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घूस में पैसे, शराब और मछली मांग रहा था लेखपाल, BJP विधायक ने कहा- हाथ, पैर तोड़ देंगे

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, मिर्जापुर. मिर्जापुर के भाजपा विधायक ने एसडीएम को लेखपाल के हाथ-पैर तोड़ने की धमकी दी। कहा- एसडीएम साहब लेखपाल को समझा लीजिए नहीं तो उसके हाथ-पैर टूट जाएंगे। आपका लेखपाल लोगों से काम के बदले मछली और शराब की डिमांड करता है। फोन पर लोगों से अभद्रता करता है। घूस न देने पर गाली देता है।
मामला नीबी गहरवार गांव का है। सदर विधायक रत्नाकर मिश्रा नीबी गहरवार गांव में सोमवार को जन्माष्टमी पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। इस दौरान ग्रामीणों ने लेखपाल के खिलाफ घूस लेने और गाली-गलौज करने का आरोप लगाया। विधायक ने पहले लेखपाल फिर एसडीएम से बात की।

विधायक रत्नाकर मिश्रा से ग्रामीण नीरज सिंह ने कहा- एक जमीन के सिलसिले में मैंने लेखपाल दिव्यांशु श्रीवास्तव से संपर्क किया तो उन्होंने मुझसे रिश्वत में एक कांटे वाली मछली और पैसे की डिमांड की। घूस नहीं देने पर शराब के नशे में फोन पर गालियां दी। नीरज ने विधायक को ऑडियो भी सुनाया।

विधायक ने लेखपाल से कहा- होश में रहिए
ऑडियो क्लिप सुनने के बाद विधायक ने लेखपाल को फोन कर कहा- होश में रहिए...ज्यादा शराब पीना बंद कीजिए, समझ रहे हैं न। लोगों को जिस तरह से गाली दे रहे हो यह आपके हित में नहीं है। जनता की सेवा के लिए हो। तुम्हारी सारी करतूत इन लोगों के फोन में रिकॉर्ड है। तुम पर कार्रवाई होकर रहेगी। तुम लोगों से पैसे और दारू मांगते हो, शर्म नहीं आती है।

मौके पर मौजूद सभी ग्रामीणों ने हलका लेखपाल पर नशे में धुत होकर गाली-गलौज करने की बात कही। लेखपाल पर वरासत दर्ज करने और पैमाइश के नाम पर धन उगाही का आरोप लगाया। ग्रामीणों ने कहा- लेखपाल ने नीबी गहरवार व आसपास के गांवों में कुछ दलाल व बिचौलियों को पाल रखा है।

कार्रवाई कीजिए नहीं तो…हाथ-पैर तोड़ दिए जाएंगे
विधायक रत्नाकर मिश्रा ने लेखपाल से बात करने के बाद एसडीएम सदर आशा वर्मा को फोन किया। कहा- लेखपाल दिव्यांशु श्रीवास्तव सही नहीं कर रहा है। उसकी ऑडियो क्लिप आपको भेज रहे हैं। काम के बदले पैसे और मछली मांगता है। नहीं देने वालों को गालिया देता है। कार्रवाई कीजिए नहीं तो उसके हाथ-पैर तोड़ दिए जाएंगे। उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। वह जनता का सेवक नहीं भक्षक है।

बीजेपी विधायक रत्नाकर मिश्रा विंध्याचल में स्थित प्रसिद्ध मां विंध्यवानसी मंदिर के पुरोहित हैं। पुरोहित के साथ-साथ वह राजनीति में भी सक्रिय हैं। पिता अलबेले मिश्रा संघ के सक्रिय कार्यकर्ता थे, जिसके चलते बचपन से ही रत्नाकर मिश्रा का संघ से जुड़ाव था।
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