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रेशमा खान ने सेक्स रैकेट को नेटवर्क मार्केटिंग जैसा बढ़ाया, हर एक को 2-3 लड़की लाने का टारगेट

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. रेशमा खान...गोरखपुर में एक ऐसा नाम है, जो लड़कियों को बहला-फुसलाकर देह व्यापार में धकेल रही थी। उसने जिस्म-फरोशी का अपना नेटवर्क खड़ा कर लिया था।
यह तस्वीर रेशमा खान का है, जो उसके इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए हैं।
मास्टरमाइंड रेशमा अब पुलिस की गिरफ्त में है। उसके साथी मुस्कान और श्रेय शुक्ला समेत 14 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। रेशमा ने पुलिस कस्टडी में कई राज उगले हैं।

पुलिस के मुताबिक, सिर्फ 14 साल की उम्र में रेशमा खान ने पहली बार 1 लड़की को फंसाकर सप्लायर तक पहुंचाया था। इसके बाद उसने इसे अपना पेशा बना लिया। उसके जाल में फंसकर करीब 300 लड़कियां अपनी जिंदगी बर्बाद कर चुकी हैं।

रेशमा सेक्स रैकेट को भी बिजनेस मॉडल की तरह लड़कियों के सामने रखती थी। मतलब, अपने साथ दूसरी लड़की लाओगी तो कमीशन मिलेगा। लड़की जिस कस्टमर के पास जाएगी, उसका एक हिस्सा भेजने वाले का भी होगा।

रेशमा यह भी समझ गई थी कि सिर्फ गोरखपुर तक इस धंधे को नहीं रखना है। उसने गोरखपुर के आस-पास के जिलों के साथ नेपाल तक अपना नेटवर्क फैलाया। सारी डीलिंग मोबाइल पर होती थी।

लड़कियों को खरीदने-बेचने के आरोपी मुस्कान और श्रेय ने पुलिस को बताया कि कम उम्र की लड़कियों को रेशमा बहुत जल्दी कन्वेंस कर लेती थी। वह उसके असर में कुछ भी करने को तैयार हो जाती थीं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट...

लड़कियों को फंसाने के लिए रेशमा का फिक्स पैटर्न था। वह नौकरी के इंटरव्यू के लिए होटल में लड़कियों को बुलाती थी। फिर उनका रेप करवाती। वहीं पर अश्लील वीडियो बनता। धमकी दी जाती कि अगर बात नहीं मानी तो यह न्यूड वीडियो तुम्हारे परिवार को भेज दिए जाएंगे।
इस तस्वीर में मुस्कान और श्रेय के बीच में रेशमा दिख रही है। थाने में अरेस्टिंग के बाद उसकी तस्वीर खींची गई थी।
एक बार लड़की रेशमा के चक्रव्यूह में फंस जाती, तब उसको और लड़कियों को लाने का ऑफर देती। यहां कमीशन का खेल शुरू हो जाता।

पूछताछ में यह भी सामने आया कि पूरे 12 महीने इन लड़कियों को कस्टमर नहीं मिलते थे। ऐसे में कुछ लड़कियों को टारगेट दिया जाता कि तुम कस्टमर पकड़कर लाओ। अगर कस्टमर तुम्हारे रिफरेंस से आता है, तो 30% तुम्हारा। मसलन, अगर 1500 रुपए मिले, तो कमीशन के 500 कस्टमर भेजने वाली लड़की को मिलता।

गोरखपुर के अलावा देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, मऊ, बलिया, आजमगढ़, बस्ती, सिद्धार्थनगर के ज्यादातर होटल रेशमा के नेटवर्क में थे। यहां रिसेप्शन पर बैठने वाले लोग सीधे रेशमा के टच में रहते थे। अमूमन होटल में ठहरने वाले लड़की की डिमांड रिसेप्शन पर बैठे लोगों से करते थे। तब उन्हें रेशमा या उसकी किसी लड़की का नंबर दिया जाता।

