गाजीपुर में कागजों में ही दौड़ रही 'जलजीवन मिशन' योजना, 15 करोड़ की टंकी से एक बूंद नहीं मिला पानी
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में सेवराई तहसील के बिहार से सटे बारा गांव में करीब 15 करोड़ रुपए की लागत से बनी पानी की टंकी से आज तक एक बूंद पानी भी गांव वालों तक नहीं पहुंचा है। इस टंकी की क्षमता 2.10 लाख लीटर है, लेकिन ग्रामीण आज भी पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यही स्थिति भतौरा सहित क्षेत्र की दो अन्य पानी टंकियों की भी है। विभागीय लापरवाही से सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना "जलजीवन मिशन" कागजों में सिमटकर रह गई है।
वर्ष 2018 में जलनिगम ने बारा गांव में पानी टंकी का निर्माण शुरू कराया था, जो वर्ष 2020 तक पूरा होना था। लेकिन, यह टंकी 2021 में बनकर तैयार हुई और इसके बाद रंगाई-पुताई का काम भी कराया गया। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अतिरिक्त काम के चलते अब शासन से बजट स्वीकृत होने के बाद ही शेष कार्य पूरा हो पाएगा। टंकी का निर्माण गांव के बाहर कराया गया, जिससे 10 किलोमीटर अतिरिक्त पाइपलाइन बिछाने का काम बढ़ गया है।
गांव में सात उच्च प्रवाही ट्यूबवेल और टंकी तैयार हैं, जो 4500 से अधिक ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल कनेक्शन देने के लिए बनाए गए हैं। योजना का 95% काम पूरा हो चुका है, लेकिन अभी तक घरों में पानी पहुंचाने का सपना अधूरा है। इस मामले में एई जलनिगम ग्रामीण, दिवाकर विक्रम सिंह का कहना है कि टंकी से गांव की मेन लाइन को जोड़ने के लिए लगभग 10 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाने का काम बचा है। अतिरिक्त काम के चलते शासन से बजट स्वीकृति के लिए पत्राचार जारी है। जैसे ही स्वीकृति मिलेगी, काम पूरा कराया जाएगा।