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आजम खां के भैंस-बकरी लूटकर ले जाने के आरोप वाले 12 मुकदमों को कोर्ट ने एक माना

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम,  रामपुर. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के विरुद्ध यतीमखाना प्रकरण 12 मुकदमों में अब अलग-अलग सुनवाई नहीं होगी। न्यायालय ने इन मुकदमों की पत्रावली एक करते हुए सुनवाई करने का आदेश दिया है। 
आजम खां के विरुद्ध यतीमखाना प्रकरण के सभी मुकदमे शहर कोतवाली में दर्ज कराए गए थे। इनमें वादियों द्वारा कहा गया है कि मुहल्ला सराय गेट के निकट स्थित यतीमखाना बस्ती को वर्ष 2016 में जबरन खाली कराया गया था। तब प्रदेश में सपा की सरकार थी। 

आजम खां के इशारे पर सपाइयों ने पुलिस फोर्स के साथ बस्ती को जबरन खाली करा दिया था। मुकदमों में घरों में घुसकर मारपीट करने, छेड़छाड़ करने, रुपये, जेवर और भैंस-बकरी लूटकर ले जाने के आरोप हैं। इन मुकदमों में आजम खां समेत सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल, इस्लाम ठेकेदार आदि भी नामजद हैं। 

मुकदमे की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) में चल रही है। अभी तक मुकदमों की अलग-अलग सुनवाई हो रही थी। इस संबंध में आरोपियों के अधिवक्ताओं ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर सभी मुकदमों की एक पत्रावली करने का अनुरोध किया था। 

आजम खां के अधिवक्ता नासिर सुल्तान ने बताया कि न्यायालय ने हमारे प्रार्थना पत्र पर यतीमखाना प्रकरण के सभी मुकदमों को एक मानते हुए सुनवाई करने का निर्णय लिया है। 

दरअसल, ये सभी मुकदमों एक जैसे ही हैं। किसी मुकदमे का वादी दूसरे मुकदमे में गवाह बन गया है। इनकी फाइल एक करके सुनवाई करने में न्यायालय का भी समय बचेगा। अब इस मामले में 16 अगस्त को सुनवाई होगी।
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