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गाजीपुर जिले के 45 गांव हो जाएंगे शहर, गंगा किनारे नहीं होगा कोई काम

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर शहर की बढ़ती आवश्यकता और आबादी को देखते हुए तैयार की गई महायोजना-2031 पर शासन स्तर से मंजूरी मिल गई है। अपर मुख्य सचिव डॉ. नितिन रमेश गोकर्ण ने जिलाधिकारी को इस संबंध में पत्र भेज दिया है। हालांकि अभी नक्शा नहीं आया है। लेकिन, इसके लागू होने से शहर में होने वाले निर्माणों को जहां व्यवस्थित किया जाएगा, वहीं समीप के 45 गांवों के नगरीकरण का खाका तैयार करके विकास कार्य कराए जाएंगे। इसके साथ ही गंगा के किनारे निर्धारित एरिया में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी जाएगी।
शहर में 2001 तक की आवश्यकताओं के आधार पर इसके पहले योजना बनाई गई थी। लेकिन,अब इसे 2031 की आवश्यकता को देखते हुए नए सिरे से तैयार कर लिया गया है, जो 122 पेज का है। विभागीय लोगों के मुताबिक वर्ष 2022 में इसकी प्रदर्शनी नगर पालिका और मास्टर प्लान कार्यालय में लगाई गई थी। इसके लोगों की आपत्ति व सुझाव को शासन को भेजा। इस योजना का प्रस्तावित रकबा 3002.08 हेक्टेयर से अधिक का निर्धारित किया गया। 

इसमें नगर की बढ़ती आबादी एवं जरूरतों को देखते हुए सभी आवासीय, व्यावसायिक, औद्योगिक, कार्यालय, सार्वजनिक एवं अर्द्ध सार्वजनिक सुविधाएं व सेवाओं का अलग-अलग रकबा निर्धारित किया गया है। इसके अलावा सार्वजनिक उपयोगिता, पार्क व हरित पट्टी, यातायात व परिवहन सहित अन्य विभिन्न निर्माण एवं स्थान के लिए क्षेत्रफल निर्धारित है। इस दायरे में आने वाले 45 गांवों को विनियमित क्षेत्र से जोड़ने की तैयारी चल रही है।

इनमें रौजा, बीकापुर, मिरनपुर शक्का, सौहिलपुर, बबेड़ी, चकअब्दुल बहाव, नुरूल्लाहपुर, गौसाबाद, फतेहपुर सिकंदर, चकबिसंभर, बकुलियापुर, अंघऊ, बिराईच, बेलवा, नसीरपुर, सरैय्या, अतरौली, हेतीमपुर, पहाड़पुर उर्फ लंगड़पुर, चकसहरूल्लाह, महराजगंज, देवकठिया, शेखपुर, अरशदपुर, सहादतपुर, जंगीपुर, चक आसमानी गांव, बिंदवलिया, आलमपट्टी, अकरपुर बंजारीपुर आदि गांव आने की बात कही जा रही है। साथ ही महायोजना के लागू होने के बाद नदी किनारे बसे नगरों में तट से निर्धारित क्षेत्र में कोई गतिविधि नहीं होगी। सामान्य श्रेणी के सभी निर्मित भवनों की मरम्मत एवं जीर्णोद्धार के सभी कार्य होंगे।
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