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बसपा प्रमुख मायावती ने भतीजे आकाश के ससुर को BSP से निकाला, बोलीं- गुटबाजी कर रहे थे

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. बसपा प्रमुख मायावती ने भतीजे आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकाल दिया। उनके करीबी नितिन सिंह को भी पार्टी से बाहर कर दिया। यह एक्शन मायावती ने संगठन में गुटबाजी और अनुशासनहीनता पर लिया।
मायावती के साथ डॉ. अशोक सिद्धार्थ। अशोक सिद्धार्थ की बेटी की शादी 2023 में मायावती के भतीजे आकाश आनंद से हुई थी।

मायावती ने X पर लिखा- दक्षिणी राज्यों के प्रभारी रहे डॉ अशोक सिद्धार्थ और नितिन सिंह चेतावनी के बाद भी पार्टी में गुटबाजी कर रहे थे। इन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के चलते तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है।

डॉ अशोक सिद्धार्थ पार्टी के कद्दावर नेताओं में शुमार रहे हैं। वहीं, नितिन सिंह मेरठ के रहने वाले हैं। बसपा के दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के प्रभारी रह चुके हैं।

5 जनवरी 1965 को जन्मे डॉ अशोक सिद्धार्थ पेशे से डॉक्टर हैं। उन्होंने महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज से नेत्र रोग में डिप्लोमा किया। वह सरकारी सेवा के दौरान बामसेफ में विधानसभा, जिला और मंडल अध्यक्ष पदों पर रह चुके हैं। वह साल 2007 में कन्नौज के गुरसहायगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनाती के दौरान इस्तीफा देकर बसपा में शामिल हो गए थे।

बसपा की ओर से वह पहली बार 2009 और दूसरी बार 2016 में एमएलसी रहे हैं। फिर 2016 में राज्यसभा भेजा गया। वह 2022 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। बसपा में कानपुर-आगरा जोनल कोऑर्डिनेटर जैसे महत्वपूर्ण पद पर भी रह चुके हैं। राष्ट्रीय सचिव पद के अलावा कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल सहित 5 राज्यों का प्रभार भी संभाला है। वहीं, डॉ सिद्धार्थ की पत्नी सुनीता सिद्धार्थ साल 2007 से लेकर 2012 तक यूपी महिला आयोग की उपाध्यक्ष रह चुकी हैं।

अशोक के बारे में दावा किया जाता है कि वह लो-प्रोफाइल रहने वालों में से हैं। वह पार्टी में पर्दे के पीछे रहते हुए काम करते रहे हैं।

मायावती ने दिया सख्त संदेश
बसपा प्रमुख मायावती के इस फैसले को दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी नेताओं को सख्त संदेश देने के रूप में देखा जा रहा है। दिल्ली चुनाव में बसपा ने जहां पर भी प्रत्याशी खड़े किये थे, वहां जमानत जब्त हो गई। डॉ अशोक सिद्धार्थ मायावती के काफी नजदीकी माने जाते थे और उनके पास पार्टी की कई बड़ी जिम्मेदारियां थीं। इसके अलावा नितिन सिंह पर भी मायावती को काफी भरोसा था। लेकिन, दोनों नेता उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे।

डॉ अशोक सिद्धार्थ मायावती के भतीजे आकाश आनंद के भतीजे हैं। वहीं, नितिन सिंह को भी आकाश आनंद का करीबी माना जाता है। जहां-जहां आकाश आनंद को संगठन की जिम्मेदारी मिली, वहां नितिन को प्रभारी बनाया गया। ऐसे में यह फैसला सीधे तौर पर आकाश आनंद के प्रभाव को कम करने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम माना जा रहा है।

इस फैसले से यह भी साफ हो गया है कि मायावती अब बसपा में अनुशासनहीनता और गुटबाजी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगी। इससे संगठन में कड़े फैसलों का संकेत भी दिया गया है।

बसपा ने 10 दिसंबर 2023 को यूपी-उत्तराखंड के नेताओं की बैठक बुलाई थी। इसमें मायावती ने अपने सबसे छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित किया था। पार्टी की विरासत और राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए अपने भतीजे पर विश्वास जताया था।
यह आकाश आनंद और डॉ सिद्धार्थ की बेटी प्रज्ञा की शादी की तस्वीर है। इसमें मायावती भी मौजूद रही थी।
हालांकि, 7 मई, 2024 को आकाश की गलतबयानी की वजह से मायावती ने आकाश आनंद से सभी जिम्मेदारियां छीन ली थीं। आकाश को अपने उत्तराधिकारी के साथ ही नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से भी हटा दिया था।

आकाश आनंद पहली बार 2017 में सहारनपुर की एक जनसभा में मायावती के साथ दिखे थे। इसके बाद वह लगातार पार्टी का काम कर रहे थे। 2019 में उन्हें नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया गया। यह फैसला तब लिया गया जब सपा और बसपा का गठबंधन लोकसभा चुनाव के बाद टूटा। 2022 के हिमाचल विधानसभा चुनाव में पहली बार आकाश आनंद का नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट में आया था।

आकाश ने लंदन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) की पढ़ाई की है। आकाश की शादी बसपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य अशोक सिद्धार्थ की बेटी डॉ. प्रज्ञा से हुई है।
 
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