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अब ट्रेन में 10% ही वेटिंग, पहले जैसी नहीं होगी भीड़; AI से होंगे कई बदलाव

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ.  ट्रेन में अत्यधिक भीड़ पर अंकुश लगाने के लिए नई कवायद शुरू होने जा रही है। अगर एनईआर द्वारा दिए गए सुझावों पर अमल हो गया तो वेटिंग टिकट वाले यात्रियों की संख्या बेहद कम हो जाएगी और कन्फर्म बर्थ वाले यात्री सुकून से यात्रा कर सकेंगे। नई व्यवस्था में खुद ही कन्फर्म हो जाने वाली वेटिंग के बाद 10 फीसदी अधिक ही वेटिंग जारी की जाएगी। मसलन, अगर किसी ट्रेन में 40 वेटिंग अपने आप कन्फर्म हो जाती है तो उस ट्रेन में कुल 44 वेटिंग टिकट जारी किए जाएंगे।
दरअसल AI (आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस) आधारित आरक्षण प्रणाली लागू हो जाने के बाद कई अहम बदलाव किए जाने हैं। इस संदर्भ में बोर्ड ने सभी क्षेत्रीय रेलवे से आरक्षण व्यवस्था को लेकर सुझाव मांगे हैं। इसी क्रम में पूर्वोत्तर रेलवे ने वेटिंग का नया फार्मूला एनई रेलवे ने तैयार किया है। इस व्यवस्था से पीआरएस (पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम) रोजाना खुद ब खुद कन्फर्म हो जाने वाले टिकटों का परीक्षण करेगा। उसी परीक्षण के आधार पर 10 फीसदी अधिक वेटिंग जारी की जाएगी।

क्रिस (सेंटर फॉर रिजर्वेशन एंड इनफार्मेशन सिस्टम) ने एनई रेलवे के तीनों मण्डलों की पीआरएस सूची मांगी है। डिमांड के हिसाब से एनईआर ने तीनों मण्डलों के पीआरएस लोकेशन और सिस्टम की संख्या की रिपोर्ट भेज दी है। एनई रेलवे में 196 स्टेशनों पर पीआरएस सिस्टम काम करता है। पहले फेज में दिसम्बर से तकनीक शुरू हो जाएगी।

टिकट को लेकर सबसे ज्यादा मारामारी त्योहार और गर्मी की छुट्टियों में होती है। इस दौरान सीट कन्फर्म न होने के बाद भी सैकड़ों यात्री आरक्षित कोच में चढ़ जाते हैं, जो कन्फर्म सीट वालों के लिए मुसीबत बन जाते हैं। वेटिंग सीमित हो जाने से जिनकी सीट कन्फर्म नहीं होगी, वे यात्री ट्रेन में नहीं चढ़ सकेंगे।
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