गाजीपुर में DAP उर्वरक का संकट, निजी दुकानों पर बढ़े दाम, फसल उत्पादन पर खतरा
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. मुहम्मदाबाद तहसील क्षेत्र में आलू और मटर की खेती करने वाले किसान डीएपी खाद की भारी कमी से जूझ रहे हैं। सहकारी समितियों में एक किसान को सिर्फ एक बोरी डीएपी मिलने का नियम लगाने से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
क्षेत्र में आलू और मटर की बड़े पैमाने पर खेती होती है। एक किसान को अपनी फसल के लिए 80 से 100 बोरी डीएपी की जरूरत होती है, लेकिन उसे सिर्फ एक बोरी ही मिल रही है। इससे किसानों की फसल उत्पादन पर गहरा असर पड़ रहा है।
खाद लेने के लिए किसानों को सहकारी समितियों में लंबी-लंबी कतारें लगानी पड़ रही हैं। कई किसानों को अपनी जरूरत की खाद नहीं मिल पा रही है। सहकारी समितियों में खाद न मिलने पर किसान मजबूरी में प्राइवेट दुकानों से महंगे दामों पर खाद खरीद रहे हैं। इन दुकानों पर डीएपी की कीमत 1500 रुपये प्रति बोरी तक पहुंच गई है। किसानों का आरोप है कि प्राइवेट दुकानदार मिलावटी खाद बेच रहे हैं।
क्षेत्र में किसान संगठनों की अनुपस्थिति के कारण किसानों की समस्याओं का कोई समाधान नहीं हो पा रहा है। एडीसीओ राधेश्याम सिंह का कहना है कि उच्चाधिकारियों के आदेश पर एक किसान को सिर्फ एक बोरी डीएपी दी जा रही है।