श्रीकाशीविश्वनाथ में महाशिवरात्रि पर टूटेगा भक्तों का रिकार्ड, VIP स्पर्श रहेगा बंद
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. श्रीकाशीविश्वनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि का उत्सव भव्य और अलौकिक होगा। मंदिर में दर्शनार्थियों का रिकार्ड टूटेगा तो सबसे ज्यादा दर्शन का नया कीर्तिमान स्थापित होगा। न्यास ने महाशिवरात्रि के लिए भव्य तैयारियां की है। मंदिर में 10 लाख से अधिक भक्तों को दर्शन कराने का इंतजाम किया जाएगा।
महाशिवरात्रि पर 26 फरवरी को काशी विश्वनाथ के कपाट बंद नहीं होंगे। रातभर कपाट खुले रहेंगे। बाबा विश्वनाथ लगातार 33 घंटे भक्तों को दर्शन देंगे। रात की तीन आरती भी नहीं होगी। हालांकि इस दौरान स्पर्श दर्शन बंद रहेंगे और झांकी दर्शन मिलेंगे। महाशिवरात्रि के दिन करीब 15-20 मिनट आरती का समय घटाया गया है।
महाशिवरात्रि पर किसी प्रकाश के VIP और सुगम दर्शन की सुविधा पूरी तरह से स्थगित रहेगी, ताकि हर भक्त को बिना किसी विशेषाधिकार के बाबा विश्वनाथ के दर्शन का समान अवसर मिल सके। मंदिर प्रशासन ने भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक छोर से दूसरे छोर की व्यवस्था की है, जिससे दर्शन व्यवस्था सुचारू बनी रहे।
मंदिर के सीईओ विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि महाशिवरात्रि के दौरान 32 घंटे तक बाबा विश्वनाथ के द्वार खुले रहेंगे। ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालु महादेव के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त कर सकें। मंगल आरती एक दिन पहले होगी और फिर पूरी रात कालरात्रि शिवरात्रि मनाई जाएगी।
महाशिवरात्रि पर 5 गेट पर पुख्ता इंतजाम, अंदर आठ कतार
काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि महाशिवरात्रि के दौरान पांच गेट से श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा। अंदर गर्भगृह के गेट पर दो-दो कतारें बांटी गई हैं। भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए गार्ड रेलिंग की व्यवस्था की है, जिससे श्रद्धालु अनुशासित तरीके से दर्शन कर सकें।
मंदिर प्रशासन ने बताया कि 12 लाख श्रद्धालुओं ने पिछले साल महाशिवरात्रि के मौके पर काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे थे। इस बार महाकुंभ की महाशिवरात्रि है ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि ये रिकॉर्ड भी इस बार टूट जाएगा। मंदिर न्यास श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा कर उनका अभिनंदन करेगा। उधर, विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी नीचीबाग में शिवभक्तों का स्वागत करेंगे।
श्रीगणेश पूजन के बाद आज भव्य रुद्राभिषेक
महाशिवरात्रि से पहले विशेष रुद्राभिषेक की परंपरा का आगाज किया है। मंदिर प्रशासन ने बताया कि पिछले वर्ष महाशिवरात्रि से पहले एक नई परंपरा शुरू की गई थी, जिसमें 'प्रधान महादेव' का विशेष रुद्राभिषेक कर महाशिवरात्रि पर्व की रक्षा और संपूर्ण सनातन समाज के कल्याण की प्रार्थना की जाती है। गुरुवार को महाशिवरात्रि से पूर्व शुभ मुहूर्त में यह विशेष रुद्राभिषेक किया जाएगा।
