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मुलायम सिंह यादव के ज्योतिष गुरु के 12 हत्यारों को उम्रकैद, 12 साल बाद फैसला

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, जौनपुर. जौनपुर के चर्चित ज्योतिषाचार्य डॉक्टर रमेश चंद्र तिवारी हत्याकांड में 12 दोषियों को उम्रकैद की सजा हुई है। 
जौनपुर जिला कोर्ट की एडीजे फोर्थ रूपाली सक्सेना ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने सभी पर 30-30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
यह ज्योतिष डॉ रमेश चंद्र तिवारी की फोटो है। जिनकी हत्या कर दी गई थी।
रमेश तिवारी पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के ज्योतिष गुरु थे। जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर ऊंचगांव में 15 नवंबर, 2012 की सुबह करीब 10 बजे ज्योतिषी रमेश पूजा कर रहे थे। तभी उनके घर पर पुलिस की वर्दी में दो बदमाश आए। परिवार से ज्योतिषी से मिलने के लिए कहा। परिवार के लोगों ने कहा- आप बैठिए। अभी वो पूजा कर रहे हैं।

पूजा खत्म करने के बाद रमेश उनसे मिलने पहुंचे। बदमाशों ने हाथ जोड़कर गुरु जी नमो नम: कहकर नमस्ते किया और आशीर्वाद लिया। तभी अचानक कार्बाइन और पिस्टल से गोलियां चलानी शुरू कर दी। फायरिंग में रमेश तिवारी की मौके पर ही मौत हो गई। बचाने में उनके भाई राजेश भी घायल हुए थे।
लाल कुर्ते में मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह है। उसे जेल भेज दिया गया है।
प्रधानी के चुनावी रंजिश में हुई थी हत्या
पूर्व डीजीसी क्रिमिनल और वकील आशुतोष चतुर्वेदी ने कहा, रमेश तिवारी बहुत ही इनोसेंट पर्सन थे। वो किसी के साथ अन्याय कर ही नहीं सकते थे। उनकी प्रधानी के चुनावी रंजिश में हत्या करा दी गई थी। वर्चस्व की लड़ाई में गांव के कुछ लोगों ने मिलकर अलीगढ़ से शूटर बुलाकर घर में घुसकर गोली चलवाई थी, जिसमें रमेश तिवारी की मौत हो गई। घटना के दूसरे दिन ही पुलिस ने मामले का खुलासा कर दिया था। जिसमें सभी आरोपियों का नाम सामने आया। मैं कोर्ट के फैसले से संतुष्ट हूं। पीड़ित परिवार के साथ न्याय हुआ है।

रमेश तिवारी के भाई उमेशचंद तिवारी ने कहा, मुझे कोर्ट पर पूरा भरोसा था कि न्याय मिलेगा। ये कोर्ट का अद्वितीय निर्णय रहा। कोर्ट के फैसले का हम लोग, पूरा समाज स्वागत करते हैं।

उन्होंने कहा, मेरे भाई की हत्या में पड़ोसी धीरेंद्र सिंह मुख्य साजिशकर्ता थे। उन्होंने ही दो शूटर बुलाकर मेरे भाई पर गोली चलवाई थी। ईश्वर ने हमें न्याय दिया है। मेरे भाई इतने विद्वान थे कि कई दलों के लोग उनसे संपर्क रखते थे। उस समय सपा की सरकार थी। इसलिए मुलायम सिंह और अखिलेश का भी घर आना जाना लगा रहता था।

सपा सरकार में हुई हत्या, अखिलेश थे सीएम
रमेश तिवारी हत्याकांड के वक्त यूपी में सपा की सरकार थी। अखिलेश सीएम थे। ज्योतिषी के घर मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह यादव का आना जाना था। इसलिए सरकार ने इस हत्याकांड को गंभीरता से लिया। पुलिस को तत्काल एक्शन लेने के निर्देश दिए गए। हत्या के तुरंत बाद पुलिस अधिकारियों ने मामले में एक जांच टीम का गठन किया। पुलिस ने कुछ घंटे के भीतर शूटर शेर बहादुर सिंह को मुठभेड़ में मार गिराया था।

पुलिस ने इस मामले में कोर्ट में बताया था कि प्रधानी चुनाव और आपसी रंजिश के चलते इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया।

पुलिस की जांच में मुखबिर की सूचना और आरोपियों के मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर शूटर विपुल सिंह, हत्या के मुख्य साजिशकर्ता धीरेंद्र सिंह, झारखंडे सिंह, सूबेदार सिंह, कौशल किशोर सिंह, विजय बहादुर सिंह, वीरेंद्र बहादुर सिंह, लाल शंकर उपाध्याय, अमित उर्फ पंडित, अरविंद, शैलेंद्र, तन्नू सिंह, अमरजीत सिंह का नाम सामने आया। इनमें आरोपी झारखंडे सिंह की मौत हो चुकी है। शूटर शेर बहादुर सिंह की एनकाउंटर में जान गई थी।

13 आरोपियों के खिलाफ दाखिल हुई थी चार्जशीट
रमेश तिवारी हत्याकाडं में 13 आरोपियों के खिलाफ जौनपुर पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। कुछ समय तक जेल में बंद रहने के बाद सभी आरोपियों की जमानत भी हो गई थी। एक आरोपी धीरेंद्र की जमानत सुप्रीम कोर्ट से हुई थी। मंगलवार को कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद सभी आरोपियों को दोषी पाते हुए सजा सुनाई।

यूपी की राजनीति में थी रमेश तांत्रिक की थी गहरी पैठ
कोर्ट के फैसले के बाद ही ऊंचगांव और डॉ. रमेश चन्द्र तिवारी के घर के आसपास पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है। डॉ. तिवारी के पास सपा समेत अन्य राजनीतिक पार्टियों के शीर्ष नेताओं का आना जाना लगा रहता है। वे यूपी की राजनीति में काफी प्रभाव रखते थे।
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