इसके बाद वॉट्सऐप पर लड़की की तस्वीर शेयर कर ली जाती। उम्र और सुंदरता के हिसाब से रेट तय होते। वह भी तस्वीर के साथ लिखकर भेज दिया जाता था। यही था रेशमा का मार्केटिंग प्लान। इसका कोई सबूत तो नहीं मिला है, मगर सोर्स कहते हैं कि संबंधित थानों में भी रेशमा की ठीक-ठाक सेटिंग थी। रेशमा ने अपने मोबाइल का डेटा डिलीट किया है, उसको साइबर सेल रिकवर कर रही है।

इंस्टाग्राम और फेसबुक पर रेशमा के प्रोफाइल मिली है। श्रेय का कहना कई लड़कियां रेशमा खान की लग्जरी लाइफ को सोशल मीडिया पर देखकर खुद ही उससे संपर्क करती थीं। मगर रेशमा शातिर थी, लड़कियों का बैकग्राउंड पूरी तरह से पता करने के बाद ही उन्हें सेक्स रैकेट तक लेकर आती थी।

पुलिस पूछताछ में रेशमा ने कबूल किया कि करीब 3 साल पहले वह जीनस बाटल रेस्टोरेंट के अनिरुद्ध ओझा के संपर्क में आई। अनिरुद्ध हुक्का बार भी चलाता था। इसके अलावा कुशीनगर की एक महिला भी रेशमा के संपर्क में थी। सोर्स बताते हैं कि कुशीनगर की यह महिला ही रेशमा की मेंटर थी। उसने ही लड़कियों को फंसाने की शुरुआती ट्रेनिंग रेशमा को दी।

जब रेशमा अरेस्ट हुई, तब उसने बताया कि वह छठवीं तक पढ़ी है, मगर पुलिस ने जब उसकी पिछली जिंदगी खंगाली तब सामने आया कि वह 10वीं फेल है। उसने असुरन चौक के पास स्थित एक स्कूल से पढ़ाई की है।

एक पुलिस टीम इस स्कूल भी गई थी। सामने आया कि रेशमा ने आज तक अपने कागज भी नहीं लिए हैं।

रेशमा सिर्फ 14 साल में सेक्स रैकेट में आ गई थी। उसने ही अपना एक किस्सा पुलिस वालों को सुनाया कि एक दफा पुलिस रेड में किसी का शक उसके ऊपर नहीं गया। कई लड़कियों को पुलिस पकड़कर अपने साथ ले गई, मगर रेशमा को छोड़ दिया, क्योंकि वह अपनी उम्र से काफी छोटी दिखती थी। वह करीब 7 साल से इस धंधे में एक्टिव है।

अब पढ़िए रेशमा पुलिस के जाल में कैसे फंंसी…
इस गिरफ्तारी की कहानी 2 जनवरी, 2025 को शुरू हुई। एक नाबालिग लड़की ने रामगढ़ताल थाने में FIR कराई। लड़की ने कहा- मेरा गैंगरेप हुआ है। यहां पर रेशमा का नाम सामने आया।

पुलिस रेशमा का पीछा करते हुए महाकुंभ तक पहुंची। घेराबंदी के बाद उसको पकड़ लिया गया। इसके बाद एक-एक करके 12 लोग अरेस्ट हुए।

पहली FIR होने के बाद इस मामले में 2 और केस दर्ज हुए। बेतियाहाता की एक युवती ने शाहपुर में FIR दर्ज कराई। बुधवार को उसका मजिस्ट्रेट के सामने बयान भी हो गया।

शाहपुर पुलिस ने इस मामले में मानव तस्करी की धारा भी बढ़ा दी है। 14 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। 4 होटलों के संचालक और कर्मचारियों के खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं। इस मामले में लगभग 15 लोगों के नाम और सामने आ रहे हैं। उनपर भी जल्द ही कार्रवाई हो सकती है।

गोरखपुर के एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने कहा- 2 जनवरी को रामगढ़ ताल थाने में एक नाबालिग ने केस दर्ज कराया था। कोर्ट के बयान में यह बात सामने आई कि रेशमा उसे बहलाकर हुक्का बार ले गई थी। उसके बाद से उसकी तलाश की जा रही थी। जांच में पता चला कि वह लड़कियों को बहलाकर वहां ले जाती थी, इसके सबूत मिले हैं। उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। आगे की जांच चल रही है।
 
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