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पेनल्टी शूटआउट से जीता भारत...ओलिंपिक 2024 में चमकने वाले गाजीपुर के हॉकी खिलाड़ी राजकुमार को जानिए

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर.  पेरिस ओलिंपिक 2024 में रविवार को भारत और ग्रेट ब्रिटेन के बीच रोमांचक मैच रहा। फुलटाइम तक मुकाबला 1-1 की बराबरी पर रहा, जिसके बाद नतीजा पेनल्टी शूटआउट में निकला। भारत ने शूटआउट 4-2 से बढ़त बनायी। भारत ने पुरुष हॉकी के सेमीफाइनल में जगह बना ली है। पेनाल्टी शूट आउट में कप्तान हरमनप्रीत सिंह, सुखजीत सिंह, ललित उपाध्याय और राजकुमार पाल ने गोल किए।

राजकुमार पाल गाजीपुर के करमपुर रहने वाले हैं। वह पहली बार भारत की ओर से ओलंपिक में हॉकी मैच खेल रहे हैं। राजकुमार पाल करमपुर गांव के रहने वाले हैं। ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करने वाली टीम के हिस्सा राजकुमार पाल के परिजन रविवार के मैच के बाद उनके परफॉर्मेंस पर मीडिया से अपनी प्रतिक्रिया साझा किया।
ऑनलाइन मीडिया की टीम ने राजकुमार पाल के बड़े भाई जोखन पाल से संपर्क किया। जोखन पाल वर्तमान में स्पोर्ट्स कोटे से भारतीय सेवा के कोर ऑफ सिग्नल्स में कार्यरत हैं। उन्होंने करमपुर स्टेडियम के कोच इंद्रदेव पाल से हॉकी की बारीकियां सीखी थी। वर्तमान में वह कोर ऑफ सिग्नल्स की हॉकी टीम से खेलते हैं। उन्होंने बताया कि रविवार को ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ मैच खत्म होने के बाद लगातार उनके पास परिचितों ,दोस्तों और रिश्तेदारों के बधाई देने के लिए फोन कॉल्स आ रहे हैं। उन्होंने राजकुमार पाल के परफॉर्मेंस पर खुशी जाहिर की।

जोखन ने कहा कि एक कम खिलाड़ी के साथ भारतीय क्रिकेट हॉकी टीम रविवार का ब्रिटेन के खिलाफ मैच खेल रही थी। भारतीय टीम में 11 के स्थान पर 10 खिलाड़ी ही रविवार को खेलें ।बेहतरीन डिफेंडिंग खेल का प्रदर्शन भारतीय टीम की ओर से किया गया। खेल की रणनीति पर विशेष रूप से काम करते हुए जिस तरीके से पेनल्टी शूटआउट को गोल में तब्दील किया गया। वह बेहद अच्छे खेल का प्रदर्शन था।

जोखन पाल ने बताया कि वह तीन भाई हैं।। राजकुमार पाल तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। राजू पाल बीच के भाई हैं। जो की 2012 से 2015 तक जूनियर हॉकी टीम में खेले हैं। वर्तमान में वह भारतीय रेलवे में स्पोर्ट्स कोटा से नौकरी कर रहे हैं। वह भारतीय रेलवे की ओर से खेलने के दौरान सात बार राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीत चुके हैं ।जोखन ने बताया कि दोनों बड़े भाइयों को खेलते देखा राजकुमार पाल का भी रुझान हॉकी की तरफ बढ़ा।

राजकुमार के हॉकी प्रेम को मेघबरन स्टेडियम के संस्थापक स्वर्गीय तेज बहादुर सिंह का साथ मिला। तेज बहादुर सिंह की देखरेख में राजकुमार ने 2010 में हॉकी खेलनी शुरू की। 2012 में लुधियाना के अंडर 14 हॉस्टल में राजकुमार का सिलेक्शन हुआ। लेकिन उसी साल पिता की दुर्घटना में मौत होने के कारण उन्हें हॉस्टल छोड़ना पड़ा। इसके साथ ही जोखन और राजू की भी उस दौरान अलग अलग स्पोर्ट होस्टल में चल रही हॉकी ट्रेनिंग बुरी तरह प्रभावित हुई थी।

जोखन ने बताया कि स्पोर्ट्स कोटे से वह वर्तमान में कोर ऑफ सिग्नल्स इंडियन आर्मी के हॉकी टीम के लिए खेल रहे हैं। 2012 में जोखन का सिलेक्शन हुआ था। उनके बीच के भाई राजू पाल भारतीय रेलवे में काम कर रहे हैं। राजू का सेलेक्शन 2015 में हुआ था। वहीं राजकुमार पाल ने 2020 में बेल्जियम के खिलाफ पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। जोखन ने कहा कि उन्हें इस बात का गर्व है कि उनके सबसे छोटे भाई राजकुमार पाल ने ओलंपिक खेलों तक का सफर तय किया है। राजकुमार पाल के ब्रिटेन के खिलाफ हॉकी मैच में प्रदर्शन पर लगातार उनके परिजन को बधाइयां मिल रही हैं।

राजकुमार पाल ने मेघबरन स्टेडियम से हॉकी का अभ्यास शुरू किया था। 2010 में उन्होंने हॉकी खेलना शुरू किया था। स्टेडियम के वर्तमान में प्रबंधक अनिकेत सिंह ने मीडिया को बताया कि यह स्टेडियम के अन्य बच्चों के लिए नजीर बनेगा राजकुमार का रविवार का खेल परफॉर्मेंस। अनिकेत ने यह भी बताया कि राजकुमार से पहले ललित उपाध्याय भी मेघबरन स्टेडियम में हॉकी का अभ्यास कर ओलंपिक तक का सफर तय कर चुके हैं। इन दोनों खिलाड़ियों के हॉकी में उपलब्धि की वह सराहना करते हैं। इससे स्टेडियम में अभ्यासरत अन्य खिलाड़ियों को भी प्रेरणा मिलेगी। रविवार के मैच में राजकुमार का प्रदर्शन बेहद सराहनीय रहा।
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