चिल्लाते रहे यात्रीगण और चली गई ट्रेन...दरवाजा नहीं खुलने से गाड़ी छूटी, यात्रियों ने काटा बवाल
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, बस्ती. गोरखपुर से मुंबई जा रही अंत्योदय एक्सप्रेस की बोगियों का अंदर से दरवाजा बंद होने की वजह से तीन सौ से ज्यादा यात्री ट्रेन में नहीं चढ़ पाए। बाहर से यात्री दरवाजा खोलने के लिए चिल्लाते रह गए लेकिन अंदर से किसी ने नहीं खोला और ट्रेन छूट गई।
यात्रियों ने टिकट वापस करने का प्रयास किया लेकिन काउंटर पर कतार लगाने के बावजूद ज्यादातर यात्रियों के टिकट वापस नहीं हो पाए। जिससे आक्रोशित यात्रियों ने जमकर हंगामा किया। यात्रियों ने स्टेशन अधीक्षक कार्यालय का घेराव किया।
स्टेशन अधीक्षक नसीम अहमद के समझाते रह गए, लेकिन यात्री टिकट वापस कराने पर अड़े रहे। सुबह 9.59 बजे ट्रेन आने से लेकर दोपहर एक बजे तक यात्री स्टेशन पर डटे रहे। अंत में मायूस होकर उन्हें वापस लौटना पड़ा। यात्रियों ने आरोप लगाया कि रेलवे स्टेशन पर उनकी किसी ने कोई मदद नहीं की। बंद बोगी का दरवाजा खोलवाने का आरपीएफ ने भी कोई प्रयास नहीं किया।
गोरखपुर से चलकर खलीलाबाद, बस्ती के रास्ते मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल तक जाने वाली अंत्योदय एक्सप्रेस बस्ती रेलवे स्टेशन पर सुबह 9:59 बजे प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची तो ट्रेन के सभी दरवाजे और खिड़की बंद थे। ट्रेन में बैठने वाले यात्री दरवाजा खोलने के लिए आवाज देते रहे। लेकिन ट्रेन में पहले से बैठे यात्री टस से मस नहीं हुए। बीच की एक-दो बोगियों के दरवाजे खुले मगर ठसाठस भरा होने के कारण कुछ ही यात्री चढ़ पाए। बाहर से जबरदस्त धक्का-मुक्की होती रही।
12 मिनट रुकने के बाद ट्रेन गंतब्य की ओर रवाना हो गई। जिसके बाद स्टेशन पर परिवार लेकर पहुंचे यात्री मायूस होकर टिकट काउंटर पर वापस करने के लिए लाइन में लगे। कुछ यात्रियों के टिकट वापस हुए लेकिन बाकी को यह कहकर लौटा दिया गया कि वापसी की समय सीमा समाप्त हो चुकी है। इसके बाद यात्रियों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। गनीमत रही कि यात्रियों ने कोई तोड़फोड़ नहीं की। इसको लेकर स्टेशन पर काफी देर तक अफरातफरी का माहौल रहा है।
ट्रेन छूटने से तिलमिलाए यात्रियों ने यह कहते हुए काफी हंगामा किया उनके साथ रेलवे कर्मियों ने अच्छा व्यवहार नहीं किया। बाघनगर के सिसई माफी निवासी फिदा हुसैन ने बताया कि टिकट वापस करने के लिए लाइन में दो घंटे खड़े रहे। अंदर इतना सुस्ती से काम हो रहा था कि नाम-मात्र लोगों के ही टिकट वापस हो पाए। परिवार लेकर मुंबई जाने के लिए स्टेशन पर पहुंचे एक अन्य यात्री अरविंद पटेल ने बताया कि जानबूझकर उन्हें उलझाए रखा गया।
यात्रियों ने बताया कि सुबह सात बजे से लाइन लगाकर टिकट खरीदे। 9.59 बजे ट्रेन पहुंची। जब नहीं चढ़ पाए तो टिकट वापस कर लेना चाहिए थे। मगर टिकट वापस करने की लाइन में लगे तो बताया गया कि अब समय समाप्त हो गया है।
स्टेशन अधीक्षक नसीम अहमद ने बताया कि टिकट खरीदने के तीन घंटे के अंदर ही वापसी का नियम है। इसके बाद कंप्यूटर वापसी स्वीकार ही नहीं करता है। ट्रेन अगर लेट होती तो कुछ सहूलियत मिल सकती थी।