दो घंटे में गोरखपुर से वाराणसी पहुंचेंगी ट्रेनें, 2200 करोड़ की परियोजना को जमीन पर उतारने की तैयारी
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. गोरखपुर से वाराणसी के बीच का सफर जल्द ही दो घंटे का होगा। इस टाइम लाइन को छूने के लिए रेलवे विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के इंजीनियर जी-जान से जुटे हैं। 2200 करोड़ रुपये की 120 किमी लंबी रेललाइन की दोहरीकरण परियोजना को इसी वर्ष जमीन पर उतारने की तैयारी है।
वाराणसी-गोरखपुर रेलखंड का बड़ा हिस्सा सिंगल रेलखंड होने से क्रासिंग पर ट्रेनों के ठहराव के कारण 225 किलोमीटर की दूरी तय करने में चार घंटे से अधिक वक्त लग जाता है। अश्विनी वैष्णव को दोबारा रेल मंत्रालय की कमान मिलने के बाद रेलवे की अधूरी परियोजनाएं गति पकड़ने लगी है।
120 किलोमीटर की लाइन का हो रहा दोहरीकरण
महत्वपूर्ण परियोजनाओं में बनारस रेल मंडल की गोरखपुर-बनारस के बीच 120 किलोमीटर की रेललाइन का दोहरीकरण भी शामिल है। ट्रेन पूरी रफ्तार से दौड़ेगी तो वाराणसी से गोरखपुर के बीच 225 किमी की दूरी अधिकतम सवा दो घंटे में तय कर लेगी। इसके लिए 120 किमी रेल लाइन को सिंगल से डबल किया जा रहा है।
50 किमी से ज्यादा रेललाइन बिछाने का काम पूर्ण हो गया है। शेष 70 किमी लाइन बिछाने का कार्य इस साल के अंत तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। इसके पूर्ण होते ही ट्रेनें दो से सवा दो घंटे में गोरखपुर से बनारस पहुंचेंगी।
बनारस से गोरखपुर के बीच रेलवे स्टेशन जखनिया, दुल्लहपुर, पिपरीडीह, तुर्तीपार, लाररोड, सलेमपुर में क्रासिंग के लिए ट्रेनें रोकी जाती हैं। सात स्टेशनों पर कम से 15 मिनट का ठहराव भी हुआ तो परिचालन के समय में करीब पौने दो घंटे जुड़ जाने से ट्रेनें विलंब से पहुंचती हैं।
इन रेलखंड पर पूर्ण हुआ काम
औड़िहार से सादात -इंदारा से बेल्थरा -पिवकोल से भटनी
बनारस रेल मंडल के डीआरएम विनीत कुमार श्रीवास्तव ने बताया- रेल लाइन बिछाने का काम तेजी से चल रहा है। परियोजना में तुर्तीपार में घाघरा नदी पर बन रहा एक किलोमीटर लंबा रेलवे का पुल भी है। ट्रैक दोहरीकरण संग सिग्नल सिस्टम भी अपडेट किया जा रहा है। कोशिश है जल्द से जल्द कार्य पूर्ण हो ताकि ट्रेनें पूरी रफ्तार से चलाई जा सकें।