दीपावली का तोहफा...योगी सरकार ने जारी किया मुफ्त सिलेंडर का आदेश
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. पिछले वर्ष की तरह इस साल भी प्रदेश सरकार दीपावली पर महिलाओं को निशुल्क एलपीजी सिलेंडर का उपहार देगी। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत दीपावली के बाद होली में भी एक रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त दिया जाएगा। इस संबंध में खाद्य एवं रसद विभाग ने शासनादेश जारी कर दिया है। सरकार के इस निर्णय का सीधा लाभ प्रदेश के 1.85 करोड़ उज्ज्वला लाभार्थियों को होगा।
बता दें कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना योजना पूरे देश में चलाई जा रही है। पिछले साल साल दो सिलेंडर निशुल्क उज्ज्वला लाभार्थियों को दिए गए थे। इस वर्ष लाभार्थियों की कुल संख्या बढ़कर 1.85 करोड़ हो गई है। पिछले साल करीब 85 लाख महिला लाभार्थियों को इस योजना का लाभ मिला था।
उल्लेखनीय है कि उज्ज्वला योजना के तहत लाभार्थियों को 300 रुपये की सब्सिडी केंद्र सरकार दे रही है, शेष छूट राज्य सरकार द्वारा जाएगी। योजना के तहत लाभार्थी को पहले एलपीजी सिलेंडर लेना होगा, इसके पांच दिन बाद उनके आधार प्रमाणित बैंक खाते में सब्सिडी की राशि भेजी जाएगी।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा है कि उत्तर प्रदेश को समृद्ध, हरित और आधुनिक बनाने के लिए इस वर्ष भी बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। यूपी देश का पहला राज्य है जहां पिछले पांच वर्षों से बिजली की दरें नहीं बढ़ाई गईं और टैरिफ भी वही है, जिसका लाभ प्रदेश के सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को मिलेगा।
दरें यथावत रहने पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने शुक्रवार को मंत्री से मिलकर आभार जताया और अब बिजली दरों में कमी के लिए सरकार का सहयोग मांगा। परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि दरें कम कराने के लिए वह विद्युत नियामक आयोग में पुनर्विचार याचिका भी दाखिल करेंगे।
मंत्री ने बताया कि आईटी उद्योग को बढ़ावा देने, स्टार्टअप लगाने व बाहर की कंपनियों का निवेश बढ़ाने के लिए इन क्षेत्रों में विद्युत दरों को कम किया गया है। इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग के लिए सार्वजनिक इलेक्ट्रिक वाहन स्टेशनों के वर्तमान टैरिफ को राज्य परिवहन के लिए भी लागू किया गया है।
मंत्री ने बताया कि उद्योगों को ग्रीन एनर्जी प्रमाणपत्र देने की तय दरों को 20 प्रतिशत तक कम किया गया है। शर्मा ने बताया कि उपभोक्ताओं के हित में सरकार ने 17,511 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है। मंत्री से मुलाकात के बाद वर्मा ने कहा कि उपभोक्ता परिषद की 90 प्रतिशत मांगों को नियामक आयोग ने माना है। जिन मांगों को नहीं माना गया है उनको लेकर अगले सप्ताह आयोग में पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाएगी।
वर्मा ने कहा बिजली कंपनियों पर प्रदेश के उपभोक्ताओं का पहले से ही 33,122 करोड़ रुपये सरप्लस निकल रहा है। इस वर्ष भी उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर लगभग 1,944 करोड़ रुपये सरप्लस निकला है। ऐसे में उपभोक्ता परिषद मुख्यमंत्री से भी मुलाकात कर बिजली दरों में कमी के मुद्दे पर सहयोग मांगेगा।