शारदा सिन्हा के ससुराल में चल रहा था हवन, अचानक हॉस्पिटल से आई मनहूस खबर
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, पटना. देश की मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा अब हमारे बीच नहीं रहीं। मंगलवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रही थीं और एम्स में उनका इलाज चल रहा था। सोमवार शाम को तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।
प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का दिल्ली एम्स में इलाज चल रहा था। 22 अक्टूबर से वे अस्पताल में भर्ती थीं। उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी और विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में आईसीयू में उनका इलाज चल रहा था।
बेटे ने जारी किया था बयान
सोमवार शाम को उनकी हालत और बिगड़ गई और उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा। इसकी जानकारी उनके बेटे अंशुमन सिन्हा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अंशुमन सिन्हा से फोन पर बात की और शारदा सिन्हा के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी। बता दें कि 4 अक्टूबर को ही शारदा सिन्हा का आखिरी छठ गीत यूट्यूब पर रिलीज हुआ था।
आज सुबह से शारदा सिन्हा के ससुराल बेगूसराय के सीहमा में हवन और पूजन का कार्यक्रम चल रहा था। सीहमा में शारदा सिन्हा का ससुराल था। मंगलवार को शारदा सिन्हा के ससुराल सीहमा गांव के पंचमुखी हनुमान मंदिर में पुजारी और ग्रामीणों ने मिलकर हवन और पूजन किया। शारदा सिन्हा को अपने ससुराल से काफी लगाव था। जैसे ही गांव वालों को शारदा सिन्हा के छठ पर्व के बीच वेंटिलेटर पर होने की जानकारी मिली, तो माहौल गमगीन हो गया था और लोग दुआ प्रार्थना करने लगे थे।
सीहमा गांव के ग्रामीणों ने पंचमुखी हनुमान मंदिर में हवन शुरू कर दिया था। उनके लंबी उम्र और स्वस्थ होने के लिए मंत्रों का जाप किया। उनके स्वास्थ्य की कामना की थी। ग्रामीणों ने भगवान से शारदा सिन्हा के जल्द स्वस्थ होने की कामना की थी। उन्होंने कहा कि शारदा सिन्हा विश्व भर में विख्यात हैं। ससुराल बेगूसराय में होने की वजह से हमारा ये कर्तव्य बनता है कि हम उनके लिए प्रार्थना करें। लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। छठी मईया ने उन्हें अपने पास बुला लिया।