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हे प्रभु...त्योहारों में रेल यात्रियों की मुश्किलें बढ़ी, वेटिंग टिकट भी मिलना बंद

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. दिल्ली में साफ्टवेयर इंजीनियर भारत भूषण गोरखपुर स्थित घर पर दीपावली मनाने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन, ट्रेनें उनकी व उनके स्वजन की खुशियों में राह का रोड़ा बन गई हैं। किसी भी ट्रेन का कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहा। वेटिंग टिकट की बिक्री भी बंद हो गई है।
उनकी समझ में नहीं आ रहा क्या करें। बातचीत में कहते हैं, अब तो प्राइवेट बसों पर ही भरोसा है। प्राइवेट बस संचालक भी त्योहारों में किराया बढ़ा दिए हैं। एक यात्री का दो से ढाई हजार रुपये में टिकटों की बुकिंग शुरू हो गई है। दिल्ली-गोरखपुर और गोरखपुर के रास्ते दिल्ली-मुजफ्फरपुर के बीच रोजाना लगभग 150 प्राइवेट बसें चल रही हैं। यह बसें गोरखपुर नौसढ़ से दिल्ली, पंजाब, जयपुर, कोटा, पुणे और अहमदाबाद तक सवारियां ढो रही हैं।

दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र और गुजरात आदि प्रांतों से दिल्ली और छठ पर्व पर घर आने वाले प्रवासी परेशान हैं। 31 अक्टूबर को दीपावली है। 25 अक्टूबर से ही लोग घर आना शुरू कर देंगे। लेकिन, रेलवे प्रशासन ने डोमिनगढ़ स्टेशन यार्ड रिमाडलिंग के नाम पर 27 अक्टूबर तक लगभग 150 ट्रेनों का संचालन प्रभावित कर दिया है।

इनमें नियमित के अलावा स्पेशल ट्रेनें भी शामिल हैं। एक तो रेलवे ने ट्रेनों का निरस्तीकरण और मार्ग परिवर्तन कर दिया है, ऊपर से जो चल रही हैं वह पहले से ही फुल हैं। नियमित ट्रेनों में 'नो रूम' (टिकटों की बुकिंग बंद) की स्थित है। वेटिंग टिकट भी नहीं मिल रहा। स्पेशल में भी जगह नहीं मिल रही। अफराततफरी की स्थिति बन गई है।

जानकारों का कहना है कि 12556 गोरखधाम एक्सप्रेस के वातानुकूलित श्रेणियों में 25 से 31 अक्टूबर तक नो रूम है। स्लीपर श्रेणी में भी नो रूम की स्थिति बनी हुई है। यही स्थिति दिल्ली से आने वाली 12554 वैशाली और 12566 बिहार संपर्क क्रांति आदि ट्रेनों की है।

लोकमान्य तिलक टर्मिनस से गोरखपुर आने वाली 22538 कुशीनगर एक्सप्रेस में भी वातानुकूलित श्रेणियों में 25 से 31 अक्टूबर तक नो रूम है। एलटीटी- गोरखपुर और अवध एक्सप्रेस आदि ट्रेनों में भी जगह नहीं है। दीपावली बाद छठ पर्व के समय स्थिति और भयावह होगी। लोग अभी से और स्पेशल ट्रेनों का इंतजार कर रहे हैं।
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