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माँ विंध्यवासिनी मंदिर में जूता पहन कर आए थे एडी कृषि, DM ने किया सस्पेंड

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, मिर्जापुर. मिर्जापुर स्थित विंध्यवासिनी मंदिर में इस समय नवरात्र की धूम है। दुर्गापूजा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन मंदिर में हो रहा है। इस दौरान एक अधिकारी पर मंदिर में जूता पहनकर घुसने का मामला सामने आया। इसको लेकर विवाद गहरा गया। मंदिर में मौजूद पुजारियों और अन्य लोगों ने इसको लेकर अधिकारियों की जमकर फटकार लगाई। एडी कृषि सिटी की ओर से विंध्यवासिनी मंदिर में अपनी मूल ड्यूटी स्थल को छोड़कर अपने जानने वालों को दर्शन करवाने मंदिर गए थे। 
मामला नगर विधायक तक पहुंचा। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को जमकर फटकार लगा दी। इसके बाद आरोपी सेक्टर मजिस्ट्रेट के खिलाफ एक्शन हो गया। सेक्टर मजिस्ट्रेट की गलती यह थी कि मंदिर परिसर में जूता पहनकर जाने और अपना ड्यूटी स्थल छोड़कर मामले में डीएम प्रियंका निरंजन के निर्देश पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। डीएम के निर्देश पर मामले की त्वरित जांच अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व शिव प्रताप शुक्ल ने की। जांच रिपोर्ट के आधार पर उप कृषि निदेशक विकेश पटेल ने तत्काल प्रभाव से आरोपी एडीएओ कृषि के निलंबन की कार्रवाई कर दी। लोगों ने मांग शुरू कर दी है कि मंदिर परिसर में जूता-चप्पल पहनकर आने पर ही पाबंदी लगाई जाए।

शारदीय नवरात्र के चौथे दिन रविवार को विंध्याचल मंदिर में जूते-चप्पल पहनकर आने की घटनाएं सामने आई हैं। ऐसी तीन घटनाएं आईं। दो मामले में प्रशासन से जुड़े अधिकारियों तथा एक पुलिसकर्मी का नाम सामने आया है। इसको लेकर नगर विधायक रत्नाकर मिश्र ने जोरदार तरीके से विरोध जताया। संबंधित विभागों को कड़ी फटकार लगाई। पूरे दिन ये घटनाएं सोशल मीडिया पर ट्रेंड करती रही। उधर, जूते पहनकर मंदिर जाने पर एडीओ कृषि को निलंबित कर दिया गया।

रविवार को अलग-अलग समय पर तीन लोग जूते और चप्पल पहनकर मंदिर में पहुंचे थे। पहली घटना भोर में मंगला आरती के दौरान की है। एक श्रद्धालु चप्पल पहनकर मंदिर के गर्भगृह में दर्शन के लिए पहुंचा था। दर्शनार्थी के साथ पुलिस और तीर्थ पुरोहित भी साथ थे। हालांकि, किसी का ध्यान दर्शनार्थी की चप्पल पर नहीं गया।

सोशल मीडिया पर फोटो वायरल हुआ तो सोशल मीडिया पर लोगों ने तरह-तरह की प्रतिक्रिया जताई। मंदिर परिसर में एक सेक्टर मजिस्ट्रेट के जूता पहनकर आने पर हर कोई हैरान रह गया। कुछ समय बाद एक पुलिसकर्मी भी मंदिर में जूता पहना दिखा। मंदिर परिसर में मौजूद लोगों ने मजिस्ट्रेट तथा पुलिसकर्मी को पकड़कर काफी खरी-खोटी सुनाई। दोनों ने माफी मांगते हुए अपनी भूल को स्वीकार किया।
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