बलिया में लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस पलटाने की साजिश, ट्रैक के बीच रखा पत्थर, लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, बलिया. बलिया में ट्रेन पलटाने की साजिश हुई। बकुलहा-मांझी रेलवे स्टेशन के बीच पटरी पर पत्थर रख दिया गया। डाउन लाइन से आ रही लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस के लोको पायलट की नजर पड़ी, तो उसने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकी। इसके बावजूद पटरी पर रखा पत्थर ट्रेन के कैटल गार्ड से टकरा गया। हालांकि, ट्रेन को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। बाद में लोको पायलट ने सेफ्टी चेक करने के बाद ट्रेन को रवाना कर दिया।
बलिया-छपरा रेल खंड के बीच लखनऊ-छपरा डाउन एक्सप्रेस जा रही थी। शनिवार सुबह करीब 10.25 बजे जैसे ही ट्रेन बकुल्हा रेलवे स्टेशन से आगे बढ़ी, मांझी पुल (यह यूपी-बिहार को जोड़ता है) से कुछ पहले ड्राइवर को पटरी के बीच पत्थर रखा दिखा। इस पर लोको पायलट ने ट्रेन का इमरजेंसी ब्रेक लगा दिया।
डीआरएम के पीआरओ अशोक कुमार ने बताया कि लोको पायलट ने पटरी पर रखे पत्थर को देखकर इमरजेंसी ब्रेक लगाया। इंजन के कैटल गार्ड से पत्थर टकरा कर हट गया। इसके बाद सेफ्टी सुनिश्चित कर लोको पायलट द्वारा ट्रेन को रवाना किया गया। शाम को पहुंची इंटेलिजेंस और डॉग स्क्वायड की टीम जांच में जुटी है।
छपर-बिहार के रेलवे सुरक्षा बल के असिस्टेंट कमिश्नर मुकेश कुमार पंवार ने बताया कि हमारी गाड़ी (15054) करीब 10.30 के आस-पास यहां से पास हुई। उस समय ड्राइवर को कुछ मैसेज हुआ कि इंजन से कुछ टकराया। ट्रैक के स्लिप पर कुछ रगड़ने का निशान तो दिखाई दे रहा है, लेकिन वह पत्थर था या कुछ हैंगिंग पार्ट था। उसका अभी कुछ कन्फर्म नहीं किया जा सकता। इस पर अभी जांच चल रही है। जांच कम्पलीट होने के बाद ही कुछ कह पाएंगे।
16 अगस्त की देर रात वाराणसी से अहमदाबाद के लिए जा रही साबरमती एक्सप्रेस गोविंदपुरी स्टेशन से आगे झांसी रेलवे लाइन से होकर जा रही थी। रात करीब ढाई बजे गुजैनी के पास अचानक इंजन से लोहे का टुकड़ा (पटरी का टुकड़ा) टकरा गया था। इसके बाद पूरे 22 के 22 डिब्बे बेपटरी हो गए थे।
मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने सभी यात्रियों को उनको गंतव्य स्थान पर अन्य ट्रेनों के जरिए पहुंचाया था। हादसे में जान-माल का नुकसान नहीं हुआ था, लेकिन पटरियों और गाटर की स्थिति को देखते हुए यह अनुमान लगाया गया कि हादसा कितना भयावह था।