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गाजीपुर मेडिकल कॉलेज में गलत प्लास्टर चढ़ाया, शिकायत करने पर भड़के ऑर्थोपेडिक सर्जन

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर मेडिकल कॉलेज के एक ऑर्थोपेडिक सर्जन ने एक बच्ची के पैर का प्लास्टर गलत जोड़ दिया। उसके बाद शिकायत करने पहुंचे परिजनों के साथ बदतमीजी भी की। इतना ही नहीं डॉक्टर ने अस्पताल की व्यवस्थाओं को भी बेकार बताया।
ऑर्थोपेडिक सर्जन वैभव सिंह ने कहा, मैं तो इस अस्पताल में अपने कुत्ते का प्लास्टर भी न करवाऊं। यहां की व्यवस्थाएं बस चल रही हैं। जो मरीज आते हैं वो गरीब हैं, तभी यहां इलाज करवाते हैं। ज्यादा चिल्लाओ मत, सारी बकैती निकाल दूंगा 1 सेकंड में। प्राचार्य ने इसके लिए गुरुवार को देर शाम को जांच कमेटी बैठा दी है।

इस मामले में गाजीपुर राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर आनंद मिश्रा का कहना है, ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हैं की एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति जहां पर काम करता है, वहीं के लिए ऐसी अशोभनीय बातें करता है। यहां पर आया एक-एक सामान गुणवत्ता समिति से पास होकर आता है। सामान की क्वालिटी में कहीं कोई खोट नहीं है। सब सामान अच्छा है। कोई भी व्यक्ति कभी भी आकर सामान चेक कर सकता है। उसको कमी नहीं मिलेगी।

उन्होंने ऐसा क्यों कहा, ऐसी बात क्यों बोली..ये तो वही जानें। लेकिन ये गलत बात है। अस्पताल में बाहर से सामान लाना मना है। जो सामान यूज होगा वो अंदर का होगा। उनकी बाहर क्या सेटिंग है ये तो मुझे नहीं पता है। वीडियो के सामने आते ही मैंने जांच कमेटी बना दी है। जो रिपोर्ट आएगी, वो मैं शासन को भेज दूंगा। मेरी मांग है, ऑर्थोपेडिक सर्जन वैभव सिंह को सख्त सजा दी है।

बता दें, गाजीपुर मेडिकल कॉलेज में एक सोशल वर्कर राजकुमार मौर्य अपनी बेटी के पैर पर प्लास्टर चढ़वाने आया था। उसकी बेटी क्रिकेट खेलती है। 7 दिन पहले क्रिकेट खेलते समय ही बेटी का पैर टूट गया था। ऑर्थोपेडिक सर्जन वैभव सिंह ने बच्ची को प्लास्टर चढ़ाया था। प्लास्टर चढ़वाने के बाद बेटी का दर्द और बढ़ गया। उसके बाद 4 दिन पहले फिर से पीड़ित अपनी बेटी को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचा।

जहां जांच में गलत प्लास्टर चढ़ने की बात सामने आई। इसके बाद पीड़ित ने ऑर्थोपेडिक सर्जन वैभव सिंह को पूरे मामले की जानकारी दी लेकिन डॉक्टर उल्टा पीड़ित से ही गलत बातें बोलने लगे। दोनों के बीच काफी देर तक विवाद चलता रहा। जिसका वीडियो भी सामने आया है। ये मामला 3 दिन पहले का है। बच्ची की उम्र 13 साल है।

इसी मामले को लेकर सोशल वर्कर राजकुमार मौर्य, शुक्रवार को सीएम से मिलने पहुंचे हैं। उन्होंने कहा, मैं सीएम को मिलकर बताऊंगा कि उनके मेडिकल कॉलेज का क्या हाल है। वहां पर कैसे काम हो रहा है।ऑर्थोपेडिक सर्जन वैभव सिंह के बयान से मैं काफी दुखी हूं।

यहां जो हजारों-लाखों लोग आ रहे हैं, उनकी भावनाओं के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ हो रहा है। मैं सीएम को बताना चाहता हूं कि उनके डॉक्टर कह रहे हैं, गाजीपुर मेडिकल कॉलेज में कुत्तों का भी इलाज नहीं हो सकता है।

अब पढ़िए पीड़ित और डॉक्टर के बीच हुई पूरी बातचीत-

पीड़ित- हजारों लोगों के साथ यहां पर गलत हो रहा है।

डॉक्टर- यहां पर जो गरीब लोग आते हैं, उनके लिए ये जो प्लास्टर रोल है वो यही बनता है। अच्छा प्लास्टर जो है वो दो-ढाई हजार का आता है। हम लोगों को निर्देश दिए गए हैं की बाहर से हम प्लास्टर नहीं मंगवाएंगे। यहां जो बनता है, उसकी क्वालिटी अच्छी नहीं होती है। अगर आपको अच्छा चाहिए तो मैं लिखकर दे रहा हूं। आप बाहर से लेकर आइए, मैं वही लगा दूंगा।

पीड़ित- इसका मतलब यहां कोई हल नहीं है।

डॉक्टर- हल तब होगा जब आप सामान खरीदकर लाएंगे।

पीड़ित- मतलब आप जो अभी लगाए हैं, वो सेम बाजार जैसा नहीं है।

डॉक्टर- नहीं वो सेम नहीं है।

पीड़ित- तो ऐसा क्यों है? यही तो मैं जानना चाह रहा हूं।

डॉक्टर- कई बार ऐसा होता है। अगर प्लास्टर ढीला हो जाता है तो हम उसको रिपीट करवा देते हैं। इसमें मेरी गलती नहीं है। आप बाजार से लेकर आइए, उसे मजबूत हो जाएगा। यहां पर तो ऐसा ही मिलेगा।

पीड़ित- मतलब गरीबों के साथ आप लोग ऐसा करते हैं।

डॉक्टर- अब कोई नहीं खरीद पाएगा तो ऐसे ही करेंगे न।

पीड़ित- तो क्या ऐसी व्यवस्था होती है। ये मैं जानना चाह रहा हूं। आप लोग क्या गरीबों के जीवन के साथ खिलवाड़ करते हैं?

डॉक्टर- अगर प्लास्टर गलत होता है तो हम उसको रिपीट करवाते हैं, बस। इस अस्पताल में मैं तो अपने कुत्ते का भी प्लास्टर न करवाऊं। मरीज गरीब हैं, उन पर पैसे नहीं हैं तो वो आते हैं।

पीड़ित- मुझे शर्म आ रही है, ये कहते हुए की हमारे जिले में मेडिकल कॉलेज का ऐसा हाल है। आप मेरी बच्ची की बराबरी कुत्ते से कर रहे हैं।

डॉक्टर- ज्यादा चिल्लाओ मत, सारी बकैती निकाल दूंगा 1 सेकंड में।

मरीज- निकालिए, निकालिए फिर..निकालिए।

साल 2023 से मेडिकल कॉलेज में तैनात हैं ऑर्थोपेडिक सर्जन

बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 अक्टूबर 2021 को महर्षि विश्वामित्र स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय गाजीपुर का वर्चुअल लोकार्पण किया था। वर्तमान में जिला अस्पताल भी इसी मेडिकल कॉलेज से संबंध है।ऑर्थोपेडिक सर्जन वैभव सिंह यहां पर साल 2023 से तैनात हैं।
 
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