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उत्तर प्रदेश में 69 भाजपा जिलाध्यक्षों का ऐलान:..पूरी लिस्ट देखें

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. यूपी भाजपा ने ढाई महीने की मशक्कत के बाद आखिरकार रविवार को 69 जिलों में जिलाध्यक्ष की घोषणा कर दी। 29 जिलों में विरोध, गुटबाजी और नेताओं के दबाव के चलते ऐन वक्त पर चुनाव टाल दिया गया।

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी, प्रदेश चुनाव प्रभारी महेंद्रनाथ पांडेय के संसदीय क्षेत्र चंदौली और डिप्टी सीएम केशव मौर्य के गृह जनपद कौशांबी में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो सकी।

69 जिलाध्यक्षों में से 44 नए चेहरे हैं। 25 को दोबारा मौका दिया गया है। 69 में सिर्फ 5 महिलाएं हैं। भाजपा ने पंचायत चुनाव 2026 और विधानसभा चुनाव 2027 के मद्देनजर लखनऊ से दिल्ली तक काफी मशक्कत के बाद यह टीम तैयार की है।

पूरे यूपी को भाजपा ने 98 संगठनात्मक जिलों में विभाजित कर रखा है। जनवरी के पहले हफ्ते से ही जिलों में चुनाव प्रक्रिया जारी थी। लेकिन विरोध और नेताओं के दबाव के चलते प्रदेश चुनाव प्रभारी महेंद्रनाथ पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह सभी जिलों में एक साथ जिलाध्यक्ष घोषित कराने में सफल नहीं हो सके।

भाजपा में लंबे समय बाद ऐसा देखने को मिला है जब प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए एकमत नहीं हो सका।

69 जिलों की लिस्ट-

अवध में 15 संगठनात्मक जिलों में से 9 में ही जिलाध्यक्ष घोषित हो सके हैं। अयोध्या जिला, अयोध्या महानगर, अंबेडकर नगर, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी और सीतापुर में जिलाध्यक्ष घोषित नहीं हुए। 4 जिलों में नए जिलाध्यक्ष नियुक्त किए। जबकि 5 जिलों में मौजूदा जिलाध्यक्ष को ही मौका दिया है।

लखनऊ में विजय मौर्य, बलरामपुर में रवि मिश्रा, उन्नाव में अनुराग अवस्थी और श्रावस्ती में मिश्रीलाल वर्मा नए चेहरे हैं। लखनऊ महानगर में आनंद द्विवेदी, रायबरेली में बुद्धिलाल पासी, हरदोई में अजीत सिंह चौहान, बहराइच में ब्रजेश पांडेय और गोंडा में अमर किशोर कश्यप को दोबारा मौका मिला।






सिद्धार्थनगर और देवरिया में चुनाव स्थगित हुआ है। 10 में से 7 जिलों में नए चेहरों को मौका मिला। जबकि 3 मौजूदा जिलाध्यक्षों को फिर मौका दिया। गोरखपुर जिला में जनार्दन तिवारी, गोरखपुर महानगर में देवेश श्रीवास्तव, आजमगढ़ में धुव्र कुमार सिंह, लालगंज में विनोद राजभर, संतकबीर नगर में नीतू सिंह, मऊ में रामाश्रय मौर्य और बलिया में संजय मिश्रा नए चेहरे हैं।

इनमें आजमगढ़ के जिलाध्यक्ष ध्रुव कुमार सिंह 2019 से सितंबर 2023 तक भी जिलाध्यक्ष रहे हैं। महराजगंज में अशोक उर्फ संजय पांडेय, कुशीनगर में दुर्गेश राय और बस्ती में विवेकानंद मिश्रा को फिर मौका दिया है।

झांसी महानगर, जालौन, फतेहपुर और हमीरपुर में जिलाध्यक्ष घोषित नहीं किए गए। 13 में से 10 जिलों में नए जिलाध्यक्ष नियुक्त किए। 3 जिलों में मौजूदा जिलाध्यक्ष को फिर मौका दिया है। कानपुर महानगर, उत्तर में अनिल दीक्षित, कानपुर ग्रामीण में उपेंद्रनाथ पासवान, कानपुर देहात में रेणुका सचान, फर्रुखाबाद में फतेहचंद वर्मा, औरेया में सर्वेश कठेरिया, झांसी जिला में प्रदीप पटेल बांदा में कल्लू राजपूत, महोबा में मोहनलाल कुशवाहा, चित्रकूट में महेंद्र कोटार्य और ललितपुर में हरीशचंद्र रावत नए चेहरे के रूप में कमान सौंपी है।

इटावा में अरुण कुमार गुप्ता अन्नू, कन्नौज में वीर सिंह भदौरिया और कानपुर महानगर दक्षिण में शिवराम सिंह चौहान को फिर मौका मिला है।