धाम में स्थित 15 प्रधान विग्रहों के पूजा-पाठ, अनुष्ठान रुद्राभिषेक समेत नवाचार गुरुवार से शुरू होगा। सभी 15 प्रधान विग्रहों का क्रमवार शास्त्रोक्त विधि से रुद्राभिषेक मंदिर न्यास के अधिकारीगण करेंगे। सीईओ ने विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा कर कामना की गई कि महाशिवरात्रि का पर्व भी बिना किसी अड़चन के पूरी आस्था से संपन्न हो।
पुलिस कमिश्नर बोले- श्रद्धालुओं की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि प्रयागराज महाकुंभ से काशी आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। महाशिवरात्रि को भीड़ को संभालने के लिए शहर में 55 जगह चिह्नित की गई हैं। इन जगहों पर बैरियर लगाए जाएंगे। काशी विश्वनाथ धाम परिक्षेत्र को जोन में बांटकर 13 सेक्टर में पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। यातायात व्यवस्था को बनाए रखने के लिए 8 टैफिक इंस्पेक्टर, 24 टैफिक सब इंस्पेक्टर, 164 हेड कॉन्स्टेबल और 300 से ज्यादा होमगार्ड तैनात किए जाएंगे।
साधु-संतों एवं नागा सन्यासियों के लिए रुकेगी भक्तों की कतार, रूपरेखा तैयार
महाशिवरात्रि पर्व के चलते श्री काशी विश्वनाथ धाम के पिनाक भवन सभागार में बुधवार रात बैठक में रूपरेखा तय की गई। काशी विश्वनाथ जी के दर्शन-पूजन व जलाभिषेक को आने वाले दर्शनार्थियों एवं विभिन्न अखाड़ों से जुड़े साधु-संत एवं नागा सन्यासियों को सुगमतापूर्वक दर्शन-पूजन कराने का ब्लूप्रिंट तैयार किया गया।
परिसर की शांति व सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ बनाए रखने पर मंथन हुआ। इसमें तय किया कि मंदिर में विभिन्न अखाड़ों से जुड़े साधु-संतों एवं नागा सन्यासियों को सुगमतापूर्वक दर्शन-पूजन कराने के दौरान आम भक्तों की कतार रोकी जाएगी। सबसे पहले अखाड़ों के साधु बिना रुकावट दर्शन करेंगे।
मंदिर सुरक्षा के एडीशनल सीपी सूर्यकान्त त्रिपाठी, सेनानायक CRPF आरएफ बालापुरकर, SDM शम्भू शरण, ADCP ममता रानी, ACP अमित कुमार श्रीवास्तव, ACP दशाश्वमेध धनन्जय मिश्रा, ACP एलआईयू सतानन्द पाण्डेय, इंस्पेक्टर योगेन्द्र प्रसाद और विमल कुमार मिश्र, प्रभारी जल पुलिस सधुबन राम गौतम समेत अन्य कई अधिकारी उपस्थित थे।
इन प्रमुख बिंदुओं पर तय हुई रूपरेखा
1. अखाड़ों से जुड़े साधु-संत एवं नागा सन्यासियों के प्रतिनिधियों से मार्ग, समय एवं संख्या के सम्बन्ध में चार्ट तैयार होगा और सभी को गेट नं-4 से परिसर में प्रवेश दिया जाएगा।
2. साधु-संत 'सी' गेट से गर्भगृह उत्तरी एवं पूर्वी द्वार से दर्शन पूजन कराकर पश्चिमी 'डी' गेट से अन्नपूर्णा मन्दिर लाया जाएगा। श्रृंगार गौरी के रास्ते गंतव्य को प्रस्थान कराया जायेगा।
3. गोदौलिया से मैदागिन चौराहे तक नो व्हीकल जोन रहेगा। मैदागिन से गोदौलिया, दशाश्वमेध घाट तक बैरिकेडिंग मजबूत होगी, अतिरिक्त बैरिकेडिंग व्यवस्था की जाएगी।
4. प्रभारी जल पुलिस को निर्देशित किया गया कि नाविकों से बातचीत कर ललिता घाट के आस-पास दर्शनार्थियों को न उतारा जाए, ताकि लाइन व्यवस्था अव्यवस्थित न हों।