UP Weather Update Today: उत्तर प्रदेश के 12 जिलों में बारिश के आसार, 63 जिलों में ग्रीन अलर्ट
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. यूपी के मौसम तेजी से बदल रहा है। मौसम विभाग ने आज यानी रविवार को 63 जिलों में ग्रीन अलर्ट जारी किया है। वहीं 12 जिलों में हल्की बारिश के आसार हैं। वहीं IMD के मुताबिक अगले 7 दिनों तक बारिश की संभावना नहीं है। हालांकि कुछ जिलों में लोकल डिस्टरबेंस के चलते हल्की बरसात हो सकती है। जबकि 12 अक्टूबर तक मानसून की विदाई संभव है।
मौसम विभाग के अनुसार, आज हरदोई, सीतापुर, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, अमरोहा, मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, शामली, सहारनपुर में हल्की बारिश हो सकती है। जबकि 40 Km की स्पीड से हवाएं चलेंगी।
यूपी में लौटते मानसून ने बांधों को पानी से लबालब कर दिया है। प्रदेश में 51 छोटे-बड़े डैम हैं। इनमें से 38 डैम 50% से ज्यादा भरे हैं। 21 डैम 80 से 100% तक भरे हैं। 5 सबसे बड़े डैम की स्थिति पिछले साल से अच्छी है। पानी इतना है कि इस बार पांचों डैम के गेट खोलने पड़े।
उधर, मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 1 जून से लेकर 30 सितंबर तक यूपी में बारिश का कोटा फुल हो गया। पिछले चार महीनों में प्रदेश में कुल 746.2 मिमी बारिश हुई और मानसून सामान्य रहा है। शनिवार देर रात तक प्रदेश में औसतन 0.1 मिमी बारिश दर्ज की गई।
अक्टूबर में बारिश अभी माइनस में यानी औसत से कम है। शनिवार को यूपी के केवल 7 जिलों वाराणसी, सोनभद्र, प्रयागराज, आजमगढ़, जौनपुर, बलरामपुर और हरदोई में बूंदाबांदी हुई। 68 जिलों में एक बूंद पानी नहीं गिरा, जबकि वाराणसी समेत 27 जिलों में बादल छाए रहे।
नेपाल ने 6 लाख 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा है। इसके चलते महराजगंज में 20 से अधिक गांव डूब गए हैं। स्कूल-कॉलेज और सड़कें जलमग्न हैं। बाढ़ से करीब 50 हजार लोग प्रभावित हैं। सोहगी बरवा थाने क्षेत्र में बाढ़ में 150 लोग फंस गए थे। सूचना पर SDRF टीम पहुंची, सभी को बाहर निकाला। बलरामपुर में राप्ती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, वहीं गंगा और यमुना स्थित हैं।
मानसून के चार महीने में प्रदेश के 22 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई। वहीं, 18 जिलों में जरूरत से ज्यादा बरसात भी हुई। सामान्य बारिश की बात करें तो राजधानी लखनऊ समेत 35 जिलों में कोटे के बराबर पानी बरसा। इसमें भी सेंट्रल यूपी और नेपाल से सटे जिलों में अच्छी बारिश हुई। वहीं, सामान्य बारिश वाले जिलों में दिल्ली-मध्य प्रदेश से सटे जिले शामिल हैं।
एक जून से लेकर 30 सितंबर तक बरसात के मौसम ने अपना रंग दिखाया। आंकड़े देखते तो प्रदेश के 49 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए, लगभग 18- 20 जिले सबसे अधिक समय बाढ़ से जूझे। गंगा, यमुना, सरयू, शारदा, पांडू, घाघरा, वरुणा समेत तमाम नदियों के किनारे बसे 23 लाख से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में आए। बारिश, बाढ़ की आपदा में 19 लोगों की जान चली गई, करीब 4 हजार घर क्षतिग्रस्त हो गए और तमाम बेघर।