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गाजीपुर में टोल प्लाजा पर SDM और CO ने मारा छापा, जब मामला खुला तो उड़ गए सभी के होश

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन पर जनपद के मिर्जापुर टोल पर ओवरलोड वाहनों से अवैध वसूली की खबरों को संज्ञान में लेते हुए एसडीएम व सीओ ने रविवार की शाम मिर्जापुर टोल पर छापा मारा और रिकॉर्ड की जांच की। अधिकारियों को देख कर्मचारी भागने लगे।
शनिवार की रात में एनएचएआइ गोरखपुर की टीम ने भी छापा मारकर टोल के एक बूथ में रखे गए प्रिंटर को अपने साथ ले गई। एनएचएआइ के छापे से खलबली मची हुई है। छापे के दौरान बूथ कर्मचारी चोर-चोर का शोर मचाने लगे, लेकिन जब उन्हें पता चला कि यह एनएचएआइ की टीम है तो उनके होश उड़ गए। इसके बाद वह इधर-उधर भागने लगे।

रविवार देर शाम जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम सदर सदर प्रखर उत्तम व सीओ कासिमाबाद अनिल तिवारी ने पुलिस फोर्स के साथ टोल पर पहुंचकर वाहनों के फास्ट टैग से पास करने की जांच की और रिकार्ड खंगाले। पुलिस फोर्स को देख कर्मचारियों के होश उड़ गए। एसडीएम ने रिकार्ड की जांच करने के बाद कर्मचारियों से पूछताछ की।

एसडीएम सदर प्रखर उत्तम ने बताया कि डीएम के आदेश पर टोल की जांच की गई। मौके पर लेन में कांटा नहीं है। इससे पहले शनिवार की रात दस बजे के बाद गोरखपुर से एनएचएआइ की टीम बिरनो के मिर्जापुर टोल पर पहुंची। चार से पांच सदस्यों की टीम सीधे नौ नंबर लेन के पास बने एक केबिन में पहुंची और प्रिंटर उठा लिया।
पहले तो टोल कर्मचारी कुछ समझ नहीं पाए, लेकिन जैसे ही उन्होंने अपना परिचय दिया फिर तो कर्मचारी भागने लगे। टीम प्रिंटर व अन्य सामान लेकर गई है।

एनएचएआइ के एक अधिकारी ने बताया कि प्रिंटर से कुछ अवैध वसूली के सुबूत हाथ लग सकता है। छापेमारी से टोल कर्मचारियों के होश उड़े हुए हैं।

विभागीय जानकारों का कहना है कि टीम को ऑफिस का प्रिंटर व लेखाकार का मोबाइल हाथ नहीं आया अन्यथा अब तक का पूरा खेल आमने आ जाता। लेखाकार व कुछ टोल कर्मचारियों के मोबाइल से ही फर्जी रसीदें काटी जा रही है। मोबाइल पकड़े जाने के बाद बड़ा घपला उजागर हो जाता।

मिर्जापुर व कैथी टोल पर भारी वाहनों से फास्ट ट्रैग के अलावा ओवरलोड के नाम पर फास्ट ट्रैग शुल्क से दोगुना व तीन गुना शुल्क लिया जाता है। बदले में जो रसीद दी जा रही है, उस पर वजन, गाड़ी का जनपद सीरीज व अन्य ब्योरा अंकित नहीं किया जा रहा है। एनएचएआइ के साफ्टवेयर की बजाय मोबाइल से रसीद प्रिंट कर चालकों को दी जा रही है। यह मामला एनएचएआइ के अलावा मंत्री नितिन गडकरी तक पहुंचा है।
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