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खेसारी की बर्थडे पार्टी में पहुंचे अखिलेश यादव, BJP की ‘भोजपुरी ब्रिगेड’ को टक्कर देने के लिए सपा का नया पैतरा

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव ने शनिवार को लखनऊ में अपना जन्मदिन मनाया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने होटल हयात में आयोजित पार्टी में शामिल हुए। उन्होंने खेसारी का हाथ पकड़वाकर केक कटवाया। कहा- खेसारी एक अच्छे गायक हैं। हम सब उनके लिए इकट्ठा हुए हैं। खेसारी का नाम सिर्फ यूपी-बिहार नहीं, बल्कि दुनियाभर में गूंजे।
खेसारी की जन्मदिन पार्टी में अखिलेश के शामिल होने के बाद सियासी चर्चाएं शुरू हो गई हैं। वजह यह भी है कि खेसारी और अखिलेश के बीच 2 महीने में यह 5वीं मुलाकात है। कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या खेसारी सपा में शामिल हो सकते हैं?

खेसारी भाजपा और सपा के बीच की सियासी लड़ाई का नया मोहरा बनते नजर आ रहे हैं। अखिलेश ने भी खेसारी के बहाने पूर्वांचल और बिहार में सपा की सियासी पकड़ मजबूत करने की नई रणनीति के संकेत दिए हैं। चलिए, पूरी सियासी गुणा-गणित को 5 पॉइंट में समझते हैं...

1- खेसारी को अखिलेश अपने सियासी अभियान में शामिल कर सकते हैं?
राजनीतिक एक्सपर्ट कहते हैं कि खेसारी भोजपुरी के सबसे बड़े सितारों में से एक हैं। इसलिए अखिलेश अपने सियासी अभियान में उनको शामिल कर सकते हैं। यह रणनीति सीधे तौर पर भाजपा के भोजपुरी स्टार नेताओं, जैसे कि मनोज तिवारी, दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ और पवन सिंह को टक्कर देने के लिए हो सकती है।

भोजपुरी सिनेमा और संगीत का प्रभाव यूपी और बिहार की 45 से अधिक लोकसभा सीटों पर सीधा पड़ता है। ऐसे में खेसारी की लोकप्रियता का लाभ उठाकर अखिलेश का प्लान भाजपा को कड़ी चुनौती देने का हो सकता है।
2- बिहार चुनाव से लेकर पूर्वांचल तक असर
बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव है। 2027 में यूपी विधानसभा का चुनाव है। खेसारी की पॉपुलैरिटी के हिसाब से अखिलेश पूर्वांचल और बिहार दोनों जगहों पर अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत कर सकते हैं।

बिहार चुनाव में भूमिका : राजद (RJD) और INDIA गठबंधन के समर्थन से सपा बिहार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश कर रही है।
पूर्वांचल की राजनीति : सपा पूर्वांचल की सीटों पर मजबूत पकड़ बनाना चाहती है, जहां भाजपा के भोजपुरी स्टार नेताओं का दबदबा है।
खेसारी की संभावित भूमिका : राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि खेसारी यादव को सपा बिहार चुनाव में स्टार प्रचारक बना सकती है।

3- भोजपुरी के जरिए सियासी समीकरण बदलने की तैयारी?
भोजपुरी सिनेमा का यूपी-बिहार की राजनीति पर गहरा असर पड़ता है। यही वजह है कि भाजपा ने 2014 के बाद से भोजपुरी कलाकारों को अपने पक्ष में किया। मनोज तिवारी को दिल्ली भाजपा अध्यक्ष बनाया गया। निरहुआ को आजमगढ़ से लोकसभा उम्मीदवार बनाया और पवन सिंह को बिहार में स्टार प्रचारक के तौर पर उतारा।

अब अखिलेश भी उसी रणनीति पर काम कर रहे हैं। खेसारी की छवि एक संघर्षशील और मेहनती कलाकार की रही है, जो आम आदमी से सीधा कनेक्ट करते हैं। यही वजह है कि अखिलेश यादव ने उन्हें साधना शुरू कर दिया है।

4- क्या खेसारी लाल यादव राजनीति में एंट्री लेंगे?
बड़ा सवाल यह है कि क्या खेसारी सपा में शामिल होंगे या सिर्फ स्टार प्रचारक की भूमिका में रहेंगे? माना जा रहा है कि अगर सपा उन्हें 2027 में आजमगढ़ या किसी पूर्वांचल सीट से टिकट देती है, तो वह भाजपा की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। बिहार में राजद के साथ गठबंधन के तहत, उन्हें INDIA गठबंधन का प्रचारक भी बनाया जा सकता है। भोजपुरी युवाओं और मजदूर वर्ग पर खेसारी का प्रभाव बड़ा है, जिसे सपा भुनाने की कोशिश कर सकती है

5- भाजपा बनाम सपा: भोजपुरी स्टार पावर की नई जंग
भाजपा के पास भोजपुरी सिनेमा से जुड़े कई बड़े चेहरे पहले से हैं। लेकिन, खेसारी इस लिस्ट में नया ट्विस्ट ला सकते हैं। भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में भाजपा का वर्चस्व रहा है। मनोज तिवारी, निरहुआ, रवि किशन और पवन सिंह जैसे बड़े भोजपुरी सितारे भाजपा के पक्ष में रहे हैं। ऐसे में अखिलेश ने खेसारी के साथ पिछले दो महीनों में पांच बार मुलाकात करके यह संकेत दिया है कि सपा अब भाजपा के भोजपुरी ब्रिगेड को चुनौती देने के लिए तैयार है।

एक्सपर्ट कमेंट-
वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र कुमार कहते हैं कि कुल मिलाकर अब यह तय है कि सुपरस्टार खेसारी लाल यादव अब सिर्फ एक एंटरटेनर नहीं, बल्कि सियासत का अहम चेहरा बनने जा रहे हैं। खेसारी के बहाने सपा एक तीर से कई निशाने लगा रही है। जैसे कि बिहार में चुनाव होने वाले हैं, सपा उसमें भी अपनी संभावनाएं तलाश रही है।

वहीं, यूपी में भोजपुरी कलाकारों को भाजपा ने तवज्जोह दी है। मनोज तिवारी तीन बार से दिल्ली से सांसद हैं। रवि किशन दो बार से गोरखपुर से सांसद हैं। निरहुआ भी आजमगढ़ से सांसद रह चुके हैं।

ऐसे में खेसारी लाल के जरिए सपा न सिर्फ बिहार में अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर सकती है, बल्कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में खेसारी की फैन फॉलोइंग के जरिए अपना वोट बैंक बढ़ाने का काम कर रही है। खेसारी का भोजपुरी सिनेमा में बड़ा फैनबेस है। यह भी संभव है कि अखिलेश यादव आने वाले दिनों में खेसारी को बड़े चेहरे के तौर पर सपा में इस्तेमाल करें। खेसारी यादव ने 2024 के लोकसभा चुनाव में भी समाजवादी पार्टी के लिए गाने गाए थे।
 
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