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गाज़ीपुर पुलिस अधीक्षक ने जिले में पहली बार एण्टी फ्राड सेल का किया गठन

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में आये दिन नौकरी का झांसा देकर सरकारी/प्राईवेट भर्तियो एवं अन्य संगठित ठगी के तहत अपराध व धोखाधडी कर अपना काम निकाले जाने की वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए गाज़ीपुर पुलिस अधीक्षक ने जिले में पहली बार "एण्टी फ्राड सेल" का गठन किया है।
बताया गया कि जनपद में आये दिन नौकरी का झांसा देकर सरकारी/प्राइवेट भर्तियों आदि एवं अन्य संगठित ठगी (धारा 318(4), 338, 336(3) 340(2), 316(2) 316(4) बीएनएस के तहत अपराध/धोखाधडी कर अपना काम निकाले जाने, नौकरी के नाम पर ठगी किये जाने की घटनाएं प्रकाश में आयी है। इन घटनाओं के कारण आमजन मे असुरक्षा की भावना पैदा होना स्वाभाविक है। ऐसा भी हो सकता है कि प्रत्येक घटना की जानकारी पीड़ित पक्ष द्वारा पुलिस को नहीं दी जाती है। तथा पीड़ित पक्ष द्वारा पुलिस को सूचना दिये जाने पर घटना की जटिलता को लेकर विधिक कार्यवाही नहीं की जाती है। जिसकी वजह से इन घटनाओं में वृद्धि हो सकती है।

कहा कि ऐसी घटनाएं न केवल पुलिस प्रशासन की छवि को धूमिल करती है अपितु जनता में असुरक्षा की भावना जागृत करती है। यदि इस दिशा में प्रभावी निरोधात्मक कार्रवाई एवं इन घटनाओं में संलिप्त अभियुक्तों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाये तो निश्चित ही इस प्रकार की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लग सकेगा।

इसलिये एसपी ईराज राजा ने जनपद स्तर पर "एण्टी फ्राड सेल" का गठन किया है। जिसमें अपर पुलिस अधीक्षक को नोडल, अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, क्षेत्राधिकारी और प्रभारी डीसीआरबी को सदस्य बनाया गया है।

इस सेल द्वारा सम्बंधित मामलों के जनपद/थानास्तर पर प्राप्त होने वाले प्रार्थना पत्रों पर कार्रवाई की समीक्षा की जायेगी तथा की गयी कार्यवाही की क्रास चेकिंग कर अधीनस्थों के माध्यम से गुणवता की भी जांच की जायेगी।

जनपद/थानास्तर पर प्राप्त होने वाले समस्त प्रार्थनापत्रों की जांच पूर्ण करने की अधिकतम समय सीमा 15 दिवस निर्धारित की गयी है। एण्टी फ्राड सेल मीटिंग प्रत्येक सप्ताह किया जायेगा। जिससे अधिक समय व्यतीत होने पर किसी भी अधिकारी/कर्मचारी की उदासीनता मिलने पर बिना स्पष्टीकरण की मांग किये दण्डात्मक कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।
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