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गाजीपुर में युवक ज्वाइनिंग लेटर मिलते ही तय कर ली शादी, नौकरी करने पहुंचे युवक तो खिसक गई पैरों तले जमीन

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. ग़ाज़ीपुर जिले के थाना रेवतीपुर द्वारा कूटरचित तरीके से फर्जी परिचय पत्र देने व नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी करके करीब 15 लाख रूपये व 10 लाख रुपये की जमीन लेने के गिरोह के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। इसके साथ ही आरोपियों की तलाश में पुलिस जुट गई है।
कोचिंग संचालक विनोद गुप्ता ने 129 युवकों से 10 से 13 लाख रुपये लेकर बिहार सचिवालय में सफाई कर्मी और क्लर्क की नौकरी का फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया। युवकों को विश्वास में लेने के लिए कुछ के खाते में वेतन के नाम पर रुपए भी डाले। युवकों को उनके साथ हुए धोखे की जानकारी तब हुई, जब ज्वाइन करने बिहार सचिवालय पहुंचे। वहां पता चला कि नियुक्ति पत्र फर्जी है। 

पीड़ित एक साल तक इस उम्मीद में कोचिंग संचालक से बातचीत करते रहे कि वह उनके पैसे लौटा देगा। आखिरकार तंग आकर उन्होंने एसपी डॉ. ईरज राजा से गुहार लगाई। एसपी के आदेश पर पुलिस ने बुधवार को बकसु बाबा कोचिंग सेंटर के संचालक विनोद गुप्ता, नीतू समेत छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है। नकदिलपुर गांव निवासी विनोद गुप्ता और नीतू गांव के ही पास कोचिंग सेंटर चलाते थे।

आरोप है कि गांव के आसपास के अलावा बिहार के 129 युवकों को नौकरी दिलाने के नाम पर 10 से 13 लाख रुपये ले लिया। पटना से दो जालसाजों को बुलाकर बाकायदा साक्षात्कार कराया और नियुक्ति पत्र थमाया। युवाओं को विश्वास में लेने के लिए उसने तीन-चार युवकों के खाते में 20 से 22 हजार रुपये और 15 युवकों के खाते में कुछ रुपये भी डाले। नौकरी मिलने की खुशी में युवकों के घरों में मिठाइयां बांटी गईं तो कुछ ने शादी तय कर ली। 

23 अक्टूबर, 2023 को 50 युवक ज्वाइन करने पटना सचिवालय पहुंचे तो उन्हें पता चला कि नियुक्ति पत्र फर्जी है। तब से युवक पैसा वापस मांग रहे थे। कुछ पीड़ितों ने एसपी डॉ. ईरज राजा से मुलाकात कर अपनी परेशानी बताई तो उन्होंने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। फिलहाल विनोद, नीतू फरार हैं। अपर पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण अतुल कुमार सोनकर ने बताया कि पीड़ितों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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