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गाजीपुर मेडिकल कॉलेज में 2 हजार में होगी MRI की जांच

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. अब MRI जांच के लिए मरीजों को दूसरे जनपदों तक दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। बुधवार को मेडिकल कॉलेज प्रशासन को मशीन स्थापित कराने की हरी झंडी मिल गई। साथ ही 15.50 करोड़ रुपये जारी होने का पत्र मिल गया। 12.50 करोड़ एमआरआई की मशीन पर और तीन करोड़ रुपये लैब पर खर्च होंगे। मरीजों को जांच के लिए दो हजार रुपये देने होंगे। 
अस्पताल में रोज 30 मरीजों को एमआरआई जांच लिखी जाती है। एक महीने में करीब एक हजार मरीजों को जांच करानी होती है। महर्षि विश्वामित्र स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज प्रशासन प्रतिदिन उपचार व जांच की दिशा में ठोस कदम उठा रहा है। मरीजों की जहां सामान्य जांच से लेकर गंभीर बीमारियों की जांच की सुविधा अत्याधुनिक जांच मशीनों द्वारा दी जा रही है। वहीं एमआरआई जांच की सुविधा के लिए अस्पताल प्रशासन तीन वर्षों से प्रयासरत था। 

अस्पताल में जांच की सुविधा नहीं होने से मरीजों को गैर जनपद या निजी जांच केंद्रों पर जाना होता है। साढ़े 15 करोड़ रुपये मिलने का पत्र मिल गया है। इसमें साढ़े 12 करोड़ रुपये में एमआरआई की मशीन तो तीन करोड़ रुपये लैब पर खर्च होंगे। करीब छह माह के बाद यहां मरीजों को यह जांच मिलनी शुरू हो जाएगी।- प्रो.आनंद मिश्रा, मेडिकल कॉलेज

 राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कैंसर की जहां प्राथमिक जांच हो रही है। वहीं हार्मोन, थायराइड, सिटी स्कैन, डिजिटल एक्स-रे, सीबीसी सहित अन्य उच्चस्तरीय जांच की सुविधा मिल रही है। ऐसे में एमआरआई की जांच की सुविधा शुरू होने के बाद मरीजों का तत्काल उपचार हो सकेगा।

निजी जांच केंद्रों पर 15 हजार रुपये तक खर्च करने होते हैं-निजी जांच केंद्रों पर एमआरआई की जांच के लिए सात हजार से 15 हजार रुपये तक मरीजों को देने पड़ते हैं। यहीं नहीं गैर जनपदों के सरकारी अस्पतालों में इतनी लंबी कतार होती है कि गंभीर पीड़ित मरीजों को निजी केंद्रों का ही सहारा लेना पड़ता है। महर्षि विश्वामित्र स्वशासी राजकीय मेडिकल कालेज में एमआरआई जांच कराने पर लखनऊ स्थित केजीएमसी (किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज) का ही रेट देना पड़ेगा। करीब दो हजार में एमआरआई की जांच हो जाएगी।
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