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बनारस में लॉरेंस-बिश्नोई गैंग के हैकर आशीष बिश्नोई को मिली जमानत

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी में लारेंस बिश्नोई गैंग के करीबी और उसकी गैंग के हैकर आशीष बिश्नोई को जिला एवं सत्र न्यायालय से जमानत मिल गई। साड़ी कारोबारी से निवेश के नाम पर 27.50 लाख रुपए की साइबर ठगी और रुपये हड़पने में आरोपी आशीष की जमानत का आदेश बुधवार रात जारी हुआ।
पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद भी आशीष बिश्नोई (काली टी-शर्ट) के चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी, अब उसके दोस्तों की जमानत की राह भी आसान हो गई।

विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम विनोद कुमार की अदालत ने आरोपी को दो जमानतदारों और बंधपत्र पर रिहा करने का आदेश दे दिया। अभियोजन ने दलीलें दी लेकिन साक्ष्य के अभाव में जमानत मंजूर हो गई। अनूपगढ़ राजस्थान निवासी आरोपी आशीष अंतरराष्ट्रीय हैकर गिरोह का सदस्य है, जिसका इस्तेमाल लॉरेंस बिश्नोई, दुल्लू गैंग समेत कई अन्य गिरोह मदद करते है।

वाराणसी की साइबर टीम ने पिछले दिनों उसे तीन अन्य साथियों समेत राजस्थान के पाक सीमा क्षेत्र श्रीगंगानगर से गिरफ्तार किया था। जिसमें आशीष ने खुद को लॉरेंस बिश्नोई का रिश्तेदार बताता था। इनके खिलाफ महमूरगंज सिगरा निवासी वादी अजय कुमार श्रीवास्तव ने साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

10 सितंबर को डीसीपी क्राइम प्रमोद कुमार के निर्देशन में साइबर थाने की टीम ने राजस्थान श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ से चार आरोपियों की गिरफ्तारी की थी। साइबर ठगों में राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के खोथांवाली (गोलूवाला) का प्रिंस खोड, अनूपगढ़ के रावला मंडी का आशीष विश्नोई, बिकानेर के उदानगर (दंतौर) का हरीश विश्नोई और श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ सिटी का मनदीप सिंह शामिल था।

डीसीपी के अनुसार आशीष बिश्नोई गैंग का लीडर है, वह अंतरराष्ट्रीय हैकर भी है। जिसका इस्तेमाल लारेंस विश्नोई, डुल्लू गैंग समेत कई अन्य गिरोह करते थे। लॉरेंस बिश्नोई समेत देश भर के कई गिरोह आशीष की मदद से बड़ी वेबसाइटों को हैक कराते थे, रुपये निकासी में उसकी मदद लेते थे। हरियाणा के दुल्लू गैंग के लोग उसे कई बार पकड़कर जबरन हैकिंग कराते थे।

आशीष बिश्नोई साइबर ठगी की वारदातों के नए नेटवर्क को पाकिस्तान बॉर्डर से चलाता था। पाकिस्तान सीमा से महज 30 किमी दूर गांव में ठगों ने अपना सेटअप बनाया है, जिसमें श्री गंगा नगर, सूरतगढ़ और हिंदूमलकोट (पाकिस्तान बॉर्डर के गांव) में उसके लोग काम करते हैं।

हैकर आशीष के तार दुबई समेत अन्य खाड़ी देशों, कनाडा, इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात तक हैं। हाईटेक सिस्टम ये VPN एड्रेस के जरिए एजेंसी को गुमराह कर देता है और और अब तक 5 साल में अब तक 10 हजार करोड़ की ठगी कर चुके हैं। आरोपियों के पास से डेबिट कार्ड, चेकबुक, क्यूआर कोड, बरामद हुए थे।

अपराधियों का विदेश में नेटवर्क, अक्टूबर में भागने वाले थे
DCP प्रमोद कुमार ने बताया- चारो आरोपी फर्जी वेबसाइट से ठगी करते थे, इनके नेटवर्क विदेशों तक फैले हैं। कहीं पर भी वारदात करने के बाद ये विदेश भाग जाते थे। अक्टूबर में ठगी करने के बाद सभी का अलग-अलग देशों में भागने का प्लान था। इसमें आशीष विश्नोई कनाडा जाने की फिराक में था, वहां लॉरेंस बिश्नोई गैंग के कुछ गुर्गे उसके संपर्क में थे। इसके अलावा प्रिंस अमेरिका, हरीश दुबई और मनदीप US जाने वाला था। हालांकि अभी तक इनके पासपोर्ट और टिकट पुलिस ने जब्त कर रखे हैं।

आशीष बिश्नोई विदेशों में बड़े गैंग के साथ मिलकर काम चुका है और सॉफ्टवेयर और साइट हैक करने का हुनर है। वह वाई-फाई पासवर्ड के जरिए किसी भी सॉफ्टवेयर की सेटिंग में जाकर परमिशन ले लेता है। मोबाइल का पासवर्ड तोड़ना और परमिशन देकर क्रैक करना, उसके लिए छोटी बात है।

गिरोह टेलीग्राम के माध्यम से लोगों को निवेश का झांसा देकर ठगते थे। नामी कंपनियों के फर्जी वेबसाइट तैयार कर उसका लिंक और एसएमएस बल्क में लोगों को भेजते थे। जब लोग निवेश के लिए संपर्क करते तो ये बात करते। फर्जी वेबसाइट पर निवेश की राशि को दो से तीन गुना दर्शाते थे। रकम कमीशन पर खरीदे गए खाते में मंगाते थे।

आशीष ने पिछले दिनों विदेश से ही अपने खाते में 97 लाख का ट्रांजैक्शन किया था। वह अब तक करोड़ों रुपए का हेरफेर कर चुका है। गिरोह चीन, सिंगापुर, थाईलैंड, कंबोडिया, दुबई में बैठे साइबर अपराधियों से जुड़कर लोगों को ठगते थे।

पुलिस के मुताबिक, अपराधी कम पढ़े-लिखे हैं, लेकिन साइबर बारीकियों के मास्टर माइंड हैं। ये ब्रांडेड कंपनियों की वेबसाइट बनाकर अब तक कई लोगों को शिकार बना चुके हैं। इसमें आशीष बिश्नोई सबसे बड़ा शातिर हैकर है और उसकी स्कूलिंग महज 12वीं तक हुई है।

इसके अलावा प्रिंस और तीसरा हरीश केवल 12वीं पास हैं। वहीं, मनदीप 10वीं पास है। लेकिन, इसका दस्तावेज नहीं मिला। इन लोगों ने कभी किसी IT कंपनी में काम भी नहीं किया। लेकिन, इंटरनेट, यूट्यूब और गूगल के सहारे साइबर हैकिंग सीख ली।
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