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गाजीपुर में प्रसव के बाद ब्लीडिंग से तड़पती रही महिला, 5 घंटे बाद आई एम्बुलेंस, जांच शुरू

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर के रेवतीपुर सीएचसी के स्वास्थ्य कर्मियों के आज उस समय हाथ पांव फूल गए, जब एक महिला के बच्चे को जन्म देने के तुरंत बाद उसे असहनीय दर्द और तेज ब्लीडिंग होने लगी। तमाम उपचार के बाद भी महिला की हालत बिगड़ने लगी। इसके तुरंत बाद महिला के पति और खुद अधीक्षक सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा 102 और 108 एम्बुलेंस के लिए काल किया गया। करीब दर्जन भर काल करने के लगभग साढे पांच घंटे बाद 108 एम्बुलेंस पहुंची। जिसके बाद गंभीर अवस्था में महिला को जिला महिला अस्पताल भेजा गया। अस्पताल प्रशासन की इस लापरवाही के चलते महिला के परिजनों व ग्रामीणों में काफी आक्रोश रहा।
नगसर हाल्ट थाना के गोहदा विशुनपुरा निवासी अरविन्द ने बताया कि बीते रविवार की देर रात को उसकी पत्नी बेबी देवी को तेज प्रसव पीड़ा होने पर उसे वाहन से रेवतीपुर सीएचसी के प्रसव केन्द्र लाया गया। जिसके बाद महिला स्वास्थ्यकर्मी उसके उपचार में जुट गई। पति ने बताया कि आज सोमवार की सुबह उसकी पत्नी बेबी देवी ने एक बच्चे को जन्म दिया। इसके तुरंत बाद उसकी पत्नी को असहनीय दर्द व तेज ब्लीडिंग होने लगी।

बताया कि सीएचसी के चिकित्सकों ने काफी प्रयास किया। मगर हालत लगातार बिगड़ती गई। इसके बाद वह खुद, चिकित्सा अधीक्षक सहित अ‌न्य स्वास्थ्य कर्मियों ने 102 और 108 एम्बुलेंस के काल सेंटर को दर्जन भर फोन किया गया। तो उधर से जबाब मिला कि एम्बुलेंस जा रही है। मगर काफी देर तक एम्बुलेंस न आने पर उसकी पत्नी की हालात लगातार बिगड़ने लगी। इस दौरान उसकी पत्नी प्रसव के‌ंद्र में तड़पती रही। आक्रोशित महिला के परिजनों और ग्रामीणों ने अधीक्षक से मांग किया कि ऐसे लापरवाह 102 और 108 काल सेंटरों के कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की दोबारा गलती वह न कर सकें।

सीएचसी अधीक्षक डॉक्टर अमर कुमार ने बताया कि लापरवाह 102 और 108 काल सेंटरों के कर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए सीएमओ को पत्र भेज दिया गया है। फिलहाल वह अपने स्तर से मामले की जांच कर रहे हैं।
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