पश्चिम क्षेत्र में 19 में से 13 संगठनात्मक जिलों में अध्यक्ष नियुक्त किए हैं। इनमें 8 नए चेहरे हैं। जबकि 5 को पुन: मौका दिया है। पश्चिमी यूपी में रामपुर में हरीश गंगवार, मुरादाबाद महानगर में गिरीश मंडुला, सहारनपुर महानगर में शीतल विश्नोई, मेरठ महानगर में विवेक रस्तोगी, गाजियाबाद महानगर में मयंक गोयल, गाजियाबाद जिला में चेतनपाल सिंह, गौतमबुद्ध नगर में अभिषेक शर्मा, नोएडा महानगर में महेश चौहान नए चेहरे हैं।

मुरादाबाद जिला में आकाश पाल, बिजनौर में भूपेंद्र सिंह चौहान बॉबी, मुजफ्फरनगर में सुधीर सैनी, बुलंदशहर में विकास चौहान और संभल में हरेंद्र चौधरी को दोबारा मौका दिया गया है।

पीलीभीत, हाथरस, एटा, फिरोजाबाद जिला, अलीगढ़ महानगर और अलीगढ जिला में जिलाध्यक्ष नियुक्त नहीं किए हैं। 7 जिलों में नए जिलाध्यक्ष बनाए गए हैं। वहीं, 6 जिलों में मौजूदा जिलाध्यक्ष को ही दोबारा मौका दिया है। आगरा जिला में प्रशांत पौनिया, आगरा महानगर में राजकुमार गुप्ता, मथुरा महानगर में हरीशंकर राजू यादव, फिरोजाबाद महानगर में सतीश दिवाकर, मैनपुरी में ममता सिंह राजपूत, कासगंज में नीरज शर्मा, बरेली जिला में सोमपाल शर्मा नए चेहरे हैं।

मथुरा जिला में निर्भय पांडेय, बरेली महानगर में अधीर सक्सेना, आंवला में आदेश प्रताप सिंह, शाहजहांपुर जिला में कृष्ण चंद्र मिश्रा, शाहजहांपुर महानगर में शिल्पी गुप्ता और बदायूं में राजीव कुमार गुप्ता को पुन: मौका दिया है।

मिर्जापुर, जौनपुर, चंदौली, बनारस जिला और कौशांबी में चुनाव नहीं हो सका है। 11 जिलों में में से 8 जिलों में नए चेहरों को मौका दिया है। जबकि तीन मौजूदा जिलाध्यक्षों को फिर कमान सौंपी है। वाराणसी महानगर में प्रदीप अग्रहरि, गाजीपुर में ओमप्रकाश राय, मछलीशहर में डॉ. अजय कुमार सिंह, सुल्तानपुर में सुशील त्रिपाठी, अमेठी में सुधांशु शुक्ला, प्रयागराज गंगापार में निर्मला पासवान, प्रयागराज यमुनापार में राजेश शुक्ला और प्रयागराज महानगर में संजय गुप्ता नए चेहरों को कमान सौंपी है।

प्रतापगढ़ में आशीष श्रीवास्तव, भदोही में दीपक मिश्रा और सोनभद्र में मौजूदा जिलाध्यक्ष नंदलाल गुप्ता को फिर मौका दिया है।

ज्यादातर जगहों पर दबाव में चुनाव स्थगित

सूत्रों के मुताबिक, जिलाध्यक्ष नियुक्ति की भनक लगते ही दावेदारों ने दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाई। चुनाव प्रक्रिया से जुड़े नेताओं के साथ प्रतिद्वंद्वी दावेदार पर भी कई आरोप लगाए। केंद्रीय नेतृत्व ने अपने अधिकार का इस्तेमाल कर चुनाव स्थगित करने का फरमान प्रदेश चुनाव प्रभारी को भेज दिया। ज्यादातर जिलों में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति एक राय नहीं बनने और जातीय समीकरण सेट नहीं होने के कारण स्थगित किया गया है।

सूत्रों के मुताबिक, चुनाव स्थगित कराना अपने चहेतों को जिलाध्यक्ष बनाने का सबसे आसान तरीका है। जिन जिलों में चुनाव स्थगित हुआ है, वहां अब जिलाध्यक्ष की घोषणा नए प्रदेश अध्यक्ष की ओर से की जाएगी।

अंबेडकर नगर में जिलाध्यक्ष त्रयंबक तिवारी का काफी विरोध है। वहीं, बाराबंकी में भी जिलाध्यक्ष अरविंद मौर्य का भी काफी विरोध है। अयोध्या में पूर्व सांसद लल्लू सिंह ने मौजूदा जिलाध्यक्ष को रिपीट करने का विरोध किया। वहीं खुद के करीबी को जिलाध्यक्ष बनाने का दबाव बनाया।

क्षेत्रीय अध्यक्ष भी अनजान

भाजपा में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति से क्षेत्रीय अध्यक्ष को भी दूर रखा गया है। आज जिलाध्यक्ष की नियुक्ति होनी थी, लेकिन प्रदेश चुनाव प्रभारी महेंद्र नाथ पांडेय की ओर से किसी भी क्षेत्रीय अध्यक्ष को सूचित नहीं किया गया है कि उनके क्षेत्र के कितने जिलों में अध्यक्षों की घोषणा होगी।

 
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