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अफजाल अंसारी के बयान पर भड़के प्रमोद कृष्णम; बोले- सनातन पर हमला इनका शौक

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजियाबाद. अफजाल अंसारी के बयान पर धर्म गुरु प्रमोद कृष्णम ने तीखी प्रतिक्रिया दी। कहा - हिंदुओं की आस्था पर हमला करना एक फैशन बन गया है। सनातन को मिटाने की बात करना, सनातन को खत्म करने की बात करना, सनातन को भ्रष्ट करने की बात करना, इनका शौक हो गया है।
उन्होंने कहा - ओवैसी हों, अफजाल अंसारी हों या अखिलेश यादव की पार्टी का कोई नेता हो, या कोई कांग्रेसी हो। यह जो विपक्षी दल हैं, यह सनातन और संतों के खिलाफ हैं।

प्रमोद कृष्णम ने कहा- मुझे बड़ा अफसोस होता है कि भारत के संतों का पूरा विश्व सम्मान करता है। ऋषि परंपरा का भी सम्मान करता है। मगर समाजवादी पार्टी के नेता, कांग्रेस के नेता, संतों का अपमान करते हैं।

साथ ही सनातन का भी अपमान करते हैं। मैं इसकी घोर निंदा करता हूं। कुंभ हमारी आस्था का केंद्र है। इसके ऊपर यह कहना कि वह गंजेड़ी हैं, नशेड़ी हैं, गंजा कम पड़ जाएगा, इससे ज्यादा शर्मनाक बात कोई हो नहीं सकती।

उन्होंने कहा- इस तरह के बयानों पर पाबंदी लगनी चाहिए। हमें शिकायत अफजाल अंसारी से नहीं है। हमे शिकायत उन जयचंदों से जो हिंदू हैं और कांग्रेस और सपा का साथ देते हैं।

गाजीपुर से अफजाल अंसारी ने कहा- गांजा को वैध कर देना चाहिए। लाखों-करोड़ों लोग खुलेआम गांजा पीते हैं। उसे भगवान का प्रसाद और भगवान की बूटी कहकर पीते हैं। भगवान की बूटी है, तो अवैध क्यों? अपने योगी बाबा से कहिए, गांजा को कानून में मान्यता दिलाएं।

अगर गांजा कानूनन अवैध है, तो पीने की छूट क्यों है। ये दोहरी नीति नहीं चलेगी। कुंभ में एक मालगाड़ी गांजा चला जाए तो खप जाएगा। साधु, सन्त, महात्मा और समाज के बहुत लोग गांजा बड़े शौक से पीते हैं। न यकीन हो तो मेरे साथ गाजीपुर के मठों में चलकर देखिए। लखनऊ में भी पी रहे हैं। मेरी मांग है कि इसे कानून का दर्जा दे दीजिए।

उन्होंने तिरुपति बालाजी के लड्‌डू प्रसादम विवाद पर कहा- यह सब विवाद इसलिए हुआ है, ताकि गुजरात की कंपनी को बालाजी के मंदिर के प्रसाद का ठेका पहुंच जाए। इसलिए ये प्रचार किया गया है। प्रसाद में घी का अंश है, न कि किसी जानवर का।
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