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बनारस में नाव डूबी, 10 पर्यटकों को बचाया, दूसरी नाव ने टक्कर मारी; शहर में 40 लाख की भीड़

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी में शुक्रवार सुबह गंगा में दो नावों की टक्कर हो गई। हादसे के बाद छोटी नाव गंगा में डूबने लगी। चीख-पुकार, अफरा-तफरी मच गई। तुरंत जल पुलिस और NDRF की टीम मौके पर पहुंची।
जैसे-तैसे छोटी नाव के पर्यटकों को बड़ी नाव में शिफ्ट किया गया। हादसा महान घाट के सामने हुआ। जल पुलिस ने बताया कि अस्सी घाट से करीब 10 सवारियों को बैठाकर एक छोटी मोटर बोट मणिकर्णिका घाट से लौट रही थी।

लौटते वक्त तेज स्पीड में उसकी बड़ी मोटर बोट से टक्कर हो गई। टक्कर से नाव का बैलेंस बिगड़ गया। वह डूबने लगी। तुरंत बड़ी बोट की सवारियों ने छोटी नाव के पर्यटकों को बचाया। इतनी देर में जल पुलिस पहुंच गई। सभी का रेस्क्यू किया गया। घटना की सूचना पर वाराणसी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल भी मौके पर पहुंचे हैं।

जल पुलिस प्रभारी ने बताया कि दोनों बोट के नाविक से पूछताछ की जा रही है। सभी घाटों पर अनाउंसमेंट कराया जा रहा है कि क्षमता से अधिक यात्रियों को न बैठाएं। सभी को लाइफ जैकेट अनिवार्य रूप से पहनाएं। अगर कोई भी नाव में बिना लाइफ जैकेट के सवारी बैठाए दिखा तो उसकी नाव सीज की जाएगी।

काशी में इस वक्त 40 लाख लोगों की भीड़ है। 31 जनवरी से 5 फरवरी तक विश्व प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट से लेकर अस्सी घाट तक की गंगा आरती रोक दी गई है। होटल से लेकर धर्मशालाएं और सरकारी स्टे कैंप भी हाउसफुल हैं। रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड के आसपास 5 लाख से ज्यादा लोग वाहनों का इंतजार कर रहे हैं। इनमें ज्यादातर वे लोग हैं जो प्रयागराज महाकुंभ जाना चाहते हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर से गंगा घाट तक 5 किमी तक लाइनें लगी हुई हैं।

प्रशासन ने भीड़ के मूवमेंट को देखते हुए व्यवस्था की है। प्रशासन का मानना है कि गंगा आरती के दौरान लाखों की भीड़ इकट्‌ठी हो जाती है। इससे अनहोनी की आशंका रहती है। काशी में पिछले 3 तीनों में भीड़ कैसे बढ़ी, उसे कैसे कंट्रोल किया जा रहा है और लोगों के पास विकल्प क्या हैं?
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