UP Weather Update Today: मौसम का बदला मिजाज, बारिश और तापमान में बदलाव की संभावना
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. पिछले तीन दिनों से प्रदेश में तेज पछुआ हवाओं के कारण तापमान में 3-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। इस बीच, मौसम विभाग ने एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर-पश्चिमी भारत की ओर बढ़ने की संभावना जताई है, जो 9-10 दिसंबर के दौरान प्रदेश के मौसम को प्रभावित कर सकता है।
इस विक्षोभ के असर से पूर्वांचल समेत प्रदेश के उत्तरी हिस्सों में हल्की बारिश और कहीं-कहीं बूंदाबांदी होने की संभावना है। इस दौरान अधिकतम तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस की और गिरावट हो सकती है, जबकि न्यूनतम तापमान में 3-4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी का अनुमान है।
मौसम वैज्ञानिक डा. अतुल कुमार सिंह का कहना है कि 10 दिसंबर की सुबह तक पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद न्यूनतम तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की तेज गिरावट दर्ज की जा सकती है। इसके साथ ही, कोहरे का घनत्व बढ़ने से तराई और पूर्वांचल के कई इलाकों में घना कोहरा पड़ने की संभावना है, जिससे विजिबिलिटी कम हो सकती है।
प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से ठंड का असर बढ़ता नजर आ रहा है। पछुआ हवाओं ने लोगों को सर्दी का एहसास कराने के साथ ही मौसम में ठिठुरन बढ़ा दी है। वहीं, आने वाले दिनों में बारिश और कोहरे के कारण ठंड और भी बढ़ सकती है। मौसम विभाग ने किसानों और आम जनता को सलाह दी है कि वे इस मौसम परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए अपनी तैयारियां कर लें। बारिश और कोहरे के कारण यातायात प्रभावित हो सकता है।
ड्राई फ्रूट का बाजार अभी तक सहालग के कारण गुलजार था अब ड्राई फ्रूट का कारोबार करने वाले ठंड बढ़ते ही सूखी मेवे से जुड़ा माल अपनी दुकानों में फिर भरने लगे हैं। हालांकि सहालग अभी 14 दिसंबर तक है लेकिन नवंबर की तुलना में हल्की हो गई है। ऐसे में शादी बारातों में इस्तेमाल होने वाले ड्राई फ्रूट की डिमांड पहले से थोड़ी कम हुई हैं।
दिसंबर से फरवरी के बीच ड्राई फ्रूट की डिमांड सामान्य दिनों की तुलना में कई गुना बढ़ जाती है। सूखी मेवे के दामों में भी पंद्रह से बीस फीसद तक उछाल आ जाता है, ऐसे में व्यापारी अपनी डिमांड के हिसाब से माल भर लेता है और ड्राई फूट का सेवन करने वाले भी अपने घरों में ठंडियों को देखकर खपत के हिसाब से खरीदकर रख लेते हैं।
ड्राई फ्रूट का कारोबार करने वाले व्यापारी सुशील ने बताया कि बाजार में ड्राई फूट की डिमांड सहालग के हिसाब से तेज थी लेकिन जैसे-जैसे सहालग की तिथियां कम होती जा रही हैं। उसी अनुपात में डिमांड भी कम होती जा रही है। अब ठंड पर निर्भर करेगा सूखी मेवे का कारोबार। ठंड बढ़ती है तो डिमांड भी बढ़ेगी।
उनके मुताबिक एक वर्ग ऐसा है जो मौसम के हिसाब से बारह महीने ड्राई फ्रूट का सेवन करते हैं और ठंडी में बढ़ा देते हैं लेकिन दूसरा वर्ग अपने बजट के हिसाब से ठंडियों में खरीदता है, इसलिए दोनों वर्गों की डिमांड आने से बाजार थोड़ा गुलजार ठंडियों में हो जाता है।
क्या हैं ड्राई फ्रूट के दाम
ड्राई फ्रूट | मध्यम | अच्छा |
अंजीर | 750 रु प्रति किलो | 1250 रु से 1300 रु प्रति किलो |
अखरोट गिरी | 750 रु प्रति किलो | 1250 रु (चिली) प्रति किलो |
बादाम | 670 रु से 710 रु किलो | 840 रु प्रति किलो |
चिरौंजी | ---- | 2000 रु (डोरा) प्रति किलो |
पिस्ता हरा | 1350 रु प्रति किलो | 2700 रु (महीन) प्रति किलो |
मखाना | ----- | 1150 रु (रसगुल्ला) प्रति किलो |
किशमिश | ----- | 200 रु से 240 रु प्रति किलो |