा कि दो दिन से जग रहा है, सो गया होगा। 7 बजे फिर दरवाजा खटखटाया। तब भी अंदर से कोई आवाज नहीं आई।
फिर खिड़की से आवाज लगाई, लेकिन तब भी कमरे से कोई आवाज नहीं आई। खिड़की में लगी लोहे की जाली हटाकर खिड़की खोली तो भाई का शव लड़का मिला। अंदर जाकर देखा तो प्रदीप पंखे से लटक रहा था, और उनकी पत्नी शिवानी विस्तर पर मृत पड़ी थी।
शादी से पहले प्रदीप ने पूरे घर में खुद टाइल्स लगाई थी। पूरे घर को अपने ढंग से सजाया था। पढ़ाई अच्छी नहीं थी, इसलिए 10वीं तक ही पढ़ाई किया था। इसके बाद टाइल्स लगाने का काम शुरू किया। वह अच्छा कारीगर था।
22 साल की दुल्हन शिवानी खंडासा के डीली सरैया की रहने वाली थी। पिता मंतू राम पासवान दिल्ली के नारायणा में काम करते है, इसलिए पूरा परिवार दिल्ली में ही रहता है। शादी के लिए वे डीली सरैया आए हुए थे।
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ये बाइक है, जो प्रदीप को दहेज में मिली थी। |
पिता मंतू राम ने बताया- शिवानी 8वीं तक पढ़ी थी। वह तीन भाई बहनों में सबसे बड़ी थी। छोटे भाई राम निहाल और बहन साक्षी की शादी नहीं हुई है। शिवानी घर पर रहकर कपड़े सिलने का काम करती थी।
एक साल पहले दोनों की शादी तय हुई थी। गांव में रिश्तेदारी थी, जिससे दोनों परिवारों में परिचय हुआ, इसके बाद दोनों में रिश्ता तय हुआ। पहले तो हम अप्रैल में शादी के लिए कह रहे थे, लेकिन प्रदीप ने ही मार्च में शादी करने के लिए कहा था। प्रदीप देखने में शांत स्वभाव का था, रात में क्या हुआ कुछ पता नहीं।
पहले पढ़िए पूरा मामला...
कैंट के सहादतगंज मुरावन टोला में 9 मार्च को सुबह दूल्हा-दुल्हन की लाश मिली। पत्नी शिवानी का शव कमरे में बेड पर था, जबकि पति प्रदीप पंखे पर लटका हुआ था। सुबह 7 बजे घरवालों ने दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं आया।
इसके बाद घरवालों ने कमरे का दरवाजा तोड़ा। दोनों को अस्पताल में ले गए। वहां डॉक्टर ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। शाम को प्रदीप के बड़े भाई दीपक ने दोनों को एक ही चिता पर रखकर अंतिम संस्कार कर दिया। 7 मार्च को दूल्हे प्रदीप की शादी हुई थी। शनिवार सुबह दुल्हन शिवानी विदा होकर घर आई थी।
9 मार्च को उनका रिसेप्शन था, जिसकी तैयारियां चल रही थीं। प्रदीप का भाई दीपक रिसेप्शन की तैयारी में जुटा था। 8 मार्च को ही तय हो गया था कि सुबह किसको कौनसी जिम्मेदारी निभानी है। सुबह उठते ही दीपक खुद सब्जी मंडी पहुंच गया। लेकिन, घर से आए एक फोन ने सारी खुशी को गम में बदल दिया। जिस भाई का रिसेप्शन था उसी की घर से अर्थी उठी।
प्रदीप दो भाई और तीन बहनों में सबसे छोटा था। पिता भद्दन की 20 साल पहले एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी। पिता की मौत के बाद भाई दीपक ने सभी का पालन पोषण किया। मां बीमार रहती हैं।