Airtel, Jio, Vi के रिचार्ज फिर होंगे महंगे! इस नए नियम ने बढ़ाई टेलीकॉम कंपनियों की चिंता
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. TRAI समय समय पर नए फैसले लेती है। लेकिन अब इससे टेलीकॉम कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ता है। अब ऐसे में ही फैसलों की वजह से टेलीकॉम कंपनियों की चिंता बढ़ गई है। इन सबसे निपटने के लिए कंपनियों ने एक प्लान भी बनाया है। आज हम आपको नए नियम और टेलीकॉम कंपनियों के आगे के प्लान के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही BSNL 5G से संबंधित जरूरी जानकारी भी देंगे।
दरअसल एक तरफ TRAI की तरफ से नए नियमों को लागू कर दिया गया है तो दूसरी तरफ BSNL 5G की एंट्री की खबरों ने टेलीकॉम प्रोवाइडर्स की चिंता बढ़ा दी है। अब ये चिंता केंद्र सरकार तक पहुंचने वाली है। क्योंकि कंपनियों से ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए केंद्र सरकार का दरवाजा खटखटाने का फैसला लिया है। इसको लेकर एक नई रिपोर्ट भी सामने आई है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कंपनियां बहुत जल्द केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर सकते हैं। इसको लेकर कंपनियों की तरफ से जानकारी भी दी गई है। लेकिन एक बात तो साफ है कि अगर ऐसा होता है कि इसका सीधा असर मोबाइल यूजर्स पर भी पड़ने वाला है जो उन्हें काफी परेशान कर सकता है।
TRAI के फैसले ने किया परेशान-
TRAI के नए नियम की वजह से टेलीकॉम प्रोवाइडर्स पर भार पड़ सकता है और इससे नेटवर्क का कोस्टिंग भी बढ़ सकती है। ET की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कंपनियों के प्रतिनिधि बहुत जल्द इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर सकते हैं। कंपनियों का कहना है कि ऐसी अर्थव्यवस्था में इतने सख्त नियम किसी भी देश में नहीं हैं। इससे टेलीकॉम इंडस्ट्री पर भी प्रभाव पड़ता है और ग्राहकों को मिलने वाले बेनिफिट्स भी कम हो सकते हैं।
क्या है TRAI के नए फैसले में शामिल बातें-
TRAI की तरफ से क्वालिटी ऑफ सर्विस को मापने के लिए नए मापदंड लागू किए गए हैं। ये फैसला 1 अक्टूबर से लागू होने वाला है। इसमें टेलीकॉम कंपनियों के नेटवर्क का जांच की जाएगी। इस फैसले के बाद टेलीकॉम कंपनियों के लिए काफी सख्त नियमों को लागू कर दिया गया है। नेटवर्क बाधित होने की स्थिति में जुर्माने की राशि को दोगुना कर दिया गया है। हालांकि इसमें कुछ कुछ नियम हैं जैसे लगातार 24 घंटे तक नेटवर्क बाधित होने की स्थिति में ये जुर्माना देना होगा।
कंपनी के एग्जीक्यूटिव ने कहा, 'केंद्रीय मंत्री के साथ दूसरे राउंड की मीटिंग में इस मुद्दे को उठाया जाएगा। बहुत सारी चीजें ऐसी हैं जो टेलीकॉम कंपनियों के भी हाथ में नहीं है। ऐसे में हमें पूरी उम्मीद है कि वह हमारी बात सुनेंगे। हम इसको लेकर TRAI से भी बात करें और टेलीकॉम की चुनौतियों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। इस मामले पर पूरी बात की जाएगी और हम अपनी बात भी कुछ पॉइंट्स के साथ रखेंगे। क्योंकि अगर ऐसा होता है कि टेलीकॉम कंपनियों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा।'
इस मामले पर जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया की बॉडी सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने अपना बयान दिया है। बॉडी का कहना है, 'हम नए नियमों की सख्ती के जरूर खिलाफ है, लेकिन हम फिलहाल इन्हें मानेंगे। ये नियम टेलीकॉम ऑपरेटर्स को सीधा प्रभावित करने वाले हैं। क्योंकि इससे हर किसी पर असर पड़ेगा। टेलीकॉम ऑपरेटर्स की कॉस्टिंग ज्यादा हो जाएगी तो वहीं कस्टमर्स को मिलने वाले बेनिफिट्स पर भी इसका असर दिखेगा।'
अगर कोई नेटवर्क लगातार 12 घंटे तक ठप रहता है तो इसे 1 दिन के रूप में गिना जाएगा। यानी टेलीकॉम कंपनियों को 1 दिन ज्यादा वैलिडिटी देनी होगी।
ब्रॉडबैंड सर्विस 3 दिन तक खराब रहने की स्थिति में कंपनियों को मुआवजा देना होगा। पहले मुआवजा राशि 50 हजार रुपए थी, जिसे बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है।
24 घंटे तक नेटवर्क आउटेज की स्थिति में टेलीकॉम कंपनियों को भुगतान करना पड़ेगा। यानी ये नेटवर्क को लेकर टेलीकॉम कंपनियों को काफी सुधार करना होगा।
TRAI के नियमों में कई अन्य चीजों को भी शामिल किया गया है। ब्रॉडबैंड और वायरलाइन, वायरलेस सेवा विनियम, 2024 का कंपनियों को सख्ती से पालन करना होगा और ऐसा नहीं करने पर जुर्माना राशि भरनी होगी।