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तहसीलदार के चपरासी ने रिश्वत में मांगी हिस्सेदारी, DM को लिखा पत्र, मची खलबली

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, जौनपुर. जौनपुर में तहसीलदार के एक प्राइवेट चपरासी ने रिश्वत में हिस्सेदारी को लेकर जिलाधिकारी को पत्र लिखा है। यह पत्र सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया है। पत्र वायरल होते ही खलबली मची है। डीएम ने जांच का आदेश दिया है। एसडीएम को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मामला शाहगंज तहसील के नायब तहसीलदार के दफ्तर का है। खुद को यहां का प्राइवेट चपरासी बताने वाले ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा है।
वायरल पत्र में कहा गया है कि मैं राजाराम यादव नायब तहसीलदार लपरी शैलेन्द्र कुमार सरोज का प्राइवेट चपरासी हूं। सारा घूस का पैसा मैं ही अधिवक्ताओं और जनता से वसूल करता हूं। मेरे नीचे अविनाश यादव और अजीत यादव हैं। हम लोग लगातार झगड़ा और मारपीट कर पैसा वसूलते हैं। इस वसूली के एवज में सभी प्राइवेट चपरासियों को एक हजार रुपए प्रतिदिन मिलता है। लेकिन मुझे पांच सौ रुपए ही नायब तहसीलदार देते हैं।
आगे लिखा कि मेरा पैसा भी बढ़ाया जाए। पत्र मिलते ही जिलाधिकारी ने एसडीएम को नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई का आदेश दिया है। डीएम का आदेश मिलते ही एसडीएम ने जांच भी शुरू कर दी और नायब तहसीलदार से आख्या मांगी है। इस मामले में जब राजाराम से बात की गई तो उसने कहा कि प्रार्थना पत्र पर राजाराम यादव अंकित है। जब कि मैं राजाराम राजभर हूं। मैंने किसी तरह का पत्र नहीं लिखा है। उपजिलाधिकारी राजेश चौरसिया ने कहा कि पत्र प्राप्त हुआ है। तहसील में कोई प्राइवेट कर्मी कार्यरत नहीं है। यह किसी की शरारत लग रही है। फिलहाल जांच की जा रही है।
एसडीएम की जांच रिपोर्ट के अनुसार, राजाराम यादव का नाम और अन्य विवरण पत्र में मौजूद नहीं हैं। नायब तहसीलदार तथा तहसीलदार द्वारा की गई। जांच में कोई प्राइवेट कर्मी का प्रमाण नहीं मिला है। इस प्रकार, पत्र को झूठा और भ्रामक बताया गया है। वर्तमान में इस पूरे मामले की सच्चाई और सच्चाई को लेकर डीएम द्वारा उचित कार्रवाई की जा रही है। इस घटना ने स्थानीय प्रशासनिक माहौल में हलचल पैदा कर दी है। जनता की निगाहें इस मामले पर बनी हुई हैं।
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