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गाजीपुर जेल में बंद 51 अपराधी उगा रहे सब्जियां, कमा रहे मजदूरी

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिला जेल में पिछले कुछ दिनों से जेल प्रशासन की पहल पर जेल परिसर के अंदर ही करीब 5 एकड़ भूमि पर बंदियों के द्वारा सब्जी की खेती किया जा रहा है। जिससे बंदियों को ताजी एवं ऑर्गेनिक सब्जी प्राप्त हो। दूसरी तरफ काम करने वाले बंदियों को प्रतिदिन 50 रुपये पारिश्रमिक भी प्राप्त हो रही है।
गाजीपुर का जिला जेल जो कभी मुख्तार की वजह से प्रदेश के टॉप टेन जिलों में शुमार हुआ करता था। जेलर राकेश कुमार वर्मा की बात माने तो जेल परिसर के अंदर 5 एकड़ के खेत में काम करने के लिए कुल 51 बंदियों को शामिल किया गया है और उनकी टोली का नाम 'बगिया' दिया गया है। जेल परिसर के अंदर 5 एकड़ के खेत में करीब डेढ़ एकड़ में मूली, पालक, फूलगोभी, पत्ता गोभी, टमाटर, धनिया, बैगन के साथ ही अन्य मौसमी सब्जियां लगाई गई है।

जबकि 3.5 एकड़ में आलू की खेती की गई है। इस खेती के लिए बंदी 10:30 बजे तक अपने खेतों में काम करते हैं और फिर वापस आकर भोजन करने के बाद आराम करते हैं फिर 2:00 बजे अपने खेत में पहुंचकर 5:00 बजे वापस होते हैं। इसको लेकर शासन की तरफ से प्रतिदिन 50 रुपए का पारिश्रमिक भी दिया जाता है।

जेलर ने बताया कि मौजूदा समय में गाजीपुर जेल में 677 बंदी हैं, जिसमें सजायाफ्ता पुरुष कैदी 120, हवालाती पुरुष बंदी 547, सजायाफ्ता महिला कैदी 11 और हवालाती महिला बंदी 25 है। जिसमें से 51 बंदी जो हत्या, लूट, दहेज हत्या, चोरी, दुष्कर्म, गैंगस्टर के साथ ही अन्य कई मामले में बंद है, वह जेल के खेतों में सब्जियां उगा रहे हैं और जेल प्रशासन की तरफ से पारिश्रमिक भी पा रहे हैं।
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