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अफजाल अंसारी के बयान पर कृष्णानन्द राय के बेटे का पलटवार- इनके पैगंबर के बच्चियों के साथ कैसे सम्बन्ध रहे!

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. अफजाल अंसारी के विवादित बयान पर बीजेपी नेता पीयूष राय ने पलटवार किया है। पूर्व विधायक कृष्णा नंद राय के बेटे पीयूष राय ने कहा- अफजाल का बयान समाज को विखंडित करने वाला है। सनातन धर्म का संस्कार नहीं है कि किसी धर्म पर गलत टिप्पणी करें।
पीयूष राय ने कहा- इनके पैगंबर के बच्चियों के साथ कैसे सम्बन्ध रहे, इनके कुरान में हलाला को लेकर क्या लिखा है, अगर हम बोलने पर आ जाएंगे तो इनको मिर्ची लग जाएगी। पीयूष राय ने कहा कि सनातनी हिंदुओं को विवश न समझा जाए। हिंदुओं के एक हाथ मे वेद शास्त्र है, तो दूसरे हाथ में शस्त्र भी है।

कुछ दिन पूर्व सपा सांसद अफजाल अंसारी ने साधु संतों और कुंभ को लेकर विवादित बयान दिया था। इसके बाद से भारतीय जनता पार्टी के नेता लगातार पलटवार कर रहे हैं।

अपने आवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए पीयूष राय ने चेतावनी भरे लहजे में कहा- एक हाथ में वेद है तो दूसरे हाथ में शस्त्र है। दाहिने हाथ में शस्त्र उठा तो काफी समस्या खड़ी हो जाएगी। माथे पर तिलक, गले की माला, जनेऊ और कलावा पर टिप्पणी न करें। हम सनातन धर्म संस्कार के कारण किसी धर्म विशेष पर विश्लेषण नहीं करते।

अफजाल अंसारी गांजा वाले पर बयान पर दी प्रतिक्रिया
सपा सांसद अफजाल अंसारी गांजा को कानूनी मान्यता, मठों में पीए जाने वाले गांजा व कुंभ मेले में गांजा से भरी मालगाड़ी के खपत होने को लेकर दिए गए बयान पर भाजपा नेता स्व कृष्णानंद राय के बेटे ने एक प्रेस वार्ता के दौरान काफी तल्ख अंदाज में पलटवार किया है।

उनका कहना सनातन धर्म के संस्कार के चलते धर्म विशेष का विश्लेषण नहीं करता, वरना पैगम्बर का बच्चियों के साथ संबंध व कुरान में हलाला को लेकर क्या कहा गया है, हम भी कह सकते हैं।

उन्होंने मनीषियों, धर्माचार्यों, सांस्कृतिक कार्यों पर टिप्पणी न करने की नसीहत दिया। उनका कहना है कि जनता से चुने गए जन प्रतिनिधि को धर्म विशेष पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि उनका वक्तव्य बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। वह अपने धर्म के विषय में बोले- हिन्दू धर्म पर टिप्पणी न करें। ऐसे बयान से समाज में विखंडन उत्पन्न होता है।

हिंदू धर्म पर टिप्पणी करने से बचने की दी सलाह
पीयूष राय ने कहा- कुछ मौलवियों व अपनी पार्टी के आका को खुश करने के लिए हिंदू धर्म पर टिप्पणी करने से बचने की सलाह दी। उम्र का लिहाज और जनता की सेवा करने की नसीहत देते हुए, पांच वर्ष में किए गए कार्यों का बखान करने के लिए कहा।
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