अगले तीन दिन पूर्वांचल में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी, अलर्ट जारी
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी और पश्चिमी यूपी में भारी बारिश होने का आरेंज अलर्ट जारी किया है। आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार मानसून की ट्रफ लाइन दक्षिण की ओर खिसक गई थी जो कि बुधवार से उत्तर की ओर आएगी और फिर पुरवाई घने बादलों के साथ उत्तर प्रदेश के पूर्वी इलाकों में भारी बारिश देगी।
बीते 24 घंटों के दौरान सोनभद्र के घोरावल, रामपुर के विलासपुर में सात-सात सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई। गोरखपुर के चन्द्रदीपघाट में छह, बरेली के नवाबगंज में पांच, आगरा के खैरानगर में चार, मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा, बरेली,संभल के गुन्नौर और सिद्धार्थनगर के ककरही में तीन-तीन सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई। सिंचाई विभाग के नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार, गंगा नदी बदायूं के कचलाब्रिज और शारदा नदी खीरी के पलियाकलां व शारदानगर में खतरे के निशान के पार बह रही है।
इसी तरह घाघरा नदी बाराबंकी एल्गिनब्रिज, राप्ती नदी बलरामपुर, बूढ़ी राप्ती सिद्धार्थनगर के ककरही और क्वानो नदी गोण्डा के चन्द्रदीप घाट पर ख्तरे के निशान को पार कर गई है। घाघरा नदी अयोध्या और श्रावस्ती के भिन्गा, राप्ती नदी गोरखपुर के बर्डघाट और झांसी के सिद्धार्थनगर में खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है।
पिछले 24 घंटों में डूबने से श्रावस्ती में दो व सीतापुर में तीन लोगों की मौत हुई जबकि पीलीभीत में वायुसेना की मदद लेकर पूरनपुर तहसील में फंसे सभी लोगों को एयरलिफ्ट आपरेशन के जरिये सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए राहत आयुक्त जी.एस.नवीन कुमार ने नेपाल सीमा पर एसडीएफ और पीएसी तैनात किये जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे।
बलरामपुर में राप्ती कहर बरपा रही है। 100 से अधिक मकान बाढ़ का पानी घुसने के कारण ढह गए हैं। दो दर्जन से अधिक मकान राप्ती नदी में कटान से समा गए हैं। एक हजार हेक्टर से अधिक फसल पानी में जलमग्न है। बाढ़ के पानी में बहकर तीन दिनों के भीतर तीन व्यक्तियों की डूब कर मौत हो चुकी है। जल शक्ति मंत्री और मत्स्य विकास मंत्री संजय निषाद ने बाढ़ का जायजा लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को बाढ़ के हालात का जायजा लेने जाएंगे।
श्रावस्ती में राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर 90 सेंटीमीटर ऊपर चला गया था। 60 गांवों में पानी भर गया था। करीब 1500 घरों में पानी पहुंच गया था। पानी घटने पर भी जलस्तर खतरे के निशान से 10 सेंटीमीटर नीचे है। बुधवार को डूबने से दो लोगों की मौत हो गयी। बाढ़ में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है।
बहराइच में घाघरा व सरयू का रौद्र रूप जारी है। बाढ़ संग तटवर्ती गांवों में कटान भी तेज हो गई है। 24 घंटे के अंदर शिवपुर ब्लॉक क्षेत्र के तटवर्ती गांवों के 17 मकान सरयू की धारा में समाहित हो चुके हैं। छह हेक्टेअर से अधिक कृषि योग्य जमीन भी धारा ने निगल लिया है। हालांकि मंगलवार को दोपहर बाद बाढ़ का पानी घटने लगा है, जिससे थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद जगी है।
गोण्डा में बैराजों से लगातार छोड़े जा रहे पानी से घाघरा नदी में उफना कर बांध व नदी के बीच के हिस्से को लबालब कर चुकी है। इससे जिले के माझ क्षेत्र पानी का दबाव बढ़ता जा रहा है। मंगलवार शाम चार बजे एल्गिन ब्रिज पर घाघरा नदी खतरे के निशान से आधा मीटर (0.53 सेमी) ऊपर पहुंच चुकी है। उधर, अयोध्या में सरयू नदी लाल निशान से सात सेमी पार बह रही है। इससे सरयू के तटीय क्षेत्र मे बसे कई गांवों के अधिकांश मजरे बाढ़ के पानी से घिर गए हैं।
अयोध्या में सरयू का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। प्रति घंटा दो सेंटीमीटर के हिसाब से जलस्तर बढ़ रहा है। नदी का रौद्र रूप देखकर कछार में रहने वाले लोग भयभीत हैं। घरों के जरूरी सामान और जानवरों को सुरक्षित स्थानों पर पंहुचाने लगे हैं। मंगलवार की देर शाम तक नदी का जलस्तर लाल निशान से 9 सेंटीमीटर अधिक था।
सीतापुर में घाघरा और शारदा में तीन बैराजों से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी के चलते इलाके के डेढ़ दर्जन गांवों में पानी घुस गया है। कई गांवों के सम्पर्क मार्ग कट गए हैं। लोगों का आवागमन प्रभावित है। बाढ़ के पानी में दो बच्चों समेत तीन डूब गए। बच्चों के शव मिल गए युवक तेज धारा में बह गया।
बाराबंकी में सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 53 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है। बाढ़ का पानी 22 गांव में घुस गया है। बाढ़ पीड़ित बंधे की ओर पलायन कर रहे हैं। बाढ़ चौकिया सक्रिय कर पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं। अभी कोई नुकसान की स्थिति नहीं है।
गोरखपुर-बस्ती मंडल में सरयू और बूढ़ी राप्ती खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जबकि राप्ती, रोहिन, गोर्रा, कुआनो आदि नदियां भी उफान पर हैं। गंडक के डिस्चार्ज में कमी आई है। दर्जनों गांव बाढ़ से घिरे हुए हैं। संपर्क मार्गों पर पानी भरने से आवागमन के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है।
सिद्धार्थनगर में राप्ती और बूढ़ी राप्ती नदी में उफान से कई मार्गों पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है। बूढ़ी राप्ती खतरे के निशान से 91 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। दर्जनभर गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। डुमरियागंज, भनवापुर, शोहरतगढ़ में राप्ती व बूढ़ी राप्ती तबाही मचाने की ओर अग्रसर है। भनवापुर क्षेत्र में शाहपुर-सिंगारजोत मार्ग पर बेलवा बिजौरा के पास पानी चढ़ गया है। करीब तीन फुट पानी बह रहा है। जूड़ीकुइयां गांव में बाढ़ का पानी भर गया है। तेलार नदी भी लाल निशान के पास बह रही है। बाकी नदियों के जलस्तर में कमी हो रही है या फिर स्थिर हैं।
देवरिया में सरयू नदी खतरे का निशान पार कर गई है। गोर्रा, राप्ती का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। छोटी गंडक नदी का जलस्तर भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है। जिला प्रशासन के अनुसार अभी तक कोई गांव बाढ़ प्रभावित नहीं है। संतकबीरनगर में आमी नदी का पानी बघौली ब्लॉक के दर्जन भर गांवों के निचले इलाके वाले सिवान में फैल रहा है। इससे धान की फसल डूब रही है।