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गाजीपुर पुलिस ने सांसद अफजाल अंसारी के खिलाफ दर्ज की FIR, साधु-संत, गांजा को लेकर दिया था विवादित बयान

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर के सपा सांसद अफजाल अंसारी ने पिछले दिनों गांजे को लेकर बयान दिया था। वहीं अब जनपद पुलिस ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए सांसद अफजाल अंसारी के खिलाफ FIR दर्ज की है। पूर्व अफजाल अंसारी ने मठ, मंदिर और कुंभ को लेकर विवादित बयान दिया था।
पुलिस अधीक्षक डॉक्टर ईरज राजा ने बताया- अफजाल अंसारी द्वारा दिए गए आपत्तिजनक बयान मामले में 353(3)बीएनएस के तहत FIR दर्ज की गई है। इस मामले में पुलिस ने संज्ञान लिया और चौकी प्रभारी राजकुमार शुक्ला ने तहरीर देते हुए मुकदमा दर्ज कराया है।

अब जानिए तहरीर में क्या लिखा है...
तहरीर में कहा गया है कि सांसद अफजाल अंसारी वे बयान दिया है कि गांजा को कानून का दर्जा देकर वैध कर दो, लेकिन कानून का इतना बड़ा माखौल क्यूं उड़ाते हो? लाखों करोड़ों लोग खुलेआम गांजा पीते हैं, पूरी महफिल लगाकर गांजा पीते हैं। बड़े बड़े धार्मिक आयोजनों में लोग गांजा पीते हैं। उसे भगवान का प्रसाद और बूटी कहकर पीते हैं।

भगवान का प्रसाद और बूटी है तो अवैध क्यों है भाई ? यह दोहरी नीति क्यों? अगर वह भगवान का प्रसाद है और भगवान की बूटी है तो उसे कानून में मान्यता दो। कानून में अवैध और पीने के लिए छूट, भकाभक। हम कह रहे हैं लुका के क्यों पी रहें है? हम कह रहे हैं कि अगर भगवान शंकर की बूटी व प्रसाद है भांग को समाज में जिस तरह तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया जाता है।

भांग का लाइसेंस मिलेगा। गांजा का तो लाइसेंस नहीं है। यह ऐसी अवैध चीज है। अभी कुम्भ लगने जा रहा है एकाद मालगाड़ी भी अगर चली जाएगी गांजा की तो वह भी खत्म हो जाएगी। बहुत सारे साधू, संत, महात्मा समाज के लोग गांजा को बड़ा शौक से पीते हैं और कहते हैं कि पीने से भूख भी लगती है। स्वास्थ्य के लिए भी पीते हैं।

शिकायतकर्ता ने तहरीर में लिखा है कि सांसद के इस बयान के वायरल वीडियो के कारण साधू समाज द्वारा सोशल मीडिया पर अपना रोष प्रकट किया जा रहा है। सांसद का यह बयान धारा 353(3) बीएनएस के तहत दण्डनीय अपराध है।

गाजीपुर से सपा सांसद अफजाल अंसारी ने कहा - गांजा को वैध कर देना चाहिए। लाखों-करोड़ों लोग खुलेआम गांजा पीते हैं। उसे भगवान का प्रसाद और भगवान की बूटी कहकर पीते हैं। भगवान की बूटी है, तो अवैध क्यों? अपने योगी बाबा से कहिए, गांजा को कानून में मान्यता दिलाएं।

अगर गांजा कानूनन अवैध है, तो पीने की छूट क्यों है। ये दोहरी नीति नहीं चलेगी। कुंभ में एक मालगाड़ी गांजा चला जाए तो खप जाएगा। साधु, सन्त, महात्मा और समाज के बहुत लोग गांजा बड़े शौक से पीते हैं। न यकीन हो तो मेरे साथ गाजीपुर के मठों में चलकर देखिए। लखनऊ में भी पी रहे हैं। मेरी मांग है कि इसे कानून का दर्जा दे दीजिए।

अफजाल अंसारी गुरुवार को पत्रकार भवन में मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने तिरुपति बालाजी के लड्‌डू प्रसादम विवाद पर कहा- यह सब विवाद इसलिए हुआ है, ताकि गुजरात की कंपनी को बालाजी के मंदिर के प्रसाद का ठेका पहुंच जाए। इसलिए ये प्रचार किया गया है। प्रसाद में घी का अंश है, न कि किसी जानवर का. 
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