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मरीज खरीदने वाला प्राइवेट हॉस्पिटल सील, पिता को नहीं मालूम बेटा डॉक्टर है

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. गोरखपुर में मरीज की खरीद-फरोख्त करने वाले अर्पित हॉस्पिटल को सील कर दिया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने हॉस्पिटल को मानक के विपरीत पाया। हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन भी निरस्त कर दिया गया है। पंजीकरण सही था, लेकिन जिसके नाम पर हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन था, वह डॉक्टर नहीं मिला।
शनिवार को जांच में सामने आया कि बिहार के डॉ. शाकिब सलीम ने एक लाख रुपए लेकर हॉस्पिटल पंजीकृत कराने के लिए अपनी डिग्री दी थी। वहीं हॉस्पिटल संचालक डॉ. प्रवीन के पास मिली रूस की डिग्री की भी पुलिस जांच कर रही है।

अर्पित हॉस्पिटल के संचालक प्रवीन सिंह के पिता से भी पूछताछ हुई। उन्होंने कहा- मुझे नहीं मालूम कि मेरा बेटा डॉक्टर है। रूस से डाक्टरी की पढ़ाई कब की, इसकी जानकारी नहीं है। प्रवीन ने पुलिस को डिग्री दिखाते हुए कहा था कि उसने रूस से पढ़ाई की है। उसका मोबाइल उसके पिता को दे दिया गया है। पुलिस इस मामले की जांच भी कर रही है कि हॉस्पिटल संचालन में कौन-लोग सहयोग कर रहे हैं।

ओटी टेक्नीशियन से बन गया डॉक्टर
पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि प्रवीन पहले शहर के एक हॉस्पिटल में ओटी टेक्नीशियन था। कोविड के समय उसने लाखों की कमाई की थी। इसके बाद उसने फर्जी तरीके से अपना हॉस्पिटल खोला और एम्बुलेंस माफिया के साथ मिलकर मरीजों की खरीद-फरोख्त में जुट गया। वह खुद डॉक्टर बन गया और मरीजों का इलाज शुरू कर दिया।

अर्पित हास्पिटल के लिए पंजीकरण कराने को अपनी डिग्री देने वाले डॉ. शाकिब सलीम ने बताया कि उन्होंने लालच में डिग्री दी थी। शुरू में 1 लाख रुपए लिए थे। हर महीने 40 हजार रुपए मिलने थे, लेकिन प्रवीन ने एक लाख के अलावा कोई रकम नहीं दी।
पुलिस की गिरफ्त में आया प्रवीन सिंह दूसरे के नाम पर हॉस्पिटल चला रहा था।
फर्जी तरीके से हास्पिटल संचालित करने वाले प्रवीन ने कुछ यूट्यूबर से भी साठगांठ कर रखी थी। फिलहाल पुलिस की रडार पर ऐसे 4 यूट्यूबर हैं। उनके खाते में पैसे भेजने की पुष्टि हुई है। पुलिस ने कुछ यूट्यूबर से पूछताछ भी की है।

22 जनवरी को देवरिया जिले के सलेमपुर के भरौली निवासी लक्ष्मी देवी की शिकायत के बाद इसके अवैध धंधे का मामला उजागर हुआ।

लक्ष्मी देवी ने गुलरिहा थाने में दी तहरीर में बताया कि 17 जनवरी को देवरानी लीलावती देवी के बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर 108 नंबर एम्बुलेंस से बीआरडी मेडिकल कालेज पहुंची।

यहां जगह नहीं मिलने पर चालक व ईएमटी ने भय दिखाकर अर्पित हॉस्पिटल भेज दिया था। पांच दिन उपचार कराने के बाद भी बच्चे की हालत में सुधार नहीं हुआ।

संचालक ने 60 हजार रुपए भी वसूल लिए। रेफर करने को कहा तो डॉ. प्रवीन बच्चे को गलत इंजेक्शन लगाकर मारने की धमकी दी।

परिजनों ने पुलिस में केस दर्ज करा दिया। मामले की जांच शुरू हुई तो डॉ. प्रवीन के अवैध धंधे का पर्दाफाश हुआ।

पुलिस ने हॉस्पिटल संचालक प्रवीन सिंह, मैनेजर तुषार, बिचौलिया अमन गुप्ता,108 एम्बुलेंस चालक और ईएमटी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया- अर्पित हॉस्पिटल मामले की जांच गहनता से की जा रही है। लगातार इस मामले में कार्रवाई भी हो रही है। हॉस्पिटल संचालक, मैनेजर सहित 5 को जेल भेजा जा चुका है। साक्ष्यों के आधार पर इस धंधे मे लिप्त अन्य लोगों पर भी कार्रवाई होगी।
 
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